JNU राजद्रोह मामला: कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को लगाई फटकार, कहा- चार्जशीट में जल्दबाजी क्यों?
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 11, 2019 03:32 PM2019-03-11T15:32:18+5:302019-03-11T15:32:18+5:30
दिल्ली पुलिस ने 14 जनवरी को कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था जिसमें कहा गया था कि जेएनयू परिसर में नौ फरवरी 2016 को एक कार्यक्रम के दौरान जेएनयू छात्रसंघ के तत्कालीन अध्यक्ष एक जुलूस का नेतृत्व कर रहे थे और उन्होंने देश विरोधी नारेबाजी का समर्थन किया था।
जेएनयू राजद्रोह मामले में दिल्ली पटियाला अदालत ने पुलिस से पूछा है कि इस मामले में आरोप-पत्र दायर करने की इतनी जल्दी क्या थी? आप मुकदमे के लिए अनुमति मिलने के बाद भी आरोप-पत्र दाखिल कर सकते थे। अदालत ने जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के खिलाफ राजद्रोह के मामले में डीसीपी से रिपोर्ट मांगी है। इस मामले में कोर्ट ने अगली डेट 29 मार्च को दी है।
दिल्ली पुलिस ने कहा- राजद्रोह मामले में मुकदमा चलाने के लिए नहीं मिली है अनुमति
दिल्ली पुलिस ने सोमवार (11 मार्च) को अदालत से कहा कि जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ 2016 के राजद्रोह के एक मामले में मुकदमा चलाने के लिए अधिकारियों से अभी तक जरूरी अनुमति नहीं मिली है।
Delhi's Patiala House Court also seeks report from DCP Delhi regarding an update in the case. Court also says "what was the hurry in filing chargesheet without sanction". https://t.co/rLrdzR0MgZ
— ANI (@ANI) March 11, 2019
दिल्ली पुलिस ने 14 जनवरी को कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था जिसमें कहा गया था कि जेएनयू परिसर में नौ फरवरी 2016 को एक कार्यक्रम के दौरान जेएनयू छात्रसंघ के तत्कालीन अध्यक्ष एक जुलूस का नेतृत्व कर रहे थे और उन्होंने राज विरोधी नारेबाजी का समर्थन किया था।
कोर्ट ने कहा- पुलिस आरोप पत्र दाखिल करने के लिए इंतजार कर सकती थी
मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दीपक सहरावत ने पुलिस से कहा कि वह मंजूरी हासिल करने के बाद आरोप पत्र दाखिल कर सकती थी। पुलिस ने अदालत को बताया कि मंजूरी मिलने में दो से तीन महीने लगेंगे। अदालत ने इस मामले से जुड़े पुलिस उपायुक्त से भी रिपोर्ट मांगी है।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘आप (पुलिस) मंजूरी हासिल करने के बाद इसे दायर कर सकते थे। जल्दबाजी क्या थी? मैं मामले में आगे बढ़ सकता हूं।’’
Sanctioning prosecution in JNU sedition case: Chief Public Prosecutor informs Delhi's Patiala House court that sanctions can likely take 2-3 months. Investigating Officer didn't appear before court bcos he met with an accident. Court will see video today. Next hearing on March 29
— ANI (@ANI) March 11, 2019
अदालत ने पूर्व में कुमार और जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिये मंजूरी हासिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय देते हुये पुलिस से संबंधित अधिकारियों को प्रक्रिया को तेज करने को कहने का निर्देश दिया था।(पीटीआई इनपुट के साथ)