नीतीश कुमार एक बार फिर महागठबंधन में शामिल होंगे!, जीतन राम मांझी ने कहा- सीएम के लिए नीतीश से बड़ा चेहरा कोई नहीं
By अनुराग आनंद | Published: February 26, 2020 01:37 PM2020-02-26T13:37:31+5:302020-02-26T13:37:31+5:30
कांग्रेस नेता अवधेश सिंह ने भी कहा है कि नीतीश जी एक सेक्यूलर नेता हैं, इस बात से कोई परहेज नहीं है। मंगलवार को तेजस्वी जी व मेरे से उनकी मुलाकात हुई। राजनीति में कुछ भी संभव है।
दिल्ली में सीएए व एनआरसी के मुद्दे पर जारी हिंसा के बीच बिहार की राजनीतिक में भूचाल आ गई है। मंगलवार को एनआरसी व नए एनपीआर के नए प्रारूप को लागू नहीं करने को लेकर बिहार विधानसभा में प्रस्ताव पास होने के बाद अब नीतीश कुमार को महागठबंधन में शामिल करने का न्यौता पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने दिया है। इसके साथ ही जीतन राम मांझी ने कहा कि प्रदेश में सीएम पद के लिए नीतीश कुमार से बड़ा चेहरा कोई नहीं है।
न्यूज 18 से बात करते हुए पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने यह भी कहा कि अब फैसला नीतीश कुमार जी को करना है। यदि वह महागठबंधन में आते हैं तो उनका स्वागत है।
कांग्रेस नेता अवधेश सिंह ने भी दिया संकेत-
कांग्रेस नेता अवधेश सिंह ने भी कहा है कि नीतीश जी एक सेक्यूलर नेता हैं, इस बात से कोई परहेज नहीं है। मंगलवार को तेजस्वी जी व मेरे से उनकी मुलाकात हुई। राजनीति में कुछ भी संभव है। दरअसल, इस समय बिहार विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। इसी सत्र के दौरान बिहार के दो दिग्गज नेता नीतीश कुमार व तेजस्वी यादव के बीच मुलाकात हुई। ऐसे में सवाल उठता है कि 25 फरवरी को दोनों नेताओं के बीच हुई इस मुलाकात के बाद ऐसा क्या हुआ कि कुछ देर बाद ही विधानसभा में एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पास हो गया।
करीब तीन साल बाद नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच हुई मुलाकात
करीब तीन साल बाद जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच कमरे में 20 मिनट की मुलाकात हुई। इस दौरान नीतीश कुमार-तेजस्वी के अलावा आरजेडी के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी और कांग्रेस विधायक अवधेश नारायण सिंह भी मौजूद थे।
इस मुलाकात के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने इन तीनों नेताओं के सामने अपनी धर्मनिरपेक्ष छवि दिखाने की पूरी कोशिश की। वहीं, तेजस्वी ने भी मुख्यमंत्री से कहा कि जब आप खुले मंच से एनआरसी का विरोध पहले ही कर चुके हैं तो एनपीआर के साथ एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव भी आज ही पारित कराई जाए। इस बात पर नीतीश कुमार ने तुरंत हां भर दी, इसके बाद फिर क्या था जैसे ही सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई तो ये दोनों प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हो गए। इसके तहत तय हुआ है कि एनपीआर प्रदेश में 2010 के नियमों व प्रावधान के तहत ही कराए जाएंगे।
मंगलवार से ही राजधानी पटना में जारी है राजनीतिक सरगर्मी-
राजधानी पटना में मंगलवार का दिन राजनीतिक रुप से ऐतिहासिक रहा। दरअसल, मंगलवार को राजद नेता तेजस्वी यादव व बिहार के सीएम नीतीश कुमार के बीच बमद कमरे में मुलाकात हुई। इस मुलाकात के कुछ देर बाद ही बिहार विधानसभा में एनआरसी व एनपीआर को प्रदेश में लागू नहीं करने के लिए एक प्रस्ताव पास हो गया है। बिहार में प्रदेश के इन दो दिग्गज नेताओं के बीच हुई इस मुलाकात के बाद तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, इन दोनों नेताओं के बीच महज 20 मिनट की मुलाकात हुई जिसके बाद बिहार के सियासत में तूफान मच गया है।
बिहार की राजनीति में मुलाकात को लेकर लगाए जा रहे हैं कयास
बिहार की राजनीति में इस मुलाकात के बाद लिए गए फैसले को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। ऐसे में यह भी सवाल उठ रहा है कि क्या आगामी विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से चाचा-भतीजा चुनावी मैदान में एक साथ नजर आएंगे? दरअसल, नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लिए गए सीएए पर फैसले के बाद मुस्लिम समुदाय के बीच नीतीश कुमार की लोकप्रियता कम रही है। प्रदेश के कई जिलों में जदयू से मुस्लिम समुदाय के बीच नाराजगी साफ देखी जा रही है। ऐसे में नीतीश कुमार निश्चित रुप से अपनी छवि को सुधारना चाहेंगे। सूत्रों का मानना है कि नीतीश कुमार ने इसी वजह से विपक्षी दल के नेताओं के साथ बैठक कर इस प्रस्ताव को पास कराने का फैसला किया है।