जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद उद्योगों को जमीन देने के लिए लैंड बैंक बनना हुआ शुरू
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 10, 2019 11:57 AM2019-12-10T11:57:38+5:302019-12-10T12:48:50+5:30
J & K राज्य औद्योगिक विकास निगम (SIDCO) के प्रबंध निदेशक रविंदर कुमार ने कहा, “हम दोनों क्षेत्रों (जम्मू और कश्मीर) में 5,000 से अधिक कनाल (लगभग 624 एकड़) की भूमि को संरक्षित करने के लिए देख रहे हैं। हमने ऐसे कुछ जमीनों की पहचान की है और औद्योगिक इकाइयों को स्थापित करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली भूमि की पहचान कर रहे हैं।"
जम्मू व कश्मीर क्षेत्र के अधिकारियों को सरकार ने दोनों ही क्षेत्रों में कंपनियों के लिए भूमि की पहचान करने के लिए कहा है। ऐसा इसलिए ताकि अधिक से अधिक एक लैंड बैंक बनाया जा सके। एक अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “कंपनियों के लिए जमीन पता करने की प्रक्रिया अभी प्रारंभिक चरण में है और इस संबंध में सभी जिलों के अधिकारियों से पूछा गया है कि अधिक से अधिक भूमि की पहचान करें। ”
जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने केंद्र शासित प्रदेश में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए भूमि बैंक बनाना शुरू कर दिया है। यह कदम जम्मू व कश्मीर को अलग करने के चार माह बाद शुरू करने के लिए सरकार ने कहा है।
J & K राज्य औद्योगिक विकास निगम (SIDCO) के प्रबंध निदेशक रविंदर कुमार ने कहा, “हम दोनों क्षेत्रों (जम्मू और कश्मीर) में 5,000 से अधिक कनाल (लगभग 624 एकड़) की भूमि को संरक्षित करने के लिए देख रहे हैं। हमने ऐसे कुछ जमीनों की पहचान की है और औद्योगिक इकाइयों को स्थापित करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली भूमि की पहचान कर रहे हैं।"
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर की वर्तमान स्थिति के लिए सरकार ने अनुच्छेद 35 ए के साथ, विशेष दर्जा दिए जाने को जिम्मेवार बताया था। सरकार ने कहा था कि धारा 370 जम्मू-कश्मीर के विकास में बाधा उत्पन्न की है। इसने अलगाववादी मानसिकता को बढ़ावा देने में योगदान दिया जो उग्रवाद और आतंकवाद को बढ़ावा देता है।
केंद्र सरकार के 5 अगस्त के फैसलों की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं के जवाब में, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक हलफनामे में कहा था कि “अनुच्छेद 35A सामाजिक-आर्थिक विकास (राज्य के विकास) के लिए एक गंभीर बाधा साबित हुआ। इसने राज्य में निवेश को रोका, और युवाओं के लिए रोजगार सृजन पर प्रतिकूल प्रभाव डाला, जिसके परिणामस्वरूप अन्य विकासात्मक संकेतकों पर प्रभाव पड़ा।”