जदयू शराबबंदी का मुद्दा अब दिल्ली लेकर आई, नई आबकारी नीति पर अरविंद केजरीवाल के खिलाफ खोला मोर्चा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 28, 2021 10:37 PM2021-11-28T22:37:44+5:302021-11-28T22:37:44+5:30
जदयू ने दिल्ली में शराब के खिलाफ संघर्ष को और तेज करने की बात कही है। पार्टी ने दिल्ली के समाज में अरविंद केजरीवाल को शराब का जहर फैलाने वाला एक मुख्यमंत्री करार दिया है।
नई दिल्ली: बिहार में शराबबंदी के बाद अब इस मुद्दे के जरिए जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) दिल्ली में अपनी राजनीति को धार देने की कोशिश में हैं। जदयू ने रविवार को दिल्ली की पालम विधानसभा से दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के खिलाफ एक दिवसीय उपवास और धरना-प्रदर्शन किया।
दिल्ली जेडीयू अध्यक्ष दयानंद राय ने बिहार में नीतीश कुमार की शराबबंदी की नीति से दिल्ली सरकार को भी सीख लेने की सलाह दी। दिल्ली जदयू अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि देश की राजधानी में केजरीवाल सरकार 'हर घर नल का जल' तो नहीं पहुंचा पाई लेकिन हर घर शराब हर मुहल्ले इसकी दुकान खोलने की नीति लाकर दिल्ली के भविष्य को गर्त में मिलाने की साज़िश कर रही है।
दयानंद राय ने कहा कि दिल्ली सरकार इस नीति को तुरंत वापस ले नहीं तो पूरी दिल्ली के हर विधानसभा में इसके खिलाफ जदयू आंदोलन करेगी। दयानंद ने कहा कि केजरीवाल सरकार युवाओं को आगे बढ़ाने की नीतियों पर काम करे न कि शराब में दिल्ली का भविष्य झोंक दे।
'दिल्ली की आर्थिक नीति शराब आधारित बन रही है'
जदयू के प्रवक्ता सत्य प्रकाश मिश्रा ने कहा कि दिल्ली की सरकार की नई शराब नीति की मानसिकता बहत पहले साफ हो गई थी। उन्होंने कोरोना काल में शराब खरीदने की उम्र सीमा 25 से घटाकर 21 किए जाने की भी आलोचना की।
सत्य प्रकाश ने आरोप लगाया कि शराब को बंटवाने के लिए सएकारी एप लाया गया और अब हर गली-मोहल्ले में शराब की दुकानें खुलवाकर दिल्ली की आर्थिक नीति को शराब आधारित बनाया जा रहा है।
'झाड़ू से कराएंगे शराब की दुकान बंद'
दिल्ली प्रदेश उपाध्यक्ष श्री शैलेन्द्र कुमार ने कहा कि यदि दिल्ली की सरकार नई नीति को वापस नहीं लेती है तो जदयू की सभी महिलाएं दिल्ली के हर उस मोहल्ले में प्रदर्शन करेगी जहां नई नीति के तहत शराब की दुकानें खुलने जा रही है।
उन्होंने कहा कि जिस झाड़ू से केजरीवाल ने सरकार बनाई उसी झाड़ू से इस दुकानों को बंद कराकर रहेगी। दिल्ली जदयू महिला विंग की अध्यक्षा ने भी केजरीवाल सरकार को चुनौती देते हुए कहा की दिल्ली के महिलाओं का जीवन दूभर करने वाला कानून को यदि वापस नहीं किया तो केजरीवाल सरकार को ही सत्ता से वापस भेजना पड़ेगा।