जज लोया की रहस्यमय मौत की फिर होगी जांच! शरद पवार-दिग्विजय सिंह ने उद्धव सरकार से की ये मांग
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 5, 2019 07:56 AM2019-12-05T07:56:30+5:302019-12-05T07:56:30+5:30
विभिन्न वर्गों के दबाव के बाद जो संकेत मिल रहे हैं उनके अनुसार उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार जल्दी ही एसआईटी का गठन कर इस मामले की जांच को खोल सकती है.
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश बृजगोपाल लोया की रहस्यमयी मौत को लेकर अब तक अनसुलझी गुत्थी को सुलझाने के लिए महाराष्ट्र सरकार एसआईटी के गठन को लेकर मंथन कर रही है. उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार इस मामले को फिर से खोले जाने की तैयारी है ताकि यह साफ हो सके कि जज लोया की मौत किन परिस्थितियों में हुई और उसके पीछे किसका हाथ था. इस बात के संकेत आज उस समय मिले जब कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने महाराष्ट्र सरकार से इस मामले को नए सिरे से खोलकर एसआईटी गठित करने की मांग उठाई.
सूत्रों का दावा था कि दिग्विजय सिंह ने यह मांग कुछ तथ्यांे के आधार पर उठाई है जिसके संकेत उन्हें उस समय मिले जब उनको इस बात की जानकारी मिली कि राकांपा के नेता शरद पवार भी यह मानते हैं कि जज लोया की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत की जांच की जब मांग उठ रही है तब राज्य सरकार को इस दिशा में कदम उठाना चाहिए.
ऐसे भी संकेत मिले हैं कि पवार ने अपने इस विचार से राज्य सरकार को अवगत कराया है, इतना ही नहीं पवार और दिग्विजय के अलावा एनसीपी और कांग्रेस के कई दूसरे नेताओं ने भी जज लोया की मौत की फाइल फिर से खोले जाने की मांग राज्य सरकार से की है. चौतरफा दबाव के बाद राज्य सरकार अब इस मामले को लेकर गंभीर है और वह इस बात का आंकलन कर रही है कि कैसे जज लोया की मौत प्रकरण को फिर से खोला जाए.
पूर्व में भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य में सरकार होने के कारण यह मामला फाइलों में दबा रहा, इतना ही नहीं जब यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में पहुंचा तो शीर्ष कोर्ट ने भी मामले की जांच फिर से कराने की मांग संबंधी याचिका को ठुकरा दिया था. राज्य में सत्ता परिवर्तन होते ही वह सभी वर्ग सक्रिय हो गए हैं जो शुरू से जज लोया की मौत को लेकर एक पत्रिका में छपी खबर के बाद इस प्रकरण की फिर से जांच कराने की मांग उठा रहे थे.
विभिन्न वर्गों के दबाव के बाद जो संकेत मिल रहे हैं उनके अनुसार उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार जल्दी ही एसआईटी का गठन कर इस मामले की जांच को खोल सकती है. जज लोया की हत्या का मामला एक संवेदनशील मुद्दा है जिससे शीर्ष स्तर पर बैठे लोगों के तार जुड़े होने की आशंका जताई जा रही है. जिसके कारण सरकार इस मामले में कानून विशेषज्ञों की राय लेने के साथ-साथ हर स्तर पर इसकी पुष्टि कर लेना चाहती है ताकि जांच के बाद उसे किसी आलोचना का शिकार नहीं होना पड़े.