झारखंड: लॉकडाउन के बावजूद पढ़ाने के नाम पर मदरसा में कैद कर रखी रखी गई थीं 600 छात्राएं, पुलिस ने ताला तोड़कर निकाला बाहर
By एस पी सिन्हा | Published: March 25, 2020 08:29 PM2020-03-25T20:29:30+5:302020-03-25T20:29:30+5:30
रांची के रातू थाना क्षेत्र के परहेपाट गांव के मदरसे में पढ़ाने के नाम पर कैद कर रखी गईं करीब 600 छात्राओं को पुलिस ने गेट तोड़कर मुक्त कराया. लॉकडाउन कानून के बावजूद यहां शिक्षण कार्य जारी था.
रांची: कोरोना वायरस से जारी जंग के बीच झारखंड में भी लागू किये गये लॉकडाउन कानून की एक धर्म संप्रदाय की आड़ में धज्जियां उड़ाए जाने का मामला सामने आने पर पुलिस-प्रशासन को सख्ती दिखानी पड़ी. राजधानी रांची के रातू थाना क्षेत्र के परहेपाट गांव के मदरसे में पढ़ाने के नाम पर कैद कर रखी गईं करीब 600 छात्राओं को पुलिस ने गेट तोड़कर मुक्त कराया. लॉकडाउन कानून के बावजूद यहां शिक्षण कार्य जारी था.
बताया जाता है कि मदरसे का दरवाजा बंद कर अंदर शिक्षण कार्य चल रहा था. मदरसे के संचालक पर बच्चियों को बंधक बनाकर रखने का आरोप लगा है. छात्राओं के परिजनों ने कहा है कि मदरसा के संचालक से आग्रह किया गया, फिर भी बच्चियों को छुट्टी नहीं दी जा रही थी. बच्चियों से मिलने भी नहीं दिया जा रहा था. वहीं, मदरसा के मोहतमीम (मदरसा के प्रधानाध्यापक) अब्दुल्लाह अंसारी व सचिव इदरीश अंसारी ने बताया कि मदरसे में परीक्षा चल रही थी. इसी कारण छात्राओं को रखा गया था. प्राप्त जानकारी के अनुसार एक बच्ची ने किसी तरह फोन पर अपने परिजनों को सूचना दी थी कि उन्हें जबरन बंधक के तौर पर रखा गया है. इसकी सूचना पुलिस को दी गई. इसके बाद ग्रामीण एसपी, रातू सीओ, रातू थाना प्रभारी सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे. लेकिन पुलिस-प्रशासन के पहुंचने पर गेट बाहर से बंद मिला. इसके बाद प्रशासन ने ताला तोड़कर सभी बच्चियों को बाहर निकाला. स्थानीय बच्चियों को घर भेजा गया. जबकि दूर में रहने वाली छात्राओं के परिजनों को सूचना देकर उन्हें भेजने की व्यवस्था की की जा रही है.
वहीं, पुलिस प्रशासन मदरसा संचालक पर लॉकडाउन उल्लंघन की प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी में है. मदरसे में पढ़ने वाली बच्चियों के परिजनों ने पुलिस को बताया है कि बीते 18 मार्च को ही छुट्टी कर दी गई थी. लेकिन, बच्चियों को रोककर रखा गया था और उन्हें कहीं बाहर निकलने तक नहीं दिया जा रहा था. इस संबंध में रांची के ग्रामीण एसपी ऋषभ कुमार झा ने बताया कि एक छात्रा के परिजन की ओर से सूचना मिलने के बाद पुलिस और प्रशासन की टीम मदरसे में पहुंची थी. इसके बाद बच्चियों को घर भेजने का निर्देश दिया गया. कुछ बच्चियां घर चली गईं. लेकिन जो रांची शहर और बाहर की बच्चियां हैं, उन्हें भेजने की व्यवस्था की जा रही है. प्राधानाध्यापक के खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई भी की जायेगी.