झारखंड: भूख से 65 वर्षीय बुजुर्ग की मौत पर मचा बवाल, मंत्री ने भी माना संदेहास्पद, दिये जांच के आदेश
By एस पी सिन्हा | Published: June 9, 2019 04:13 PM2019-06-09T16:13:53+5:302019-06-09T16:13:53+5:30
यहां बता दें कि लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड के दुरुप पंचायत के लुरगुमी कला में रामचरण मुंडा की मौत हो गई थी. रामचरण मुंडा की पत्नी चमरी देवी ने नम आंखों से कहा कि हमारे घर में तीन दिन से एक भी दाना नहीं है और यही वजह है कि हमारे यहां पिछले तीन दिनों से खाना नहीं बन रहा था.
झारखंड के लातेहार जिले में 65 वर्षीय बुजुर्ग रामचरण मुंडा की भूख से मौत हो गई थी. मृतक की पत्नी चमरी देवी ने अपनी पीड़ा सुनाते हुए कहा था कि हमें तीन महीने से राशन नहीं मिला है. लेकिन एसडीओ सुधीर कुमार दास ने रामचरण मुंडा की भूख से मौत की बात को खारिज किया था. उन्होंने मामले में लीपापोती करते हुए कहा था कि मृतक की पत्नी चमरी देवी का ब्लड प्रेशर ठीक है. इसलिए यह कहना कि रामचरण की मौत भूख से हुई है, ठीक नहीं है.
यहां बता दें कि लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड के दुरुप पंचायत के लुरगुमी कला में रामचरण मुंडा की मौत हो गई थी. रामचरण मुंडा की पत्नी चमरी देवी ने नम आंखों से कहा कि हमारे घर में तीन दिन से एक भी दाना नहीं है और यही वजह है कि हमारे यहां पिछले तीन दिनों से खाना नहीं बन रहा था. चमरी देवी ने बताया कि उनका पीएच राशन कार्ड है, जिसमें परिवार के तीन सदस्यों का ही नाम शामिल था. इसके बाद ग्रामीणों ने इसकी सूचना मनरेगा के सहायता केंद्र में दी थी.
सहायता केंद्र से पहुंची एक महिला अधिकारी अफसाना मृतक के घर पहुंचकर उनके मौत की वजह की जानकारी ली और उसके परिवार से बातचीत करके उनके घर का हालचाल जाना. मनरेगा सहायता केंद्र की ओर मृतक के परिवार को 50 किलोग्राम अनाज और दाह संस्कार के लिए तत्काल 2000 रुपये की मदद दी गई. महिला अधिकारी ने बताया कि वह जब रामचरण मुंडा के घर पहुंची और जानकारी ली तो मालूम चला कि घर में अनाज का एक दाना भी नहीं था और तीन दिनों से घर में चूल्हा नहीं जला था. भूखे रहने के कारण रामचरण की मौत हो गई. अफसाना ने बताया कि परिजनों ने उन्हें यह जानकारी दी थी कि स्थानीय डीलर ने नेटवर्क का बहाना बनाकर तीन माह से राशन का वितरण भी नहीं किया है.
सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि नरेगा सहायता केंद्र की अफसाना ने एसडीओ को बताया था कि मृतक रामचरण मुंडा (65) के घर में राशन का एक दाना भी नहीं था. इसलिए उसकी मौत भूख से हुई है. अफसाना को ग्रामीणों ने यह भी बताया कि राशन डीलर मीना देवी ने तीन महीने से राशन का वितरण नहीं किया. इसके बाद अधिकारियों ने ऑफलाइन राशन का वितरण करवाया था. इस पर लोगों ने कहा कि यदि पहले ही यह व्यवस्था हो गई होती, तो शायद रामचरण मुंडा की मौत नहीं होती. दूसरी ओर, डीलर मीना देवी ने गांव में नेटवर्क नहीं रहने से ई-पॉश मशीन को ऑनलाइन के बदले ऑफलाइन करने का आवेदन 24 अप्रैल, 2019 को प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी को दिया था.
डीलर के आवेदन को प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी ने जिला में अग्रसारित कर दिया. डीलर के आवेदन के आलोक में उपायुक्त ने 10 मई, 2019 को खाद्य सार्वजनिक वितरण उपभोक्ता मामले के सचिव को पत्र लिखकर राशन वितरण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ई-पॉश मशीन को ऑफलाइन करने की अनुशंसा की थी, जो अब तक नहीं हुई. इसलिए राशन का वितरण नहीं हो रहा था. इतने प्रमाण के बावजूद अभी भी अधिकारियों के द्वारा यह स्वीकार नही किया जा रहा है कि रामचरण की मौत भूख से हुई थी.
हालांकि, इस मामले में लातेहार के एसडीएम सुधीर कुमार ने कहा था कि ये साबित नहीं हो रहा है कि भूख से मौत हुई है. इस परिवार को आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत कार्ड मिला हुआ है. इस परिवार को उज्जवला योजना के तहत गैस सिलेंडर मिला है. राशन का कार्ड और पेंशन कार्ड भी मिला हुआ है.
इस मामले में बीडीओ प्रीति किस्कू ने कहा कि रामचरण मुंडा की मौत लू लगने से हुई है. उसका इलाज छत्तीसगढ व महुआडांड में भी हुआ था.
वहीं, कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा और झारखंड विकास मोर्चा ने कहा है कि प्रशासन मामले को रफा-दफा करने में जुटा है. ‘भूख’ से मौत के मामले की जानकारी लेने के लिए झारखंड विकास मोर्चा के नेता बंधु तिर्की ने कहा कि रामचरण मुंडा की मौत भूख से ही हुई है. डीलर ने तीन महीने से राशन नहीं दिया. छह महीने से वृद्धा पेंशन बंद है. चार दिन से उसके घर में खाना नहीं बना था. एक सामान्य आदमी एक दिन भूखा रहे, तो कमजोर हो जाता है. वह तो बुजुर्ग भी था और गरीब भी था.
जबकि, इस मामले में मचे व्बवाल के बाद जांच करने लातेहार पहुंचे सूबे के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा कि लातेहार जिला प्रशासन द्वारा रामचरण मुंडा की मौत के कारणों को लेकर जो प्राथमिक जांच की गई है और जो रिपोर्ट मिली है, उससे मैं संतुष्ट नहीं हूं. ऑफलाइन व ऑनलाइन की गड़बड़ी के कारण तीन माह से लुरगुमी में राशन नहीं बंट रहा था, यह सत्य है. कहां से लापरवाही हुई, यह जांच का विषय है? उन्होंने कहा कि कहीं भी भूख से किसी व्यक्ति की मौत होना शर्मनाक है. इससे राज्य की बदनामी होती है. पूरे मामले की जांच करने का आदेश उपायुक्त को दिया है. अगर इसमें किसी प्रकार की लापरवाही पाई गई तो जो भी जिम्मेवार होगा, उस पर कानूनी कार्रवाई होगी.