झारखंड समेत चार राज्यों में अकेले विधानसभा चुनाव लड़ेगी जदयू, जानिए नीतीश कुमार ने क्यों लिया ये फैसला 

By एस पी सिन्हा | Published: June 9, 2019 04:38 PM2019-06-09T16:38:29+5:302019-06-09T16:38:29+5:30

पार्टी अध्‍यक्ष व मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार साफ कर चुके हैं कि प्रशांत किशोर की एजेंसी से जदयू का कोई संबंध नहीं है. उन्होंने संकेत दिया कि प्रशांत की एजेंसी किस राज्य में किस पार्टी के लिए चुनावी रणनीति बनाती है, इससे भी पार्टी को कोई मतलब नहीं है.

JD (U), contest the assembly elections in four states, know why Nitish Kumar took the decision | झारखंड समेत चार राज्यों में अकेले विधानसभा चुनाव लड़ेगी जदयू, जानिए नीतीश कुमार ने क्यों लिया ये फैसला 

झारखंड समेत चार राज्यों में अकेले विधानसभा चुनाव लड़ेगी जदयू, जानिए नीतीश कुमार ने क्यों लिया ये फैसला 

Highlightsबैठक में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ठीक बगल में प्रशांत किशोर बैठे हुए दिखे.बैठक में इस बात का भी फैसला लिया गया कि अक्टूबर तक जदयू के संगठन के तमाम चुनाव सम्पन्न हो जाएंगे.

बिहार में सत्तारूढ जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि जदयू झारखंड समेत चार राज्यों में अपने दम पर विधानसभा का चुनाव लड़ेगी. आज पटना में मुख्यमंत्री व जदयू के अध्यक्ष राष्ट्रीय नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में पार्टी ने फैसला किया गया. 

जदयू की इस अहम बैठक में पार्टी के बड़े चेहरे शामिल हुए. बैठक में पार्टी की ओर से सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि बिहार राज्य के बाहर जदयू एनडीए का हिस्सा नहीं होगा. जम्मू-कश्मीर, झारखंड, हरियाणा और दिल्ली में होने वाले आगामी चुनावों में पार्टी अकेले लड़ेगी. 

इस बैठक को लेकर शुरू से ही माना जा रहा था कि पार्टी औपचारिक रूप से झारखंड चुनाव लड़ने का फैसला ले सकती है, लेकिन तीन अन्य राज्यों में अकेल चुनाव लड़ने का फैसला लेकर नीतीश कुमार ने एक साथ अपने सहयोगियों और विरोधियों दोनों को चौका दिया है. 

जानकारी के मुताबिक बैठक में नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में एनडीए के तमाम घटक दलों में एकजुटता है और इसी का नतीजा है कि लोकसभा चुनाव में एनडीए को बंपर जीत मिली है. लेकिन इन परिणामों के साथ ही हमें अपनी पार्टी का देश के दूसरे राज्यों में भी विस्तार करना है. वहीं, बैठक में सभी की निगाहें पीके यानि प्रशांत किशोर की तरफ थीं और सभी को भरोसा था कि पीके कुछ बोलेंगे, लेकिन उनको इस अति महत्वपूर्ण बैठक में बोलने का मौका नहीं मिल सका. बैठक को चार प्रदेशों के अध्यक्ष और केसी त्यागी के अलावा नीतीश कुमार ने सम्बोधित किया. 

बैठक में इस बात का भी फैसला लिया गया कि अक्टूबर तक जदयू के संगठन के तमाम चुनाव सम्पन्न हो जाएंगे. आज से जदयू के वैसे तमाम नेता जो पार्टी के पद पर आसीन थे कार्यकारी हो गए हैं. पार्टी ने कर्नाटक के अनिल हेगडे को जदयू संगठन चुनाव का प्रभारी बनाया. मिली जानकारी के अनुसार जदयू की बैठक में मुख्य रूप से संगठन के मुद्दों पर विचार किया गया. लोकसभा चुनाव के बाद अब पार्टी की नजर अगले साल के बिहार विधानसभा चुनाव पर है. इसे लेकर संगठन के विस्तार और इसकी मजबूती पर जोर दिया गया.

पार्टी का हाल ही 50 लाख नए सदस्य बनाने का फैसला इसी की एक कड़ी है. बताया जा रहा है कि बैठक में लोकसभा चुनाव परिणाम व केंद्रीय मंत्रिमंडल में सांकेतिक भागीदारी से इनकार के बाद की स्थिति पर भी चर्चा हुई. जदयू की आज की बैठक इस मायने में महत्‍वपूर्ण थी कि यह पार्टी के केंद्र सरकार में शामिल नहीं होने के फैसले के बाद की पहली बैठक थी. यह बैठक प्रशांत किशोर के ममता बनर्जी के लिए चुनावी रणनीति बनाने के फैसले के बाद उठे विवाद के बाद हुई. 

यहां बता दें कि पार्टी अध्‍यक्ष व मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार साफ कर चुके हैं कि प्रशांत किशोर की एजेंसी से जदयू का कोई संबंध नहीं है. उन्होंने संकेत दिया कि प्रशांत की एजेंसी किस राज्य में किस पार्टी के लिए चुनावी रणनीति बनाती है, इससे भी पार्टी को कोई मतलब नहीं है. लेकिन उन्‍होंने यह भी कहा है कि इस मामले में प्रशांत किशोर को जवाब देना होगा. माना जा रहा था कि बैठक में प्रशांत किशोर इसपर कुछ बोलेंगे, लेकिन उन्‍होंने कुछ नहीं कहा. प्रशांत किशोर की एजेंसी पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी को चुनावी सहयोग करने जा रही है. जबकि, वहां ममता का मुकाबला भाजपा से है, जो एनडीए में जदयू के साथ है.

बैठक में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ठीक बगल में प्रशांत किशोर बैठे हुए दिखे. मुख्यमंत्री आवास एक अणे मार्ग पर बुलाई गई थी. इस बैठक में जदयू संगठन के राष्ट्रीय चुनाव अधिकारी का चयन और पार्टी के सांगठनिक चुनाव को लेकर विस्तार से चर्चा हुई. इसके साथ ही विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी की आगे की रणनीति पर भी चर्चा की गई. खास बात यह भी है कि जदयू केवल बिहार में एनडीए का घटक दल है. वह दूसरे राज्यों में अपनी अलग राजनीतिक गतिविधि चलाने के लिए स्वतंत्र है. अरुणाचल प्रदेश में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में जदयू ने भाजपा के खिलाफ 15 सीटों पर उम्‍मीदवार उतारे थे. अब जदयू ने झारखंड में विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है. झारखंड में भाजपा की सरकार है.

Web Title: JD (U), contest the assembly elections in four states, know why Nitish Kumar took the decision

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