पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती के द्वारा हिंदुत्व को लेकर दिए बयान पर जदयू ने किया पलटवार
By एस पी सिन्हा | Published: December 10, 2024 04:23 PM2024-12-10T16:23:28+5:302024-12-10T16:23:43+5:30
इल्तिजा मुफ्ती के द्वारा पिछले दिनों हिंदुत्व को बीमारी बताए जाने पर जदयू के मुख्य प्रवक्ता एवं विधान पार्षद नीरज कुमार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
पटना: जम्मू-कश्मीर में पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती के द्वारा पिछले दिनों हिंदुत्व को बीमारी बताए जाने पर जदयू के मुख्य प्रवक्ता एवं विधान पार्षद नीरज कुमार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह देश महात्मा बुद्ध का है और महात्मा बुद्ध ने धर्म को एक व्यक्तिगत और आत्मिक अनुभव माना था, जिसे संप्रदाय ने बांट दिया। भगवान बुद्ध को विष्णु के नौवें अवतार के रूप में पूजा जाता है और इस देश की धार्मिक विविधता को लेकर संविधान ही सर्वोच्च है।
नीरज कुमार ने कहा कि इस देश में हिंदुत्व, इस्लाम, ईसाई धर्म और सिख धर्म सभी सुरक्षित हैं। जब तक देश का संविधान है, तब तक किसी भी धर्म को खतरा नहीं है। यह तो सिर्फ राजनीति हो सकती है, लेकिन धर्म को लेकर किसी के बीच कोई भेदभाव नहीं है। भगवान राम और भगवान बुद्ध दोनों को ही पूरे समाज का आदर्श माना जाता है और हमें उन सभी धर्मों और परंपराओं का सम्मान करना चाहिए।
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रहे हमलों पर भी चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि धर्म आधारित राज्य हमेशा अल्पसंख्यकों के अधिकारों का उल्लंघन करते हैं। पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश के उदाहरण देते हुए नीरज कुमार ने कहा कि धर्म आधारित राज्यों में हमेशा अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव होता है। बांग्लादेश में हो रही घटनाओं का राजनीतिक समाधान तलाशने के लिए विदेश सचिव का दौरा महत्वपूर्ण है।
वहीं, ममता बनर्जी के द्वारा इंडिया ब्लॉक के नेतृत्व करने की इच्छा जाहिर करने को लेकर तेजस्वी यादव के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए नीरज कुमार ने कहा कि यह इंडी गठबंधन के लिए चिंता का विषय है। चार सीट जीतने वाले तेजस्वी यादव आज राजनीति का मजाक बना रहे हैं। जब विपक्षी गठबंधन को चुनाव में लड़ने का समय था, तब नेतृत्व पर कोई फैसला नहीं लिया गया। लेकिन अब जब वे विपक्ष में आ गए हैं तो राजनीतिक रूप से कराह रहे हैं।
उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को अपनी बयानबाजी पर रोक लगानी चाहिए क्योंकि बिहार में इंडिया ब्लॉक की स्थिति बेहद कमजोर हो गई है। बिहार में वामपंथी और कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर जो बर्ताव किया गया, वह भी विवादों का कारण बन चुका है।