झारखंड: नौकरियों में स्थानीय लोगों के 100 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे छात्र; बंद का ऐलान, पुलिस ने की सुरक्षा कड़ी
By अंजली चौहान | Published: April 19, 2023 12:56 PM2023-04-19T12:56:05+5:302023-04-19T12:59:49+5:30
झारखंड राज्य छात्र संघ ने रांची के मोराबादी इलाके में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन के दौरान टायर जलाए गए और आसपास के वेंडरों को दुकानें बंद करने के लिए कहा गया। इसी तरह अन्य जिलों में भी हालात देखने को मिले हैं।
रांची: झारखंड में सरकारी नौकरियों में स्थानीय लोगों को 100 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर बुधवार, 19 अप्रैल को विभिन्न छात्र संगठनों के सदस्यों ने राज्यव्यापी बंद लागू करने का ऐलान किया है।
झारखंड छात्र संघ के लोग भारी संख्या में सड़कों पर उतरे हुए हैं और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इस दौरान झारखंड प्रशासन ने विरोध को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी कर दी है। पूरे राज्य में सड़कों पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है।
गौरतलब है कि झारखंड राज्य छात्र संघ ने रांची के मोराबादी इलाके में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन के दौरान टायर जलाए गए और आसपास के वेंडरों को दुकानें बंद करने के लिए कहा गया। इसी तरह अन्य जिलों में भी हालात देखने को मिले हैं।
#WATCH | Jharkhand: Bandh has been called by the Students Union in Ranchi. Police forces have been deployed across the district. Patrolling and CCTV surveillance is being done. We will only take action against students if required: Shubhanshu Jain, City SP pic.twitter.com/liuyZcGHvk
— ANI (@ANI) April 19, 2023
जानकारी के अनुसार, राज्य में छात्रों के विरोध प्रदर्शन के कारण कई स्कूलों ने बुधवार को छुट्टी की घोषणा की। झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जेएसी) ने निर्धारित परीक्षाओं को रद्द कर दिया।
वहीं, राजधानी रांची में पुलिस अधिकारियों की भारी तैनाती देखी गई। दरअसल, सरकारी नौकरियों में स्थानीय लोगों के लिए 100 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर छात्र संगठन अपने 72 घंटे के आंदोलन कार्यक्रम के तहत सोमवार से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
मंगलवार शाम प्रदर्शनकारियों ने मशाल मार्च निकाला और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास का घेराव करने की भी कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया।
जेएसएसयू नेता देवेंद्र महतो ने कहा, "इस सरकार ने स्थानीय लोगों के लिए सरकारी नौकरियों में 100 प्रतिशत आरक्षण का वादा किया था, लेकिन राज्य के बाहर के छात्रों के लिए दरवाजा खोल दिया, जिससे हमें बंद का आह्वान करना पड़ा।"
1932 की 'खतियान' (भूमि बंदोबस्त) आधारित भर्ती योजना को लागू करने के बजाय, यह एक पुरानी रोजगार नीति को वापस लाया गया, जिसके तहत 60 प्रतिशत सीटें वंचित छात्रों के लिए आरक्षित होंगी, जबकि 40 प्रतिशत सभी के लिए खुली होंगी।
इस बीच पुलिस ने पूरे राज्य के सभी जिलों में भारी पुलिस बल की तैनाती की है। पेट्रोलिंग और सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है। पुलिस का कहना है कि स्थिति को काबू में रखने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।