झारखंड:सामाजिक कल्याण आवास के बाहर धरना दे रहे एक शिक्षक की मौत, जानिए क्या है पूरा मामला

By एस पी सिन्हा | Published: December 16, 2018 06:13 PM2018-12-16T18:13:25+5:302018-12-16T18:23:22+5:30

प्राप्त जानकारी के अनुसार दिन भर धरने पर बैठने के बाद रात को मंत्री मरांडी के घर के बाहर खुले में सो गया था, संभवत: पारा टीचर कंचन दास की मौत ठण्ड लगने से हुई बताई जा रही है।

Jharkhand: The death of a teacher giving a detour outside social welfare housing | झारखंड:सामाजिक कल्याण आवास के बाहर धरना दे रहे एक शिक्षक की मौत, जानिए क्या है पूरा मामला

झारखंड:सामाजिक कल्याण आवास के बाहर धरना दे रहे एक शिक्षक की मौत, जानिए क्या है पूरा मामला

झारखंड के दुमका में सामाजिक कल्याण मंत्री लुईस मरांडी के आवास के बाहर एक पारा टीचर की मौत हो गई। पारा टीचर कंचन दास मंत्री के आवास के बाहर एक महीने से धरने पर बैठा था। मृतक कंचन दास रामगढ प्रखंड में पदस्थापित था। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार दिन भर धरने पर बैठने के बाद रात को मंत्री मरांडी के घर के बाहर खुले में सो गया था, संभवत: पारा टीचर कंचन दास की मौत ठण्ड लगने से हुई बताई जा रही है। बता दें कि मंत्री आवास के सामने 22 दिनों से घेरा डालो डेरा डाला आंदोलन चल रहा है। कंचन बीती रात के करीब दस बजे के करीब दुमका के हथियापाथर स्थित आवास के सामने चल रहे धरना में शरीक हुए थे। रात में वे वहीं सो गए थे, सुबह सात बजे के करीब सभी साथी उठ गए तो उसे सोया हुआ देखा और उसका पूरा शरीर अकडा हुआ था।

धरना में बैठे पारा शिक्षकों ने 108 में कॉल कर एम्बुलेंस मंगवाया और आनन फानन में उसे लेकर सदर अस्पताल पहुंचाया, जहां पहुंचने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। कंचन का पूरा शरीर अकडा हुआ था और नाक से खून निकल रहा था। अस्पताल के चिकित्सक डॉ दिलीप कुमार भगत ने बताया कि उक्त पारा शिक्षक को जब अस्पताल लाया गया तो उसकी मौत हो चुकी थी। मौत की वजह का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही हो पायेगा। आंदोलन में कंचन के साथ रात में मंत्री आवास के सामने सोये युधिर मंडल ने बताया कि कंचन रात के करीब 10।00 बजे वहां पहुंचा था और थोडी देर बाद बात चीत करने के बाद कंबल ओेढकर सो गया था। वहीं, बेटे की मौत की जानकारी मिलने पर पिता अखिलेश दास सदर अस्पताल पहुंचे। उनका रो रोकर बुरा हाल था। उन्होंने बताया कि कंचन 2005 में पारा शिक्षक बना था। कंचन आंदोलन में शामिल साथियों के लिए घर से चावल लेकर आया था ताकि आंदोलन जारी रह सके। चावल रखने के बाद वह चला गया था और फिर रात में लौटा था। 

इसबीच, मंत्री डॉ लोईस मरांडी के आवास के बाहर धरना दे रहे पारा शिक्षक कंचन कुमार दास की मौत के बाद पारा शिक्षक संघ के द्वारा 25 लाख रुपये मुआवजे और परिवार के एक सदस्य को नौकरी की मांग की गई है। एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के राज्य स्तरीय सदस्य मोहन मंडल का कहना है कि काफी दुखद घटना है और मृतक के परिवार वाले को अविलंब 25 लाख का मुआवजा मिलना चाहिए और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को अपनी हठधर्मिता छोड सकारात्मक पहल करनी चाहिए। 

इसबीच, पारा शिक्षक की मौत के बाद मंत्री लुईस मरांडी के घर की सुरक्षा बढा दी गई है। कल्याण मंत्री लुईस मरांडी के हथिया पाथर स्थित आवास पर सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं। 

उल्लेखनीय है कि पारा शिक्षक पिछली 15 नवंबर से अपनी दो मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। ये शिक्षक सभी जिलों में सांसदों और मंत्रियों के घर के बाहर धरना दे रहे हैं। पारा शिक्षकों की मांग है कि इन्हें सरकार साधारण सरकारी शिक्षक को मिलने वाला मानदेय दें और इनकी नौकरी स्थायी करें। सरकार और पारा टीचर दोनों अपनी-अपनी बातों पर अडे हुए हैं।

कल्याण मंत्री डॉ लोइस मरांडी के आवास के सामने धरना दे रहे पारा शिक्षक कंचन कुमार दास की मौत से गुस्साये पारा शिक्षकों ने आज जमकर सरकार विरोधी नारे लगाये। राजमहल के सांसद विजय हांसदा पारा शिक्षकों के प्रति समर्थन जताने के लिए दुमका के यज्ञ मैदान पहुंचे। यहां पारा शिक्षकों ने ‘शहीद कंचन कुमार दास अमर रहे’, ‘इन्कलाब जिंदाबाद’ और ‘रघुवर सरकार हाय-हाय’ के नारे लगाये। सांसद हांसदा ने शिक्षक के शव को कांधा दिया और मृतक के पिता को ढाढस बंधवाया।
 

Web Title: Jharkhand: The death of a teacher giving a detour outside social welfare housing

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे