झारखंड चुनाव: महाराष्ट्र के बाद बीजेपी को एक और झटका, एलजेपी ने किया 50 सीटों पर अकेले लड़ने का ऐलान, आजसू का भी दबाव
By अभिषेक पाण्डेय | Published: November 12, 2019 12:11 PM2019-11-12T12:11:08+5:302019-11-12T12:11:08+5:30
Jharkhand Assembly Polls: 30 नवंबर से होने वाले झारखंड विधानसभा चुनावों में सीटों के बंटवारे को लेकर बीजेपी पर अपने सहयोगियों का दबाव
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी गतिरोध के बीच शिवसेना के बीजेपी के साथ 30 साल पुराना नाता तोड़ने के बाद अब झारखंड के आगामी विधानसभा चुनावों में भी सहयोगी दलों के साथ सीटों के बंटवारे को लेकर पार्टी की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है।
बीजेपी द्वारा रविवार को 81 सीटों वाली झारखंड विधानसभा के लिए अपने 52 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने के बाद मंगलवार को एनडीए की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा है कि उनकी पार्टी राज्य में 50 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी।
एएनआई के मुताबिक, मंगलवार को लोक जनशक्ति पार्टी प्रमुख चिराग पासवान ने कहा, 'राज्य इकाई ने फैसला लिया है कि हम झारखंड चुनावों में 50 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेंगे, जिसकी पहली लिस्ट आज जारी की जाएगी।'
Chirag Paswan,LJP National President: Lok Janshakti Party's state unit has decided that we will contest alone, on 50 seats of Jharkhand, first list to be released later today #JharkhandAssemblyPolls (file pic) pic.twitter.com/fRn8YaIoK3
— ANI (@ANI) November 12, 2019
एलजेपी, आजसू से जारी है बीजेपी का सीटों के बंटवारे को लेकर मतभेद
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, सीटों के बंटवारे को लेकर 30 नवंबर से पांच चरणों में होने वाले झारखंड विधानसभा चुनावों में बीजेपी का न सिर्फ लोक जनशक्ति पार्टी बल्कि एक और सहयोगी ऑल इंडिया झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU) के भी दबाव का सामना करना पड़ रहा है।
आजसू ने तो चक्रधरपुर विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार भी खड़ा कर दिया है, जहां से बीजेपी ने अपने राज्य प्रमुख लक्ष्मण गिलुवा को उतारा है। आजसू के इस कदम से 2014 में पिछला विधानसभा चुनाव साथ में लड़ने वाली इन दोनों पार्टियों को बातचीत की टेबल पर ला खड़ा किया है।
आजसू ने बीजेपी से की है 19 सीटों की मांग
इस रिपोर्ट के मुताबिक, आजसू ने झारखंड विधासभा चुनावों में 19 सीटों की मांग की थी, जबकि बीजेपी उसे नौ सीटों से ज्यादा देने की इच्छुक नहीं है। आजसू पहले ही अपने 12 उम्मीदवारों की घोषणा कर चुका है, जिनमें से 4 सीटें-सिमारिया, सिंदरी, मंडू और चक्रधरपुर ऐसी हैं- जो बीजेपी उम्मीदवारों से टकरा रही हैं।
इन चुनावों में सीटों के बंटवारे को लेकर हो रही दिक्कतों को देखते हुए ही एलजेपी ने इन चुनावों में अकेले लड़ने का ऐलान किया है। 2014 चुनावों में राम विलास पासवान की पार्टी एलजेपी को लड़ने के लिए एक सीट दी गई थी और वह उस पर भी हार गई थी, अब इसका नेतृत्व चिराग पासवान कर रहे हैं।
बीजेपी ने रविवार को 52 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी करने के बाद दूसरी लिस्ट होल्ड पर रखी है, क्योंकि वह आजसू से दोनों के लिए स्वीकार्य फॉर्मूले पर पहुंचने के लिए बातचीत कर रही है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, पासवान ने बीजेपी से एलजेपी को कम से कम छह सीटों-झारमुंडी, नाला, हुसैनाबादा, बरकागांव, लातेहार और पांकी-से लड़ने देने को कहा था। हालांकि एलजेपी ने मंगलवार को अपने 50 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है, जो इस मांग से कई गुना ज्यादा है।
मुख्यमंत्री रघुवर दास को बीजेपी ने जमशेदपुर से टिकट दिया है।
2014 चुनावों में बीजेपी ने 37, आजसू ने 5 सीटें जीती थीं
पिछले विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने 72, आजसू ने 8 और एलजेपी ने एक सीट पर चुनाव लड़ा था, इनमें से बीजेपी ने 37. आजसू ने 5 और एलजेपी शून्य सीट जीती थी।
वहीं झारखंड विधानसभा चुनावों में कांग्रेस 31, उसकी सहयोगी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) 43 और बाकी 8 सीटों पर जेल में सजा काट रहे लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल को दी गई हैं। इस गठबंधन की अगुवाई पूर्व सीएम और जेएमएम प्रमुख हेमंत सोरेन कर रहे हैं।
2014 के चुनावों में जेएमएम ने 19 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस जिन 62 सीटों पर लड़ी थी उनमें से 6 सीटें जीती थीं और आरजेडी खाता भी नहीं खोल सकी थी।