PM मोदी और अमित शाह के बयान का विरोध करने के लिए JNU में छात्रों ने तले पकौड़े, पड़ गया भारी
By भारती द्विवेदी | Published: July 17, 2018 12:59 PM2018-07-17T12:59:05+5:302018-07-17T12:59:05+5:30
सजा के तौर पर चार छात्रों में से जहां एक छात्र को हॉस्टल से निकाल दिया गया है, वहीं बाकी के तीन छात्रों को दूसरे हॉस्टल में शिफ्ट कर दिया गया है।
नई दिल्ली, 17 जुलाई: जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी, देश का सबसे प्रतिष्ठित और पिछले कुछ समय में सबसे विवादित यूनिवर्सिटी। हाल फिलहाल अपने नए-नए नियमों की वजह से विवाद में रहने वाला जेएनयू एक बार फिर से चर्चा में हैं। यहां के चार छात्रों पर 20-20 हजार का जुर्माना लगा है। इन पर यूनिवर्सिटी कैंपस में पकौड़ा तलने का आरोप है। जेएनयू कॉलेज प्रशासन ने इसे अनुशासनहीनता मानते हुए 20 हजार का जुर्माना लगाया है। सजा के तौर पर चार छात्रों में से जहां एक छात्र को हॉस्टल से निकाल दिया गया है, वहीं बाकी के तीन छात्रों को दूसरे हॉस्टल में शिफ्ट कर दिया गया है।
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जेएनयू के सेंटर फॉर इंडियन लैंग्वेज के छात्र मनीष कुमार मीणा ने इस मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि वो पीएम मोदी के पकौड़ा तलने वाले बयान से बेहद नाराज थे। जिसके बाद उन्होंने पकौड़ा तल अपना विरोध जताया। मनीष एमफिल के छात्र मनीष कुमार मीणा राजस्थान के रहने वाले है। कॉलेज प्रशासन ने मनीष कुमार मीणा के खिलाफ जांच शुरू कर दी है।
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गौरतलब है कि फरवरी में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और प्रधनामंत्री नरेंद्र मोदी ने 'पकौड़ा तलने' को रोजगार बताया था। उनदोनों के इस बयान की देश भर में आलोचना हुई थी। जेएनयू के छात्रों ने भी इसका खूब विरोध किया था। इस बयान के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए विपक्षी पार्टियों और कई छात्र संगठनों ने जगह-जगह पकौड़ा तल विरोध किया था।
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