Yasin Malik: अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्र कैद की सजा, टेरर फंडिंग केस में कोर्ट ने सजा का ऐलान किया
By मनाली रस्तोगी | Published: May 25, 2022 06:16 PM2022-05-25T18:16:50+5:302022-05-25T19:24:29+5:30
Yasin Malik: दिल्ली की अदालत ने प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत 19 मई को दोषी करार दिया था।
Yasin Malik: आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में दोषी कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को एनआईए की विशेष अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने टेरर फंडिंग केस में सजा का ऐलान किया। विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह की अदालत ने फैसला सुनाया।
अदालत ने मलिक पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत विभिन्न अपराधों के लिए अलग-अलग अवधि की सजा सुनाईं। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
Terror funding case | NIA Court in Delhi awards life imprisonment to Yasin Malik. pic.twitter.com/mxwH3dhWLc
— ANI (@ANI) May 25, 2022
मलिक को दो अपराधों - आईपीसी की धारा 121 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना) और यूएपीए की धारा 17 (यूएपीए) (आतंकवादी गतिविधियों के लिए राशि जुटाना)- के लिए दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई गई। इससे पहले राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने मलिक को मृत्युदंड दिए जाने का बुधवार को अनुरोध किया था।
मलिक ने अवैध गतिविध (रोकथाम) कानून (यूएपीए) के तहत लगाए गए आरोपों समेत उस पर लगे सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया था। एजेंसी ने विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह की अदालत के समक्ष यह अभिवेदन दिया, जबकि मलिक की सहायता के लिए अदालत द्वारा नियुक्त न्याय मित्र ने उसे इस मामले में न्यूनतम सजा यानी आजीवन कारावास दिए जाने का अनुरोध किया था। इस बीच मलिक ने न्यायाधीश से कहा था कि वह अपनी सजा का फैसला अदालत पर छोड़ रहा है।
Yasin Malik brought to the NIA court in Delhi amidst heavy security, in connection with the terror funding case. Dog squad also present in the premises.
— ANI (@ANI) May 25, 2022
Court to pronounce the quantum of the sentence shortly. pic.twitter.com/JX6xN8cSA1
वहीं, अदालत ने प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत 19 मई को दोषी करार दिया था। उसने एनआईए के अधिकारियों को मलिक पर जुर्माना लगाए जाने के लिए उसकी वित्तीय स्थिति का आकलन करने के निर्देश दिए थे।
#WATCH | Terror funding case: Yasin Malik produced in the courtroom in NIA court, Delhi, ahead of the sentencing order. pic.twitter.com/ymfkN6PK4d
— ANI (@ANI) May 25, 2022
मलिक ने अदालत में कहा था कि वह खुद के खिलाफ लगाए आरोपों का विरोध नहीं करता। इन आरोपों में यूएपीए की धारा 16 (आतंकवादी कृत्य), 17 (आतंकवादी कृत्यों के लिए धन जुटाना), 18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश) और धारा 20 (आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होना) तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक षडयंत्र) और 124-ए (राजद्रोह) शामिल हैं।
आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में दोषी ठहराए गए अलगाववादी नेता यासीन मलिक की सजा पर अदालत का फैसला आने से पहले श्रीनगर के कुछ हिस्से बुधवार को बंद रहे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लाल चौक की कुछ दुकानों सहित मैसूमा और आसपास के इलाकों में ज्यादातर दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे।
अधिकारियों ने बताया कि पुराने शहर के कुछ इलाकों में भी दुकानें बंद रहीं, लेकिन सार्वजनिक परिवहन सामान्य रहा। उन्होंने बताया कि कानून-व्यवस्था की किसी भी प्रकार की समस्या से बचने के लिए शहर में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।