जेल में कैद पत्रकार, उसकी मां के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंस की अनुमति देने पर विचार करेंगे: उप्र सरकार

By भाषा | Published: January 22, 2021 03:30 PM2021-01-22T15:30:41+5:302021-01-22T15:30:41+5:30

Journalists imprisoned, will consider allowing video conference between their mother: UP government | जेल में कैद पत्रकार, उसकी मां के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंस की अनुमति देने पर विचार करेंगे: उप्र सरकार

जेल में कैद पत्रकार, उसकी मां के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंस की अनुमति देने पर विचार करेंगे: उप्र सरकार

नयी दिल्ली, 22 जनवरी उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि वह जेल में कैद पत्रकार सिद्दीकी कप्पन और केरल में रह रहीं उनकी मां के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंस कराने की संभावना पर विचार करेगी।

कप्पन को हाथरस (उत्तर प्रदेश) जाते समय गिरफ्तार किया गया था, जहां एक दलित युवती के साथ कथित सामूहिक बलात्कार हुआ था और बाद में इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो गई थी।

उच्चतम न्यायालय ने कप्पन की गिरफ्तारी पर प्रश्न उठाने वाली ‘केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट’(केयूडब्ल्यूजे) की याचिका को सुनवाई के लिए अन्य विविध मामलों के लिए निर्धारित दिन के वास्ते निर्धारित किया है।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने केयूडब्ल्यूजे की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की इन दलीलों का संज्ञान लिया कि कप्पन की मां अचेत अवस्था में हैं और अपने बेटे को देखना चाहती हैं।

सिब्बल ने कहा ,‘‘कृपया करके उन्हें (कप्पन की मां को) वीडियो कॉन्फ्रेंस के विकल्प की मंजूरी दीजिए, ताकि वह जीते जी अपने बेटे को देख सकें। हमने एक आवेदन दिया है। हमें अनुमति दीजिए।’’

वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हुई सुनवाई के दौरान सिब्बल की दलीलों पर पीठ ने कहा,‘‘ हम अनुमति देंगे।’’

पीठ में न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यम भी शामिल हैं।

राज्य सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि मामला उन पर और अधिकारियों पर छोड़ दिया जाए और वे वीडियो कॉन्फ्रेंस कराने की मंजूरी देने की संभावनाओं पर गौर करेंगे।

इससे पहले, उत्तर प्रदेश सरकार ने कप्पन की जमानत याचिका का यह कहते हुए विरोध किया था कि वह ‘पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) से ‘‘ताल्लुक’’ रखते हैं, जो सार्वजनिक शांति को भंग करने के लिए जिम्मेदार है।

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Web Title: Journalists imprisoned, will consider allowing video conference between their mother: UP government

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