Jharkhand Assembly Elections: झारखंड में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार को बड़ा झटका लगा है। सहयोगी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एकमात्र विधायक को तोड़ लिया है। विधायक कमलेश सिंह शामिल हो गए। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले तोड़ फोड़ जारी है। प्रदेश के हुसैनाबाद से विधायक ने पिछले साल एक नवंबर को हेमंत सोरेन नीत सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। सिंह का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई के प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने पार्टी मुख्यालय में एक समारोह के दौरान भाजपा में स्वागत किया।
असम सीएम हिमंत विश्व शर्मा भी कार्यक्रम में उपस्थित थे। झारखंड के लिए भाजपा के चुनाव सह-प्रभारी हैं। सिंह ने पलामू जिला स्थित हुसैनाबाद के लिए अपनी मांग पूरी नहीं होने के बाद सोरेन नीत सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। वह हुसैनाबाद को एक अलग जिला बनाने की मांग कर रहे हैं। सिंह, महाराष्ट्र में राकांपा में राजनीतिक उथल-पुथल होने के बाद, अजित पवार नीत खेमे में शामिल हो गए थे।
कमलेश सिंह झारखंड में एनसीपी के एकमात्र विधायक थे और प्रमुख नेता हैं। वह झारखंड में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं। अपने बेटे सूर्या सिंह और कई पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा में शामिल हुए। पिछले साल जब एनसीपी दो गुटों में बंट गई तो कमलेश सिंह ने खुद को अजित पवार गुट के साथ जोड़ लिया था।
कमलेश सिंह ने चुनाव में जीत और हार दोनों का अनुभव किया है। 2005 के विधानसभा चुनाव में एनसीपी ने टिकट दिया और वह राजद के संजय यादव के खिलाफ जीत हासिल कर पार्टी की उम्मीदों पर खरे उतरे। हालाँकि 2009 में फिर से टिकट दिया गया, लेकिन हुसैनाबाद निर्वाचन क्षेत्र में चौथे स्थान पर रहे।
2014 के विधानसभा चुनाव में उन्हें बसपा उम्मीदवार से हार का सामना करना पड़ा। 2019 में पार्टी ने एक बार फिर कमलेश पर भरोसा जताया और उन्होंने 25.20% वोटों के साथ हुसैनाबाद सीट जीती। गौरतलब है कि उस चुनाव में बीजेपी ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था।