झारखंड: खंड-खंड हो चुकी राजद रघुवर दास सरकार को उखाड़ फेंकने का भर रही दंभ, कई नेता कर चुके हैं पार्टी से किनारा
By एस पी सिन्हा | Published: August 31, 2019 04:51 PM2019-08-31T16:51:24+5:302019-08-31T16:51:24+5:30
तेजस्वी यादव ने राजद के प्रदेश अध्यक्ष अभय कुमार सिंह को झारखंड में राजद की न्याय यात्रा निकाले जाने की हिदायत दी है. हालांकि एक के बाद एक झारखंड के कई नेताओं के राजद छोड़कर चले जाने के बाद कार्यकर्ताओं में छाई निराशा अभी कम होते नहीं दिख रही है.
झारखंड में खंड-खंड हो चुकी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) विधान सभा चुनाव के दंगल में उतरने को बेताब दिखने लगी है. बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आसन्न चुनाव में झारखंड विधानसभा की 10 से 12 सीटों पर राजद का प्रत्याशी उतारे जाने के संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा है कि जहां जिस दल का मजबूत जनाधार हो, वहां बिना किसी ईगो के उसे प्राथमिकता मिलनी चाहिए. इस मसले पर वे स्वयं विपक्ष के शीर्ष नेताओं के साथ मंत्रणा करेंगे. उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में विपक्षी दलों में तालमेल नहीं बैठ पाने के कारण झारखंड में भाजपा की सरकार सत्ता में आ गई. यह गलती फिर दोहराई न जाए.
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि झारखंड में राजद को उस वक्त बड़ा झटका लगा था, जब राजद के झारखंड प्रमुख रहे गौतम सागर राणा ने पार्टी से नाता तोड़ते हुए अन्य सदस्यों के साथ राष्ट्रीय जनता दल- लोकतांत्रिक के नाम से अलग अपना दल बना लिया.
राणा ने इस बारे में कहा कि 'राजद झारखंड के 90 फीसदी कार्यकर्ता लालू प्रसाद यादव से खुश नहीं हैं. राजद में कोई लोकतंत्र नहीं बचा है. हम झारखंड के लोगों की सेवा अब खुद करेंगे. राणा ने कहा कि झारखंड में राजद के कार्यकर्ता लालू प्रसाद यादव से परेशान हो गए हैं. उसकी नीति अब जनकल्याणकारी नहीं रही.
उन्होंने कहा कि राजद के अंदर लोकतंत्र नामक की कोई चीज नहीं बची थी. हम लोग अपने हाल पर जी रहे थे. इसलिए हम लोगों ने नई पार्टी बनाई. जो जनता के हितों के लिए काम करेगी. इस तरह से झारखंड में अब राजद दो फाड़ होकर चुनावी मैदान में ताल ठोकती दिखेगी. लेकिन तेजस्वी यादव राजद लोकतांत्रिक के वजूद को नहीं मानते हुए अन्य दलों के साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरने की बात दोहराते हैं.
तेजस्वी यादव रघुवर सरकार के बारे में कहते हैं कि डबल इंजन की सरकार का एक हिस्सा भ्रष्टाचार और दूसरा अपराध में लिप्त है. सरकार ने झारखंड को पूंजीपतियों के हाथ बेच डाला है. यहां माफिया राज और गुंडाराज कायम है. मॉब लिंचिंग की घटना बढ़ी है. अपराध का ग्राफ बढ़ा है. आदिवासियों के अधिकारों का हनन हुआ है.
झारखंड में उद्घाटन के महज 12 घंटे में कोनार डैम के एक हिस्से के बह जाने पर तेजस्वी यादव ने कहा कि यह रघुवर दास की सरकार की चुनावी बौखलाहट है. आनन-फानन में वे उदघाटन का रिकॉर्ड कायम करना चाहते हैं. फिर गड़बड़ियां तो होंगी ही.
तेजस्वी यादव ने राजद के प्रदेश अध्यक्ष अभय कुमार सिंह को झारखंड में राजद की न्याय यात्रा निकाले जाने की हिदायत दी है. हालांकि एक के बाद एक झारखंड के कई नेताओं के राजद छोड़कर चले जाने के बाद कार्यकर्ताओं में छाई निराशा अभी कम होते नहीं दिख रही है.
लोकसभा चुनाव में राजद की करारी हार और बिहार-झारखंड में जीरो पर बोल्ड हो जाने के बाद भाजपा को हराने का दम किस आधार पर भर रहे हैं, इस सवाल के जवाब में तेजस्वी यादव का कहना है कि हार-जीत लगी रहती है और हर कोई कभी जीतता है तो कभी हारता है पर राजद अपनी नीति और सिद्धांत पर अडिग है. लेकिन झारखंड में राजद को तोड़कर राजद-लोकतांत्रिक बनाने वाले गौतम सागर राणा का कहना है कि झारखंड में राजद-लालू का कोई वजूद नहीं है.
इस बार विधानसभा चुनाव में उन्हें अपनी औकात का पता चल जायेगा. झारखंड में उनकी जमानत भी जब्त हो जायेगी. यहां बता दें कि झारखंड में राजद के कई दिग्गज नेताओं ने धीरे-धीरे पार्टी से किनारा कर लिया है. झारखंड में राजद की कद्दावर नेता अन्नपूर्णा देवी ने राजद से किनारा कर भाजपा का दामन थाम लिया था. वह आज भाजपा के टिकट पर कोडरमा से सांसद हैं. इसी तरह से कई दिग्गज नेताओं ने राजद से नाता तोड़ लिया है.