झारखंड: नरसंहार में मारे गये लोगों के शव लेने जाने का हिम्मत नही जुटा सके परिजन, मुख्यमंत्री ने किया दौरा

By एस पी सिन्हा | Published: January 24, 2020 05:30 AM2020-01-24T05:30:49+5:302020-01-24T05:30:49+5:30

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज गुदडी प्रखंड के बुरुगुलीकेरा गांव का दौरा कर सामूहिक नरसंहार के पीड़ितों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने पीड़ित परिवारों का दर्द बांटकर न्याय का भरोसा दिलाया.

Jharkhand: Families could not dare to take dead body of those killed in massacre, CM visits | झारखंड: नरसंहार में मारे गये लोगों के शव लेने जाने का हिम्मत नही जुटा सके परिजन, मुख्यमंत्री ने किया दौरा

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

झारखंड में पत्थलगड़ी  का आतंक का हाल यह देखने में आया कि अति नक्सल प्रभावित पश्चिमी सिंहभूम के गुदडी के बुरूगुलीकेरा गांव में किये गये सामूहिक नरसंहार में मारे गये लोगों के शव लेने चक्रधरपुर आने का हिम्मत उनके परिजन नहीं कर सके. जिसके कारण प्रशासन को अपने स्‍तर से इंतजाम कर सबों के शव गांव भेजना पड़ा है. 

यहां बता दें कि बुधवार को बड़ी मशक्‍कत के बाद बुरूगुलीकेरा गांव के समीप के जंगल से मारे गए सात लोगों के शव पोस्‍टमार्टम के लिए चक्रधरपुर सदर अस्‍पताल स्थित पोस्‍टमार्टम हाउस लाए  गए थे. रात में ही पुलिस- प्रशासन की मौजूदगी में अंत्यपरीक्षण की प्रक्रिया पूरी की गई. छह सदस्यीय चिकित्सकों की टीम ने सात शवों का अंत्यपरीक्षण किया था. इसके बाद चिकित्सकों के दल ने शवों शवों को रेलवे अस्पताल स्थित शीतगृह भेज दिया था. यहां से आज शवों को प्रशासन ने अपने स्तर से व्यवस्था कर बुरूगुलीकेरा गांव वापस भेजा. कारण कि इस दौरान उनके परिजन वहां नही पहुंचे.

बता दें कि पत्थलगड़ी  के विरोध को लेकर गांव के  उप मुखिया जेम्स बूढ (30), निर्मल बूढ (25), लोम्बा बूढ (25), एतवा बूढ (27), कोंजो टोपनो (23), जरवा बूढ (22) और बोआस लोमगा (35) की अगवा कर जंगल में ले जाकर गला काट कर हत्‍या कर दी गई थी. जबकि अगवा किए गए लोदरो बूढ और रोशन बरजो अब भी लापता हैं. इस मामले में डीआइजी कुलदीप द्विवेदी ने लापरवाही बरतने के आरोप में गुदडी के थाना प्रभारी अशोक कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. पूछताछ के लिए तीन ग्रामीण हिरासत में लिए गए हैं. इनमें कोजे बूढ, राणा सी बूढ व जितेन्द्र बूढ शामिल हैं. इनसे पूछताछ चल रही है. 

वहीं, इस घटना के बाद से बुरु गुलिकेरा गांव देश भर में कुख्यात हो गया है. यह पूरा गांव पत्थलगड़ी  की आग में जल रहा है. बुरु गुलिकेरा में नरसंहार के पीछे पत्थलगड़ी  ही मुख्य कारण है. बताया जाता है कि बुरु गुलिकेरा में दो तरह की शासन व्यवस्था चलती है. एक गुट गुजरात के ए.सी कुंवर केशरी सिंह, भारत सरकार को नही मानता है और पत्थलगड़ी का समर्थक है. इससे जुडे सभी लोग अपने नाम के साथ अे.सी लगाते हैं. सभी घरों में कुटुंब परिवार का बोर्ड लगा है. 

उधर, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज गुदडी प्रखंड के बुरुगुलीकेरा गांव का दौरा कर सामूहिक नरसंहार के पीड़ितों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने पीड़ित परिवारों का दर्द बांटकर न्याय का भरोसा दिलाया. मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे तरफ से प्रशासन को ये स्पष्ट निर्देश है कि कोई भी आपराधिक घटना को सरकार संरक्षण नहीं देगी. इस घटना में जिन लोगों की संलिप्तता है, उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी. डर और भय का माहौल बनाने का प्रयास हुआ है. लेकिन इसमें लोगों को सफलता नहीं मिलेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि पीड़ित परिवारों से मिला. माहौल हृदय विदारक था. दोबारा ऐसी घटना न घटे, इसके लिए प्रशासन प्रयास करेगा.

एसआईटी को पांच दिन में रिपोर्ट देने को कहा है. जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा होगा. बतौर सीएम यह पत्थलगड़ी  का मामला नहीं है. भाजपा के दौरे को लेकर उन्होंने कहा कि इस घटना से सभी आहत हैं. इसलिए उम्मीद है कि वे भी सही व निष्पक्ष जांच करेंगे. और सरकार की मदद करेंगे. वहीं, दिल्ली से रांची पहुंचे केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने बुरुगुलीकेरा नरसंहार की कड़े शब्दों में निंदा की. उन्होंने कहा कि ऐसी घटना न दोहराये, इसे सरकार को सुनिश्चित कराना चाहिए. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस घटना की जांच कर जानकारी देने के लिए पार्टी के कुछ लोगों को जिम्मेदारी सौंपी है.
 

Web Title: Jharkhand: Families could not dare to take dead body of those killed in massacre, CM visits

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे