तीन तलाक मुद्दे पर जदयू का सख्त रवैया, गठबंधन के बावजूद नहीं देगी भाजपा का साथ!

By एस पी सिन्हा | Published: June 13, 2019 03:00 PM2019-06-13T15:00:47+5:302019-06-13T15:00:47+5:30

तीन तलाक के मुद्दे पर जदयू नहीं देगी भाजपा का साथ। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व सूबे के उद्योग मंत्री श्याम रजक ने कहा है कि तीन तलाक विधेयक को लेकर हम सरकार के साथ नहीं है।

JD(U)'s tough attitude on triple talaq issue, despite the alliance, will not support the BJP | तीन तलाक मुद्दे पर जदयू का सख्त रवैया, गठबंधन के बावजूद नहीं देगी भाजपा का साथ!

तीन तलाक मुद्दे पर जदयू का सख्त रवैया, गठबंधन के बावजूद नहीं देगी भाजपा का साथ!

Highlightsजदयू के राष्ट्रीय महासचिव व सूबे के उद्योग मंत्री श्याम रजक ने कहा है कि तीन तलाक विधेयक को लेकर हम सरकार के साथ नहीं है. केंद्रीय कैबिनेट ने ‘तीन तलाक’ की प्रथा पर पाबंदी लगाने के लिए बुधवार को नए विधेयक को मंजूरी दी थी.

पटना, 13 जूनः संसद के बजट सत्र में तीन तलाक को लेकर नए बिल लाने की केंद्र सरकार की तैयारी के बीच इस मुद्दे पर भाजपा की सहयोगी दल जदयू केंद्र सरकार के साथ नहीं दिख रही है.  जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व सूबे के उद्योग मंत्री श्याम रजक ने कहा है कि तीन तलाक विधेयक को लेकर हम सरकार के साथ नहीं है. उन्होंने केंद्र सरकार का साथ नहीं देने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि यह समाज का मुद्दा है, इसे समाज के द्वारा ही तय किया जाना चाहिए. 

बिहार सरकार में मंत्री श्याम रजक ने कहा है कि हमने पहले भी तीन तलाक विधेयक का विरोध किया था, अब भी इसका विरोध करते हैं और आगे भी करेंगे. रजक ने कहा कि हमारे विरोध के कारण ही तीन तलाक विधेयक राज्यसभा में नहीं आ पाया था. उनहेंने कहा कि जदयू की पक्ष बिल्कुल स्पष्ट है. जदयू तीन तलाक के विधेयक पर केंद्र सरकार का विरोध करेगी. 

वहीं, उनसे पूछा गया कि वह एनडीए में रहकर सरकार का विरोध कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि यह मामला एनडीए से नहीं जुड़ा है बल्कि यह सरकार से जुड़ा हुआ मुद्दा है. इसलिए मुद्दे को लेकर जदयू राय बिल्कुल स्पष्ट है.

केंद्रीय कैबिनेट ने ‘तीन तलाक’ (तलाक-ए-बिद्दत) की प्रथा पर पाबंदी लगाने के लिए बुधवार को नए विधेयक को मंजूरी दी थी. केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यह जानकारी दी. पिछले महीने 16 वीं लोकसभा के भंग होने के बाद पिछला विधेयक निष्प्रभावी हो गया था, क्योंकि यह राज्यसभा में लंबित था. 

दरअसल, लोकसभा में किसी विधेयक के पारित हो जाने और राज्यसभा में उसके लंबित रहने की स्थिति में निचले सदन (लोकसभा) के भंग होने पर वह विधेयक निष्प्रभावी हो जाता है. यहां बता दें कि अनुच्छेद 370, कॉमन सिविल कोड, राम मंदिर और तीन तलाक जैसे मामलों पर जदयू समय-समय पर भाजपा से अलग अपना स्टैंड स्पष्ट कर चुका है.

 

Web Title: JD(U)'s tough attitude on triple talaq issue, despite the alliance, will not support the BJP

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