जेएनयू ने ‘इस्लामी आतंकवाद’ पर कोर्स चलाने का किया खण्डन, दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग को भेजा जवाब

By भाषा | Published: June 19, 2018 08:52 PM2018-06-19T20:52:44+5:302018-06-19T20:52:44+5:30

जेएनयू के कुलसचिव (रजिस्ट्रार) प्रमोद कुमार ने कहा कि अकादमिक परिषद की बैठक में ‘ इस्लामी आतंकवाद ’ पर कोई पाठ्यक्रम प्रस्तावित नहीं किया गया।

jnu denied course on islamic terrorism in reply of minority commission | जेएनयू ने ‘इस्लामी आतंकवाद’ पर कोर्स चलाने का किया खण्डन, दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग को भेजा जवाब

जेएनयू ने ‘इस्लामी आतंकवाद’ पर कोर्स चलाने का किया खण्डन, दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग को भेजा जवाब

नयी दिल्ली , 19 जून (भाषा) जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन ने दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग को भेजे अपने जवाब में कहा है कि विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद की बैठक में ‘ इस्लामी आतंकवाद ’ पर किसी पाठ्यक्रम का प्रस्ताव नहीं किया गया है। दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफर - उल - इस्लाम खान ने आज यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जेएनयू के कुलसचिव (रजिस्ट्रार) प्रमोद कुमार ने कहा कि अकादमिक परिषद की बैठक में ‘ इस्लामी आतंकवाद ’ पर कोई पाठ्यक्रम प्रस्तावित नहीं किया गया।

मीडिया रिपोर्टों का संज्ञान लेते हुए आयोग ने पिछले महीने नोटिस जारी करके विश्वविद्यालय में प्रस्तावित पाठ्यक्रम को शुरू करने का कारण पूछा था। खान ने बताया कि कुलसचिव ने आयोग को प्रस्तावित ‘ सेंटर फॉर नेशनल सिक्यूरिटी स्टडिज ’ के अवधारणा पत्र की एक प्रति भेजी है और कहा है कि जेएनयू को इस बात की जानकारी नहीं है कि किसी भारतीय या विदेशी विश्वविद्यालय में ‘ इस्लामी आतंकवाद ’ पर कोई पाठ्यक्रम पढ़ाया जाता है या नहीं।

कुमार ने 18 मई को हुई 145 वीं अकादमिक परिषद की बैठक में हुई चर्चा के विवरण की एक प्रति भी आयोग को दी है जहां इसे चर्चा के लिए रखा गया था। 

आयोग के अध्यक्ष ने कहा ‘‘ जेएनयू के कुलसचिव के आश्वासन के विपरीत , अवधारणा पत्र में प्रस्तावित केंद्र के ‘ मुख्य क्षेत्रों के हिस्से के रूप में ‘ इस्लामी आतंकवाद ’ शामिल है। इन क्षेत्रों में पढ़ाने से पहले उनमें शोध करना होगा। ’’ 

उन्होंने कहा कि आयोग ने जेएनयू को फिर से पत्र लिखा है और कहा है कि प्रस्तावित केंद्र अच्छी पहल है और देश को इसकी जरूरत है लेकिन केंद्र में शोध और शिक्षण के विषय के तौर पर ‘ इस्लामी आतंकवाद ’ का विषय लाना ‘ दोषपूर्ण’ है और यह परिसर में सांप्रदायिक सौहार्द को ‘ खराब ’ करेगा और मुसलमानों को लेकर एक गलत विचार पैदा करेगा। 

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Web Title: jnu denied course on islamic terrorism in reply of minority commission

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