क्या जींद में बीजेपी को हारने की परंपरा को तोड़ पाएगी खट्टर सरकार?

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 28, 2019 04:13 AM2019-01-28T04:13:43+5:302019-01-28T04:13:43+5:30

कांग्रेस आलाकमान इस सीट पर जीत दर्ज कर आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए लोगों को यह संदेश देना चाहती है कि अगली सरकार कांग्रेस की बनेगी.

Jind bye election today, will the Khattar government be able to break the tradition of losing BJP? | क्या जींद में बीजेपी को हारने की परंपरा को तोड़ पाएगी खट्टर सरकार?

क्या जींद में बीजेपी को हारने की परंपरा को तोड़ पाएगी खट्टर सरकार?

हरियाणा के जींद क्षेत्र में एक ही सवाल है क्या कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को मात दे पाएंगे? खट्टर ने जींद उप चुनाव में अपनी पसंद के उम्मीदवार डॉ. कृष्ण मिड्ढा को भाजपा का टिकट दिलवाया है.

मिड्ढा के पिता डॉ. हरिचंद मिड्ढा इंडियन नशल लोकदल के विधायक थे और उनके निधन की वजह से ही उप चुनाव करवाया जा रहा है.  एक लाख सत्तर हजार मतदाता 28 जनवरी को यहां अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. 

 डॉ. हरिचंद मिड्ढा के बेटे डॉ. कृष्ण मिड्ढा को खट्टर ने न केवल इनेलो से तोड़कर भाजपा में शामिल करवाया, बल्किउप चुनाव में उस पर दांव भी लगाया. खट्टर को भरोसा है कि जिस तरह से भाजपा ने थोड़े समय पहले हुए पांच नगर निगमों के चुनावों में मेयर के सभी पद जीत लिए थे. उसी तरह जींद उप चुनाव भी जीत लेगी.

कांग्रेस आलाकमान इस सीट पर जीत दर्ज कर आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए लोगों को यह संदेश देना चाहती है कि अगली सरकार कांग्रेस की बनेगी. इसीलिए सुरजेवाला को कैथल क्षेत्र से विधायक होते हुए जींद उप चुनाव के लिए मैदान में उतार दिया. सुरजेवाला जींद में जीतते हैं तो उनकी गिनती कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के तगड़े दावेदारों में की जाने लगेगी.

अपने चुनाव प्रचार के दौरान सुरजेवाला ने कहा भी है कि यह लड़ाई विधायक बनने के लिए नहीं है, बल्कि जींद का भविष्य संवारने के लिए है. मजबूत नेता ही इस इलाके का पिछड़ापन दूर कर सकता है. लोगों के बीच ऐसी आशंकाएं भी हैं कि सुरजेवाला विधानसभा के आम चुनावों में कहां से खड़े होंगे? उन्होंने कहा कि वे फिर जींद से ही किस्मत आजमाएंगे.

इस दौरान हरियाणा में गुटों में बंटी कांग्रेस एकजुट हो गई है. सुरजेवाला की मदद में जहां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर ने पूरी ताकत झोंक दी है, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी गली-गली घूम रहे हैं. खट्टर सरकार के डर को इस बात से भी समझा जा सकता है कि मतदान से ठीक तीन दिन पहले हुड्डा के रोहतक आवास सहित सीबीआई ने कोई चौबीस जगह छापे मारे.

इस वजह से हुड्डा जींद में आयोजित कांग्रेस की रैली में भी हिस्सा नहीं ले पाए. जींद में भाजपा आज तक कभी नहीं जीत पाई है. अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री खट्टर, जींद में मिड्ढा को जितवा कर भाजपा के लगातार यहां से हारने की परंपरा को तोड़ पाते हैं या नहीं. 

Web Title: Jind bye election today, will the Khattar government be able to break the tradition of losing BJP?

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