केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का जवान नौकरी छोड़ बना आतंकी, मौत के बाद 48 वर्षीय बाप भी शामिल हुआ, जानिए क्या है मामला

By सुरेश एस डुग्गर | Published: October 19, 2020 04:36 PM2020-10-19T16:36:35+5:302020-10-19T16:36:35+5:30

वर्ष 2006 से लेकर 2011 तक के 5 साल के अरसे में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में नौकरी करने वाले तवसीफ ने आतंक की राह क्यों चुनी थी। हालांकि उसने अपने घरेलू मसलों के कारण केरिपुब की नौकरी को जरूर छोड़ दिया था।

jk Militant Central Reserve Police Force terrorist 48-year-old father joins death | केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का जवान नौकरी छोड़ बना आतंकी, मौत के बाद 48 वर्षीय बाप भी शामिल हुआ, जानिए क्या है मामला

अब्दुल हमीद का बेटा आदिल चौपान 2017 के नवम्बर में हुई एक मुठभेड़ में मार गिराया गया था।

Highlightsनौकरी के दौरान वह 181वीं बटालियन का हिस्सा था और कश्मीर के साथ साथ मणिपुर में भी उसने ड्यूटी की थी।फिलहाल कोई भी इसके प्रति सच नहीं जान पा रहा है कि आखिर तवसीफ ने ऐसा कदम क्यों उठाया। वह हिज्बुल मुजाहिदीन के मारे गए कमांडर आदिल चौपान का बाप है।

जम्मूः लवामा का रहने वाला तवसीफ अहमद पंडित इस साल 16 अगस्त को लश्करे तौयबा का आतंकी बन गया था। इससे पहले वह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का जवान था और नौकरी छोड़ने के बाद वह पुलवामा कस्बे में ही एक दुकान चला रहा था।

वह कैसे आतंक की राह पर चल पड़ा, कश्मीर में यह अब चिंतन और मंथन का विषय बन गया है। इतना जरूर था कि इसी साल 28 जुलाई को आतंकी कमांडर बेटे की मौत के बाद 48 वर्षीय बाप के आतंकी गुट में शामिल होने की घटना ने सभी कौ चौंकाया जरूर था। तवसीफ शनिवार को अनंतनाग के लारनू इलाके में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। पहले पुलिस ने उसकी पहचान पाकिस्तानी आईईडी एक्सपर्ट और 12 लाख के इनामी आतंकी शकील उर्फ शक भाई के तौर पर की थी। पर उसके परिजनों ने उसकी तस्वीरों को देखा तो सच्चाई सामने आ गई।

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में नौकरी करने वाले तवसीफ ने आतंक की राह क्यों चुनी थी

पर यह सच्चाई अभी भी सामने नहीं आ पाई है कि वर्ष 2006 से लेकर 2011 तक के 5 साल के अरसे में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में नौकरी करने वाले तवसीफ ने आतंक की राह क्यों चुनी थी। हालांकि उसने अपने घरेलू मसलों के कारण केरिपुब की नौकरी को जरूर छोड़ दिया था। नौकरी के दौरान वह 181वीं बटालियन का हिस्सा था और कश्मीर के साथ साथ मणिपुर में भी उसने ड्यूटी की थी।

फिलहाल कोई भी इसके प्रति सच नहीं जान पा रहा है कि आखिर तवसीफ ने ऐसा कदम क्यों उठाया। यही दुविधा अभी भी चार महीनों के बाद भी आतंकी कमांडर के बाप के आतंक की राह पर चलने से पैदा हुई थी जो सुलझी नहीं है। वह कश्मीर का पहला ऐसा शख्स था जिसने इतनी उम्र में आतंकी बनने का फैसला किया था। दक्षिण कश्मीर का रहने वाले 48 वर्षीय अब्दुल हमीद चौपान को कश्मीर के सबसे अधिक उम्र का रंगरूट आतंकी कहा जाता है जो जुलाई महीने में आतंकी गुट में शामिल हुआ था। वह हिज्बुल मुजाहिदीन के मारे गए कमांडर आदिल चौपान का बाप है।

पहला मौका था जिसमें आतंकी बेटे की मौत के बाद कोई बाप आतंकी बना था

कश्मीर में फैले आतंकवाद के इतिहास में यह शायद पहला मौका था जिसमें आतंकी बेटे की मौत के बाद कोई बाप आतंकी बना था। अभी तक यही होता आया था कि नौजवान युवा ही आतंक की राह चले थे। पुलिस भी कहती है कि अब्दुल हमीद जैशे मुहम्मद में शामिल हो चुका है। उसका साला भी आतंकी कमांडर था। और वह जून महीने हुई मुठभेड़ में मारा गया था जबकि अब्दुल हमीद का बेटा आदिल चौपान 2017 के नवम्बर में हुई एक मुठभेड़ में मार गिराया गया था।

अब्दुल हमीन के घर वालों के मुताबिक, 19 जुलाई से ही अब्दुल हमीद उस समय से लापता है जब वह अपने खेतों को पानी देने के लिए निकला था। उसका फोन भी बंद है। रोचक तथ्य अब्दुल की गुमशुदगी का यह था कि उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाने के 8 दिनों के भीतर ही पुलिस ने उसके जैशे मुहम्मद में शामिल होने की पुष्टि कर दी थी जबकि श्रीनगर के बेमिना के पीएचडी स्कालर के प्रति पुलिस पौने दो माह के बाद भी चुप्पी साधे हुए है।

हालांकि अब्दुल के आतंकी गुट में शामिल होने की घटना से उसके परिजन भी स्तब्ध हैं। उनका कहना था कि अगर वाकई अब्दुल को अपने बेटे की मौत का गम था तो उसे नवम्बर 2017 में हुई उसकी मौत के बाद ही ऐसा कदम उठा लेना चाहिए था। उसने इतने सालों के बाद ऐसा क्यों किया, यह जरूर जांच का विषय था।

Web Title: jk Militant Central Reserve Police Force terrorist 48-year-old father joins death

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