केंद्रीय मंत्रिमंडल में लोजपा की एंट्री के सवाल पर खुलकर बोलने से बच रही जदयू, चिराग पासवान को लेकर अब भी नाराजगी
By एस पी सिन्हा | Published: June 13, 2021 06:56 PM2021-06-13T18:56:42+5:302021-06-13T19:03:09+5:30
केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर जारी अटकलों के बीच एनडीए की सहयोगी रही लोजपा को लेकर भी अब सवाल उठने लगे हैं। लोजपा प्रमुख चिराग पासवान की एंट्री मोदी कैबिनेट में हो पाएगी या नहीं? इस पर कयासों का बाजार गर्म है।
पटनाः केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर जारी अटकलों के बीच एनडीए की सहयोगी रही लोजपा को लेकर भी अब सवाल उठने लगे हैं। लोजपा प्रमुख चिराग पासवान की एंट्री मोदी कैबिनेट में हो पाएगी या नहीं? इस पर कयासों का बाजार गर्म है। हालांकि इस सवाल पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह की नाराजगी अब भी देखने को मिल जा रही है। वह लोजपा का नाम सुनना भी पसंद नहीं करते। जब लोजपा के भी मंत्रिमंडल में शामिल होने का सवाल पूछा गया तो वे थोडे असहज हो गये और कहा कि हमें दूसरे से क्या मतलब है? जदयू चिराग के मसले पर फिलहाल पत्ते नहीं खोलना चाहती। आरसीपी सिंह जदयू कार्यालय में मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि हम एनडीए के सम्मानित पार्ट हैं। केंद्र में एनडीए की सरकार है और जदयू सहयोगी दल है तो स्वाभाविक है कि हमारी भागीदारी होगी। हम एनडीए और जदयू के बारे में जानते हैं बाकी से क्या मतलब? यह पूछे जाने पर कि जदयू को केंद्रीय मंत्रिमंडल में कितनी जगह मिलने वाली है? आरसीपी ने कहा कि हम लोग सहयोगी दल हैं और सहयोग का मतलब सम्मान होता है। सबका अपना मान और सम्मान है।
उन्होंने कहा कि गठबंधन में अंडरस्टैंडिंग होती है ना कि बारगेनिंग। जदयू अध्यक्ष ने कहा कि यह कोई ट्रेड यूनियन नहीं है। सभी एक दूसरे का सम्मान करते हैं और इसी के तहत कोई फैसला होगा। उनसे जब यह पूछा गया कि जीतनराम मांझी भी नाराज हैं। इस सवाल पर आरसीपी ने कहा कि आप लोग इस पर बहुत चिंता करते हैं। बिहार में सब लोग एकजुट हैं। परिवार में वाद विवाद चलता रहता है। आप आश्वस्त रहिए बिहार में 5 साल सरकार चलेगी। जनता ने वोट किया है तो सरकार 5 साल चलेगी बेफिक्र रहिए।
उन्होंने कहा की राजद की परेशानी है कि 15 साल बेचारे बालू फांक रहे हैं। आगे फिर 5 साल बालू फांकना है। उनके पेट में हमेशा दर्द होता रहता है कि क्या पता कितना दिन ये लोग बालू फकवायेंगे? उन्होंने कहा कि जो लोग भी सरकार के अस्थिर होने या गिरने की आशंका जता रहे हैं., उन्हें निराशा के अलावा और कुछ हाथ नहीं लगने वाला। जदयू अध्यक्ष ने कहा कि जो लोग भी यह उम्मीद लगाए बैठे हैं कि आम टपक कर गिरने वाला है, उन्हें मायूसी के अलावा और कुछ हाथ नहीं आएगा। उन्होंने कहा कि उनके पास पहले भी कोई काम नहीं था और आगे भी कोई काम नहीं होगा।
यहां बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में लोजपा ने एनडीए से अगल होकर जदयू के सभी उम्मीदवारों के खिलाफ उम्मीदवार खड़े किए थे। भाजपा के भी कई नेता लोजपा में शामिल हो गये थे और टिकट ले कर जदयू के खिलाफ मैदान में उतर गये थे। इस वजह से चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी जदयू को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। विधानसभा चुनाव में जदयू को सिर्फ 43 सीटें मिली थी। इस तरह से बिहार में जदयू तीसरे नंबर की पार्टी बन गई। चुनाव में मिली करारी हार के बाद जदयू अब किसी भी कीमत पर लोजपा को बख्शने के मूड में नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह सहित पार्टी के तमाम बडे़ नेता चिराग पासवान को एनडीए से अलग रखना चाहते हैं। जदयू नेताओं के विरोध की वजह से ही एनडीए घटक दलों की बैठक से लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान की एंट्री पर प्रतिबंध लग गया था। अब केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने की संभावना पर भी ग्रहण लगता दिख रहा है।