JNUSU Election 2018: प्रेजिडेंशियल डिबेट में उम्मीदवारों के आरोप-प्रत्यारोप, जानें किसने क्या कहा?

By भाषा | Published: September 13, 2018 09:02 PM2018-09-13T21:02:04+5:302018-09-13T21:02:04+5:30

एबीवीपी के उम्मीदवार ललित पांडे ने आरोप लगाया कि कैम्पस में ‘‘राष्ट्र विरोधी’’ तत्व हैं और उन्होंने वादा किया कि अगर वह चुनाव जीते तो उन्हें ‘‘ठिकाने’’ लगा देंगे।

JNUSU Presidential Debate 2018: here is who said what | JNUSU Election 2018: प्रेजिडेंशियल डिबेट में उम्मीदवारों के आरोप-प्रत्यारोप, जानें किसने क्या कहा?

JNUSU Election 2018: प्रेजिडेंशियल डिबेट में उम्मीदवारों के आरोप-प्रत्यारोप, जानें किसने क्या कहा?

नई दिल्ली, 13 सितंबरः जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) चुनाव से पहले ‘‘प्रेजिडेंशियल डिबेट’’ में उम्मीदवारों ने आरोप लगाया कि कैम्पस में ‘‘राष्ट्र विरोधी’’ तत्व मौजूद हैं और देश ‘‘लिंचिस्तान’’ में तब्दील हो रहा है। जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव शुक्रवार को होना है। संयुक्त वाम पैनल से अध्यक्ष पद के उम्मीदवार और इस पद के प्रबल दावेदार एन साई बालाजी ने अपने भाषण में कहा, ‘‘भीड़ को लोगों को मारने और भाग जाने की अनुमति दी गई क्योंकि उन लोगों को आरएसएस, केंद्र सरकार तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन है। देश लिंचिस्तान में तब्दील हो रहा है।’’

बालाजी ने बुधवार रात हुए इस कार्यक्रम में कहा, ‘‘नोटबंदी नाकाम हो गई, वादे के मुताबिक नौकरियां नहीं हैं और उच्च शिक्षा पर लगातार हमला हो रहा है।’’  उन्होंने कहा कि यह साल भीमा कोरेगांव की हिंसा के साथ शुरू हुआ और हमने हाल ही में मानवाधिकार एवं नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं तथा विद्वानों की गिरफ्तारियां देखी हैं। यह सरकार डराने-धमकाने की तरकीब अपना रही है। यहां कुलपति विश्वविद्यालय को बर्बाद कर रहे हैं। बालाजी ने समलैंगिकता को अपराध के दायरे से बाहर करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘भविष्य इंद्रधनुषी है, ना कि भगवा (रंग का)।’’

एबीवीपी के उम्मीदवार ललित पांडे ने आरोप लगाया कि कैम्पस में ‘‘राष्ट्र विरोधी’’ तत्व हैं और उन्होंने वादा किया कि अगर वह चुनाव जीते तो उन्हें ‘‘ठिकाने’’ लगा देंगे।  राष्ट्रीय जनता दल की छात्र इकाई के उम्मीदवार जयंत कुमार ने कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई के प्रत्याशी विकास यादव की तरह ही उच्च शिक्षा के लिए फंडिंग कम करने, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में सीटों की संख्या घटाये जाने तथा विश्वविद्यालय की आरक्षण नीति में छेड़छाड़ करने को लेकर केंद्र पर निशाना साधा।

बिरसा अंबेडकर फुले छात्र संघ के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी थल्लापेल्ली प्रवीन ने कहा कि उनकी पार्टी कैम्पस के शोषित वर्गों के छात्रों की आवाज का प्रतिनिधित्व करती है। प्रवीन ने छात्रों से वाम और दक्षिण पंथ से इतर सोचने के लिए कहा। विश्वविद्यालय के ‘विजुअली चैलेंज्ड फोरम’ के कुछ सदस्यों ने चुनाव प्रक्रिया में अपने अधिकार को शामिल किए जाने की मांग करते हुए मंच के सामने एक मानव श्रृंखला बनाई जिससे डिबेट में कुछ देर हुई।

इसके संयोजक धीरू यादव ने कहा, ‘‘हमने चुनाव आयोग को कई बार पत्र लिख कर जानकारी दी है कि चुनाव प्रक्रिया किस तरह से हमारी पहुंच से बाहर है।’’ उन्होंने कहा कि चुनाव प्रक्रिया में हमारे लिए कोई व्यवस्था नहीं है। मंच के एक अन्य सदस्य रीतेश तोमर ने कहा कि चुनाव आयोग ब्रेल प्रारूप में सवाल पूछने की उनकी मांग पर ध्यान नहीं दे रहा है।

गौरतलब है कि नियमित प्रचार के अलावा जेएनयूएसयू चुनावों में उम्मीदवार प्रेजीडेंशियल डिबेट में अपने एजेंडे के बारे में भाषण देते हैं। यह कार्यक्रम अमेरिका की प्रेजीडेंशियल डिबेट की तर्ज पर आयोजित किया जाता है और छात्र संघ के चुनाव में यह डिबेट निर्णायक साबित होती है।

Web Title: JNUSU Presidential Debate 2018: here is who said what

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