सेक्सुअल हैरेसमेंट मामला: हाई कोर्ट ने जेएनयू को दिया आदेश, छात्रा की मांग पर करें विचार, 8 हफ्ते में जारी करें आदेश
By भाषा | Published: June 4, 2018 06:50 PM2018-06-04T18:50:12+5:302018-06-04T18:55:48+5:30
दिल्ली हाई कोर्ट ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से विदेशी भाषा में एमए कर रही छात्रा की याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला दिया।
नयी दिल्ली , चार जून (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन से कहा है कि वह यौन उत्पीड़न की शिकार छात्रा के उस अनुरोध पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करे जिसमें उसने अपने अधूरे स्नातकोत्तर पाठ्यकम को पूरा करने के लिए अनुमति मांगी है।
छात्रा का संस्थान के ही एक छात्र ने कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया था और इस सदमे के कारण वह अपना पाठ्यकम पूरा नहीं कर पायी थी।
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने जेएनयू प्रशासन से कहा कि वह छात्रा के आवेदन को ज्ञापन मान कर विचार करे और यह ध्यान में रखे कि छात्रा किस परिस्थिति में अपनी पढाई बीच में ही छोड़ने के लिए बाध्य हुयी थी।
विश्वविद्यालय की ओर से पेश अधिवक्ता हर्ष आहूजा ने अदालत को आश्वासन दिया कि जुलाई में होने वाली एकेडमिक कॉंसिल की अगली बैठक में छात्रा के आवेदन को ज्ञापन मान कर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि छात्रा के अनुरोध पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा।
विश्वविद्यालय द्वारा आश्वासन दिए जाने के बाद अदालत ने संस्थान को आठ सप्ताह के अंदर आदेश जारी करने तथा छात्रा के आवेदन का निस्तारण का निर्देश दिया।
विश्वविद्यालय ने छात्रा को एक विदेशी भाषा में एमए का पाठ्यक्रम पूरा करने की इजाजत नहीं दी थी और उसका कहना था कि पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए निर्धारित समयसीमा समाप्त हो चुकी है। इसके बाद छात्रा ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
लोकमत न्यूज के लेटेस्ट यूट्यूब वीडियो और स्पेशल पैकेज के लिए यहाँ क्लिक कर के सब्सक्राइब करें