जम्मू कश्मीर के गवर्नर सत्यपाल मलिक ने कहा- कभी दरवाजे से वापस कर देने वाले हुर्रियत नेता बातचीत को तैयार
By रजनीश | Published: June 23, 2019 08:20 AM2019-06-23T08:20:00+5:302019-06-23T08:20:00+5:30
जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि 15 साल पहले कश्मीर में रहने वाले नहीं जानते कि हर 15 दिन में कश्मीर बदल जाता है..
जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शनिवार को कहा कि पिछले साल अगस्त से कश्मीर घाटी में हालात बेहतर हुए हैं और हुर्रियत कांफ्रेंस सरकार के साथ बातचीत करना चाहती है। मलिक ने कहा, हुर्रियत कांफ्रेंस बातचीत करना नहीं चाहती थी।
राम विलास पासवान उनके दरवाजे पर (2016 में) खड़े थे। लेकिन वे लोग बातचीत के लिए तैयार नहीं थे। उन्होंने कहा, लेकिन आज वे बातचीत के लिए तैयार हैं और वार्ता करना चाहते हैं। उनके रुख में बदलाव एक स्वागत योग्य कदम है।
Jammu and Kashmir Governor, Satya Pal Malik: The ones who turned back Ram Vilas Paswan from their door, they are now ready for talks. The stone pelting after namaz is almost over. (1/2) (22-06) pic.twitter.com/mvD4QLsm1I
— ANI (@ANI) June 23, 2019
मलिक ने कहा कि पिछले साल अगस्त में जम्मू कश्मीर का उनके राज्यपाल बनने के बाद से हालात में सुधार हुआ है। आतंकवादियों की भर्ती लगभग थम गई है और शुक्रवार को होने वाली पथराव की घटनाएं भी बंद हो गई है।
Jammu and Kashmir Governor, Satya Pal Malik: We do not like it when a youngster dies. But when a bullet is fired, bullets will be fired in retaliation. That is the reality and this change in stance by them is a welcome sign. (2/2) (22-06) https://t.co/CUehNTRhFB
— ANI (@ANI) June 23, 2019
राज्यपाल ने कहा, जब कोई युवक मारा जाता है तो हमें अच्छा महसूस नहीं होता। उन्होंने कहा, लेकिन जब कोई गोली चलाएगा, तब सुरक्षा बल भी जवाबी गोलीबारी करेंगे। वे गुलदस्ता नहीं भेंट करेंगे। उन्होंने संकेत दिया कि देश में कहीं और बैठ कर कश्मीर के हालात का आकलन करना आसान नहीं है।
राज्यपाल मलिक ने आगे बताया, शुक्रवार को नमाज के बाद की जाने वाली पत्थरबाजी तकरीबन रुक चुकी है। हम युवाओं की मुख्यधारा में वापसी चाहते हैं। इसके लिए योजनाओं पर विचार किया जा रहा है।
मलिक ने कहा, जब मैं दिल्ली जाता हूं, तब ऐसे कई लोग हैं जो कश्मीरी होने का दावा करते हैं। मैं उनसे पूछता हूं कि वे कश्मीर में कब थे। वे कहते हैं 15 साल पहले। उन्होंने कहा, लेकिन कश्मीर 15 दिन में बदल जाता है, आप कुछ नहीं जानते। यदि आप कश्मीर को जानना चाहते हैं तो वहां रहिए और उसे देखिये।
उन्होंने कहा कि जब वह राज्य में आए तब उन्होंने फैसला किया कि वह सिर्फ बुद्धिजीवियों की नहीं सुनेंगे। उन्होंने कहा, मैं करीब 200 लोगों के संपर्क में हूं और मैं उनसे समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त करता हूं।
(एजेंसी इनपुट)