झारखंड: रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में कोरोना ने दिया दस्तक, लैब टेक्निशियन पाया गया पॉजिटिव, संक्रमितों की संख्या हुई 111
By एस पी सिन्हा | Published: May 1, 2020 07:30 PM2020-05-01T19:30:10+5:302020-05-01T19:30:10+5:30
आज कोरोना संक्रमित मिला एक 44 वर्षीय युवक रिम्स के आइसोलेशन वार्ड में पहले से भर्ती था. वह रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग, जहां कोरोना संक्रमण की जांच होती है, वहीं लैब टेक्निशियन है.
रांची: झारखंड में कोरोना संक्रमण का दायरा लगातार बढता जा रहा है. कोरोना संक्रमण बढते हुये रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग पंहुच गया है. रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के लैब टेक्निशियन में कोरोना संक्रमण पाया गया है. इसतरह से अबतक झारखंड में कुल कोरोना पॉजिटिव की संख्या बढ़कर 111 हो गई है. गोड्डा में संक्रमित मरीज की पुष्टि पीएमसीएच, धनबाद ने की है. आज कोरोना संक्रमित मिला एक 44 वर्षीय युवक रिम्स के आइसोलेशन वार्ड में पहले से भर्ती था. वह रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग, जहां कोरोना संक्रमण की जांच होती है, वहीं लैब टेक्निशियन है.
ऐसे में जांचकर्ता के कोरोना संक्रमित मिलने के बाद से पूरे रिम्स में हडकंप मचा है. जबकि कोरोना संक्रमित पाई गई रांची की हिंदपीढी की महिला गर्भवती है. इस तरह, राज्य में कोरोना से संक्रमित होनेवाली गर्भवती महिलाओं की संख्या अब चार हो गई है. वहीं, अब रांची में मरीजों की संख्या बढ़कर 82 हो गई है.
रिम्स में जांचकर्ता के संक्रमित पाये जाने के बाद यहां कोरोना का जांच प्रभावित हो गया है. आज आईसीएमआर के निर्देश के बाद रिम्स का माइक्रोबायोलॉजी विभाग सील कर दिया गया. अब रिम्स में 4 दिनों तक कोरोना सैम्पल की जांच नहीं होगी. 4 दिनों तक माइक्रोबायोलॉजी विभाग बन्द रहे और विभाग को 4 दिनों तक सैनिटाइज कर संक्रमण मुक्त किया जायेगा. जिसके बाद फिर से जांच शुरू कर दी जायेगी.
फिलहाल सभी कोरोना सैंपल को इटकी स्थित टीबी सेंटर भेजा जाएगा. बताया जाता है कि लैब टेक्नीशियन से पहले भी रिम्स के प्रसूती विभाग में एक महिला कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी. वहीं, डॉ उमेश प्रसाद की यूनिट में भी भर्ती एक महिला कोरोना संक्रमित मिली थी.
इसबीच, लैब टेक्नीशियन के कोरोना संक्रमित मिलने के बाद टेक्नीशियन ने अपनी मांगों को लेकर रिम्स के सामने विरोध-प्रदर्शन किया. लैब टेक्नीशियन का कहना है कि जिला प्रशासन और प्रबंधन द्वारा बरती जा रही लापरवाही के कारण ही माइक्रोबायोलॉजी विभाग में कार्यरत लैब टेक्नीशियन कोरोना पॉजिटिव हो गया. उनका आरोप है कि माइक्रोबायोलॉजी विभाग में कार्यरत सभी लैब टेक्नीशियन को सुरक्षा कीट नहीं दिए जा रहे हैं, न ही उन्हें घर के बाहर रहने के लिए होटलों में क्वॉरेंटाइन की व्यवस्था की गई है.
काम करने के बाद उन्हें अपने परिवार के साथ रहना पडता है. इससे उनका परिवार असुरक्षित है. उल्लेखनीय है कि माइक्रोबायोलॉजी विभाग में हर दिन सैंकडों कोरोना सैंपल की जांच की जाती है. अब इस विभाग में संक्रमण मिलने से दहशत का माहौल है. इससे पहले रिम्स के प्रसूती विभाग में एक महिला में कोरोना की पुष्टि हुई थी. वहीं रिम्स के औषधी विभाग में भर्ती एक मरीज में भी कोरोना की पुष्टि हुई थी, जिसके बाद लालू यादव पर भी संक्रमण का खतरा मंडराने लगा था. लालू का इलाज करने वाले डॉक्टर उमेश प्रसाद के वार्ड में भर्ती मरीज में कोरोना की पुष्टि हुई थी. अब यहां एकबार फिर से तहलका मच गया है.