Jharkhnad Ki Khabar: औघड़ और नागा साधुओं ने कोरोना को भगाने के लिए लिया हठयोग का सहारा, दिन-रात कर रहे हैं अनुष्ठान
By एस पी सिन्हा | Published: May 4, 2020 05:46 PM2020-05-04T17:46:52+5:302020-05-04T17:46:52+5:30
प्राप्त जानकारी के अनुसार जमशेदपुर के सोनारी स्थित भूत नाथ मंदिर प्रांगण में कुछ औधड़ साधुओं ने 'हठयोग' साधना शुरू किया है.
रांची: कोरोना महामारी के वैश्विक संकट को दूर करने के लिए झारखंड के जमशेदपुर में औघड और नागा साधुओं ने हठ योग का सहारा लिया है. इनका कहना है वे इस पूजा के माध्यम से कोरोना के संक्रमण से पूरी दुनिया को मुक्त करायेंगे. साधुओं के अनुसार शास्त्रों में इस तरह के महामारी को दूर करने के लिए वातावरण को शुद्ध करने का उपाय बताया गया है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार जमशेदपुर के सोनारी स्थित भूत नाथ मंदिर प्रांगण में कुछ औधड साधुओं ने 'हठयोग' साधना शुरू किया है. कठोर तप के माध्यम से ये साधु वातावरण में फैले विकार को दूर करने को लेकर तप कर रहे हैं. इनका मानना है कि ऐसा करने से वैश्विक संकट के इस काल में जरूर राहत मिलेगी. शास्त्रों में इस योग का वर्णन किया गया है.
साधुओं का कहना है कि सनातन धर्म के शास्त्रों में ऐसे कई प्रकार के विषाणुओं का वर्णन किया गया जो वातावरण दूषित होने के कारण जन्म लेती और धीरे धीरे ये महामारी का रूप धारण करती है. ठीक उसी तरह कोरोना महामारी फैला है. जिसको लेकर वातावरण शुद्ध करने की जरूरत होती है. इसलिए तप और हवन किया जा रहा है ताकि हवन से निकले धुएं से वातावरण शुद्ध हो सके.
बताया जाता है कि जमशेदपुर के सोनारी भूतनाथ मंदिर में औघड साधुओं द्वारा हर साल चार महीने तक हठयोग किया जाता है. इस दौरान इनके द्वारा कठोर तप और साधना की जाती है. बसंत पंचमी से लेकर गंगा दशहरा तक यहां के औघड कठोर साधना करते हैं. ऐसे में अब इन साधुओं के हठ योग की चर्चा जोरों पर है.
धार्मिक विचार वाले जहां इसे सही मानते हैं, वहीं आधुनिक युग के लोग इसे एक ध्यान को भटकाने वाला प्रयोग मानकर इसपर ध्यान नही देने की बात कहते हैं. अब मामला चाहे जो भी हो लेकिन कुछ लोग इसे प्रणाम करने जरूर पहुंच जाते हैं.