पश्चिमी सिंहभूम में चार महीने से लापता परिवार के सदस्यों का जंगल से मिला पांच नरकंकाल, हत्या की आशंका
By एस पी सिन्हा | Published: November 25, 2020 04:13 PM2020-11-25T16:13:13+5:302020-11-25T16:15:58+5:30
झारखंड के वेस्ट सिंहभूम में केस का खुलासा हुआ है। जंगल से 5 नरकंकाल मिला है। इसमें तीन छोटे बच्चे और माता-पिता शामिल हैं। ये सभी लोग 15 जुलाई से लापता थे।
रांचीः झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में एक जंगल से 5 नरकंकाल बरामद हुए हैं. इसमें तीन बच्चे और एक दंपति शामिल हैं. ये सभी 5 लोग चार महीने से लापता थे.
कहा जा रहा है कि जिले के टोंटो प्रखंड के बाईहातु गांव निवासी कैरा लागुरी, उसकी पत्नी और तीन बच्चों का नरकंकाल हैं, जो जंगल में नदी किनारे बरामद हुआ है. सभी लोग 15 जुलाई से लापता थे. आशंका जताई जा रही है कि कैरा और उसके परिवार वालों की हत्या करके शव को दफना दिया गया था. नरकंकाल के साथ-साथ वहां से चादर और शर्ट का टुकड़ा भी मिला है.
बताया जाता है कि जिले के टोंटो थाना अंतर्गत बाइहातू के रहने वाले ये सभी लोग 13-14 जुलाई, 2020 से लापता थे. सूत्रों के अनुसार, जमीन विवाद में सभी 5 लोगों की हत्या करके गांव से करीब 20 किलोमीटर दूर नदी किनारे शवों को दफना दिया गया था. पुलिस ने जांच के दौरान ये नरकंकाल बरामद किये हैं.
इस सिलसिले में तीन लोगों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है. हालांकि पुलिस फिलहाल इस संबंध में कुछ नहीं बता रही है. पुलिस अधीक्षक अजय लिंडा ने बताया कि मामले में पूछताछ व सत्यापन हो रहा है. पुलिस इस संबंध में कुछ लोगों से पूछताछ कर रही है. वहीं, जगन्नाथपुर के एसडीपीओ प्रदीप उरांव इलाके में कैम्प किए हुए हैं.
पुलिस मामले की पड़ताल में जुटी है पर इस मामले की पुष्टि नहीं कर रही है
पुलिस मामले की पड़ताल में जुटी है पर इस मामले की पुष्टि नहीं कर रही है. बताया जाता है कि कैरा (30 वर्ष), पत्नी (26 वर्ष), बड़ा पुत्र (5 वर्ष), दूसरा पुत्र (3 वर्ष), तीसरा पुत्र (5 माह) के लापता होने के मामले में कैरा की बहन रायमुनि हेस्सा ने अगस्त माह में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत महथा के कार्यालय में ज्ञापन सौंप कर डायन-बिसाही के नाम पर हत्या कर दिए जाने की आशंका जताई थी. पुलिस जांच की बात करती रही पर चार महीनों में भी कोई सुराग हाथ नहीं लगा.
वहीं, पीडित परिवार को न्याय दिलाने को झींकपानी के चोया की पंचायत समिति सदस्य जयंती बिरुली के नेतृत्व में उसकी बहन व परिजनों ने छह अक्तूबर को अनुमंडल कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना देकर उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा था. दोबारा 21 से 23 अक्तूबर तक धरना-प्रदर्शन किया. परिजन तीसरी बार 11 नवम्बर को अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ गए.
परिजन 17 नवम्बर को मुख्यमंत्री से मिलने पैदल ही रांची के लिए चल पडे़
बार-बार अपनी मांगों की अनदेखी देख आक्रोशित परिजन 17 नवम्बर को मुख्यमंत्री से मिलने पैदल ही रांची के लिए चल पडे़. बाद में सदर एसडीपीओ उन्हें समझा-बुझा कर खूंटपानी से वापस ले आए. सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने शव के अवशेष व उनके कपडे जंगल से बरामद कर लिये हैं.
हत्यारों ने सबसे पहले पति की डंडे से हत्या की. इसके बाद कैरा की पत्नी की डंडे से पीटकर हत्या की. वहीं, 10 साल की बच्ची और 6 साल के एक बच्चे की गला दबाकर हत्या की गई. एक बहुत छोटी बच्ची, जो गोद में ही थी, को जमीन पर पटककर मार डाला गया. इस मामले में बाइहातू निवासी कैरा लागुरी, उसकी पत्नी व तीन बच्चों के अपहरण का मामला दर्ज कराया गया था. इस मामले में पुलिस के हाथ ठोस सबूत आ गये हैं. इसके आधार पर जंगल क्षेत्र में पुलिस ने छापामारी अभियान चलाया.