J&K: कश्मीर पुलिस के सामने बड़ी चुनौती, पत्थरबाज अब बन रहे हैं ग्रेनेड फैंकने वाले हाइब्रिड आतंकी

By सुरेश एस डुग्गर | Published: March 24, 2022 05:50 PM2022-03-24T17:50:38+5:302022-03-24T17:50:38+5:30

कल देर को भी श्रीनगर में सक्रिय लश्कर-ए-तैयबा के ग्रेनेड से हमला करने वाले माड्यूल के चार आतंकियों को गिरफ्तार किया है। इस माड्यूल से चार ग्रेनेड बरामद किए हैं। 

J&K Big challenge in front of Kashmir Police, stone pelters are now becoming hybrid terrorists throwing grenades | J&K: कश्मीर पुलिस के सामने बड़ी चुनौती, पत्थरबाज अब बन रहे हैं ग्रेनेड फैंकने वाले हाइब्रिड आतंकी

J&K: कश्मीर पुलिस के सामने बड़ी चुनौती, पत्थरबाज अब बन रहे हैं ग्रेनेड फैंकने वाले हाइब्रिड आतंकी

HighlightsLET के ग्रेनेड से हमला करने वाले माड्यूल के चार आतंकी गिरफ्तारपुलिस की इस सफलता से ग्रेनेड हमले की बड़ी साजिश हुई नाकाम

जम्मू: यह सच है कि कश्मीर पुलिस अब ग्रेनेड हमले करने वाले उन हाइब्रिड आतंकियों से परेशान हो गई हे जो पहले पत्थरबाज हुआ करते थे और स्थानीय स्तर पर ही प्रशिक्षण प्राप्त कर आतंकियों के लिए काम करने लगे हैं। कल देर को भी श्रीनगर में सक्रिय लश्कर-ए-तैयबा के ग्रेनेड से हमला करने वाले माड्यूल के चार आतंकियों को गिरफ्तार किया है। इस माड्यूल से चार ग्रेनेड बरामद किए हैं। 

पुलिस की इस सफलता से ग्रेनेड हमले की बड़ी साजिश नाकाम हुई है। पिछले दो दिनों में सुरक्षाबलों ने यह दूसरा ग्रेनेड थ्रोअर माड्यूल ध्वस्त किया है। दरअसल उस पार से हथियारों की खेपें न मिल पाने के कारण आतंकी अब अधिकतर हमलों के लिए ग्रेनेडों का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। इनमें देसी ग्रेनेड भी इस्तेमाल किए जा रहे हैं। हालांकि पुलिस ने कुछ दिन पहले आतंकियों के कई ओडब्ल्यूजी को गिरफ्तार कर आने वाले दिनों में आतंकियों द्वारा किए जाने वाले ग्रेनेड हमलों को भी थाम लेने का दावा किया था।

आधिकारिक रिकार्ड के मुताबिक, पिछले साल आतंकियों ने प्रदेशभर में 70 से अधिक ग्रेनेड हमले किए थे। और आतंकी अगले दिनों में ऐसे और हमले श्रीनगर शहर में करके अफरा-तफरी मचाने की योजनाएं भी लिए हुए थे जो आतंकियों के समर्थकों की पिछले कुछ हफ्तों में हुई गिरफ्तारी और उनके कब्जे से बरामद ग्रेनेडों के साथ ही अधूरी रह गईं।

सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार ओडब्ल्यूजी ने इसे माना है कि उन्हें अब अन्य हथियार मुहैया नहीं करवाए जा रहे हैं जिस कारण वे सिर्फ ग्रेनेड का इस्तेमाल करके ही दहशत व आतंक मचा रहे हैं। सीमाओं पर जारी सीजफायर तथा तारबंदी के कारण घुसपैठ पर लगी रोक के चलते सीमा पार से हथियारों खेपें अब उतनी मात्रा में नहीं आ पा रही हैं जितनी चार साल पहले तक आया करती थीं।

ऐसे में आतंकियों को सीमा पार से मिलने वाले आदेशों में भी अधिक से अधिक ग्रेनेड हमले करने को कहा जा रहा है। एक अधिकारी के बकौल, आतंकी अब लोकल लेवल पर भी ग्रेनेड बना रहे हैं। हालांकि ऐसे बनाए जाने वाले देसी ग्रेनेड अधिक नुक्सान तो नहीं पहुंचा पाए पर उसने लोगों को जख्मी कर दहशत जरूर फैलाई है।

कश्मीर में आतंकवाद की शुरूआत से ही ग्रेनेडों का जम कर इस्तेमाल होता रहा है। वर्ष 2020 में भी 54 ग्रनेड हमले हुए थे तो इस साल अभी तक कश्मीर 16 ग्रेनेड हमलों को झेल चुका है। इस पाव भर वजन की वस्तु को फिंकवाने के लिए आतंकी कई बार छोटे छोटे बच्चों का भी इस्तेमाल कर चुके हैं तथा यह ग्रेनेड कश्मीर में कई बार भयानक तबाही मचा चुके हैं इसके प्रति कोई शक नहीं है।

अगर अधिकारियों पर विश्वास करें तो एलओसी तथा इंटरनेशनल बार्डर से उस पार आने जाने की कोशिशें नाकाम बना दिए जाने के उपरांत आतंकी स्थानीय पत्थरबाजों को ही हाइब्रिड आतंकी बना रहे हैं। जानकारी के लिए हाइब्रिड आतंकी स्लीपर सेल की ही तरह काम करते हैं जो मौका मिलने वाले पर सुरक्षाबलों पर हमले करने तथा हथियारों की सप्लाई इत्यादि का काम करते हैं।

चौंकाने वाला रहस्योदघाटन यह भी है कि इन हाइब्रिड आतंकियों को कश्मीर में ही कई जंगलों में स्थित प्रशिक्षण शिविरों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसे पकड़े जाने वाले कुछ हाइब्रिड आतंकियों ने भी स्वीकार किया है। सुरक्षाबलों ने 5 मार्च को उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के लंगेट में लश्करे तौयबा के जिस आतंकी अबरार हसन को घायलावस्था में जिन्दा पकड़ा था उसके प्रति चौंकाने वाली बात यह थी कि वह पहले बारामुल्ला का कुख्यात पत्थरबाज हुआ करता था।

Web Title: J&K Big challenge in front of Kashmir Police, stone pelters are now becoming hybrid terrorists throwing grenades

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