राजद्रोह मामलाः दिल्ली हाईकोर्ट ने कन्हैया कुमार पर मुकदमा चलाने की मंजूरी देने से किया इनकार

By भाषा | Published: December 4, 2019 07:59 PM2019-12-04T19:59:14+5:302019-12-04T19:59:14+5:30

JNU sedition case: अदालत ने दिल्ली सरकार को प्रक्रियात्मक अनुपालन में देरी के पहलुओं पर गौर करने के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति गठित करने का निर्देश देने से इनकार कर दिया।

JNU sedition case: HC refuses to direct AAP govt to grant sanction for prosecution of Kanhaiya Kumar | राजद्रोह मामलाः दिल्ली हाईकोर्ट ने कन्हैया कुमार पर मुकदमा चलाने की मंजूरी देने से किया इनकार

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Highlightsदिल्ली उच्च न्यायालय ने राजद्रोह मामले में जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर मुकदमा चलाने की मंजूरी देने को लेकर आप सरकार को निर्देश देने से बुधवार को इनकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने कहा कि वह इस संबंध में कोई निर्देश नहीं दे सकती।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने राजद्रोह मामले में जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर मुकदमा चलाने की मंजूरी देने को लेकर आप सरकार को निर्देश देने से बुधवार को इनकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने कहा कि वह इस संबंध में कोई निर्देश नहीं दे सकती।

पीठ ने कहा कि यह दिल्ली सरकार पर निर्भर है कि वह मौजूदा नियमों, नीति, कानून और तथ्यों के अनुसार यह फैसला लें कि मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी दी जाए या नहीं। अदालत ने याचिका का निस्तारण करते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि याचिकाकर्ता पूर्व भाजपा विधायक नंद किशोर गर्ग की प्राथमिकी में कुछ निजी हित हैं।

याचिका में गंभीर प्रकृत्ति के आपराधिक मामलों के त्वरित निस्तारण के लिए दिशा निर्देश देने की मांग की गई है जिसमें बतौर आरोपी प्रभावशाली व्यक्ति शामिल हैं। इस पर अदालत ने कहा कि मौजूदा नियमों के अलावा ऐसे दिशा निर्देश जारी करने के लिए सरकार को निर्देश देने की कोई वजह नजर नहीं आती।

उसने कहा कि इस पर विभिन्न अदालतों ने पर्याप्त संख्या में फैसले दे रखे हैं। वकील शशांक देव सुधी के जरिए दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि कुमार का मामला सरकार के निरुत्साहपूर्ण रुख को दिखाता है क्योंकि वह आरोपपत्र पर संज्ञान लेने से पूर्व आवश्यक मंजूरी पत्र देने में ‘‘नाकाम’’ रही।

अदालत ने दिल्ली सरकार को प्रक्रियात्मक अनुपालन में देरी के पहलुओं पर गौर करने के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति गठित करने का निर्देश देने से इनकार कर दिया। पीठ ने कहा कि ऐसा कोई कारण नजर नहीं आता है कि सरकार को एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन करने के निर्देश दिये जाये क्योंकि राज्य के पास पर्याप्त संख्या में अधिकारी हैं और इस तरह की समिति की जरूरत नहीं है।

पुलिस ने कुमार और जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य समेत अन्यों के खिलाफ अदालत में 14 जनवरी को आरोपपत्र दायर करते हुए दावा किया था कि वे नौ फरवरी 2016 को एक कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय परिसर में एक रैली का नेतृत्व कर रहे थे और उन्होंने राष्ट्र विरोधी नारे लगाए थे। 

Web Title: JNU sedition case: HC refuses to direct AAP govt to grant sanction for prosecution of Kanhaiya Kumar

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