झारखंडः शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की हालत खराब, एयर लिफ्ट कर ले जाया जा रहा है चेन्नई, एकमो सपोर्ट पर
By एस पी सिन्हा | Published: October 19, 2020 07:14 PM2020-10-19T19:14:41+5:302020-10-19T19:14:41+5:30
झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की स्थिति आज और ज्यादा खराब हो गई है. उसके बाद उन्हें मेडिका अस्पताल में एकमो सपोर्ट पर रखा गया है.
रांचीः कोरोना से संक्रमित झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की स्थिति आज और ज्यादा खराब हो गई है. उसके बाद उन्हें मेडिका अस्पताल में एकमो सपोर्ट पर रखा गया है.
आज शाम एयर एंबुलेंस से चेन्नई ले जाया जा रहा है. शाम 7:20 बजे एयर एंबुलेंस रांची से चेन्नई के लिए उड़ान भरेगी. आज सुबह चेन्नई से डॉक्टरों की दूसरी टीम भी रांची पहुंची थी और इनकी देखरेख में ही शिक्षा मंत्री को एयर लिफ्ट किया जा रहा है. मंत्री के लंग ट्रांस्प्लांट के बारे में डॉ भट्टाचार्य ने बताया कि वर्तमान स्थिति में लंग ट्रांस्प्लांट किया जाना संभव नहीं है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार मंत्री को फिहलाल एकमो (एक्स्ट्रा कारपोरियल मेंब्रेन ऑक्सीजनेटर) सपोर्ट पर रखा गया है. मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का खुद पूरी व्यवस्था की मॉनीटरिंग कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने बताया कि एमजीएम चेन्नई से आए विशेषज्ञ चिकित्सक उनका इलाज कर रहे हैं.
चिकित्सकों की टीम उनके स्वास्थ्य पर पल-पल निगरानी रख रही है. मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि शिक्षा मंत्री की हालात स्थिर बनी हुई है और उन्हें चेन्नई स्थित एमजीएम अस्पताल में शिफ्ट किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना पॉजिटिव शिक्षामंत्री जगरनाथ महतो को जितनी जल्द हो सके, चेन्नई स्थित एमजीएम अस्पताल शिफ्ट किया जा रहा है.
इससे पहले, झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें एकमो मशीन पर डाल दिया गया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विशेष आग्रह पर रविवार देर रात चेन्नई से रांची पहुंची विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम की सलाह के बाद ऐसा किया गया. रात के करीब 11 बजे रांची पहुंचे तीन डॉक्टरों डॉ अपर जिंदल, डॉ मुरारी कृष्ण और डॉ जुनैद अमीन ने आधी रात के बाद शिक्षा मंत्री की जांच की और उन्हें एकमो मशीन पर डालने की सलाह दी.
चेन्नई के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का क्लिनिकल रिव्यू करने के बाद कहा कि उन्हें एक्स्ट्रा कॉर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजेनेटर (एकमो) मशीन पर डालने की जरूरत है. विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह पर देर रात ही इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी. एकमो को आम बोलचाल की भाषा में आर्टिफिशियल लंग्स कहा जाता है.
शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के फेफडे में संक्रमण फैल चुका है और इसे ट्रांसप्लांट करने की नौबत आ गई है. शिक्षा मंत्री का आज सुबह उनका ऑक्सीजन सेचुरेशन 80 पर आ गया था. उसके बाद दोपहर दो बजे के करीब वह घटरक 60 पहुंच गया. रिम्स के क्रिटिकल केयर एचओडी डॉ प्रदीप भट्टाचार्य बताया कि कुछ दवाएं दी गई, इनट्यूबेट किया गया. उसके बाद भी जब ऑक्सीजन लेवल नहीं बढा तो फिर उन्हें पेट के बल लिटाया गया. जिसके बाद ऑक्सीजन लेवल में सुधार हुआ है.
यहां बता दें कि 28 सितंबर, 2020 को कोरोना से संक्रमित होने के बाद उन्हें बोकारो से राजधानी रांची लाया गया और राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) के कोविड-19 वार्ड में भर्ती कराया गया. 1 अक्टूबर को यहां उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई और आनन-फानन में शिक्षा मंत्री को मेडिका हॉस्पिटल में शिफ्ट कर दिया गया. मेडिका में भी उनकी सेहत में कोई सुधार नहीं हुआ.
रविवार को उनकी तबीयत और बिगड़ गई. इसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया. हालांकि, इसके पहले महतो के परिवार ने उन्हें वेंटिलेटर पर डालने से मना कर दिया था. लेकिन, रविवार को उनकी हालत को देखते हुए वेंटिलेटर पर रखा गया. सांस लेने में तकलीफ की वजह से वेंटिलेटर पर रखे गये शिक्षा मंत्री महतो को अब एकमो मशीन पर डाल दिया गया है. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो को सांस लेने में काफी तकलीफ है.
उनका ऑक्सीजन लेवल भी रविवार को गिरने लगा. इससे डॉक्टरों की चिंता बढ गई. सीनियर डॉक्टर्स को बुलाया गया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद मेडिका पहुंचे और डॉक्टरों से शिक्षा मंत्री की सेहत के बारे में जानकारी ली. सभी विकल्पों पर डॉक्टरों के साथ बातचीत की. इसके बाद चेन्नई के विशेषज्ञ डॉक्टरों को रांची बुलाया गया.
देर रात जगरनाथ महतो की मेडिकल रिपोर्ट्स की समीक्षा करने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें एकमो मशीन पर शिफ्ट किया है. एकमो मशीन एक ऐसी मशीन है, जिसकी मदद से पूरे शरीर को ऑक्सीजन की सप्लाई की जाती है. इसका इस्तेमाल उन्हीं लोगों पर किया जाता है, जिनका फेफड़ा काम नहीं करता. इस मशीन की मदद से पूरे शरीर को ऑक्सीजन मिलता रहता है और फेफडे़ को काम करने की जरूरत नहीं होती. जरूरत पडने पर उनके फेफडे़ को ट्रांसप्लांट भी किया जा सकता है.