जयललिता के इलाज के दौरान खर्च हुए 1.17 करोड़ रुपये, बिल हुआ लीक
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: December 19, 2018 05:55 AM2018-12-19T05:55:23+5:302018-12-19T05:55:23+5:30
तमिलनाडु की स्व. मुख्यमंत्री जे. जयललिता की बीमारी के खर्चे का एक ब्यौरा सामने आया है। जब बीमारी के दौरान चेन्नई के अपोलो अस्पताल में वह भर्ती थीं
तमिलनाडु की स्व. मुख्यमंत्री जे. जयललिता की बीमारी के खर्चे का एक ब्यौरा सामने आया है। जब बीमारी के दौरान चेन्नई के अपोलो अस्पताल में वह भर्ती थीं, तो उन 75 दिनों में उनके भोजन पर 1.17 करोड़ रुपये का खर्च आया था। जयललिता के इलाज के दौरान 75 दिनों में उनके खाने पर 1.17 करोड़ रुपए खर्च हुए। अपोलो अस्पताल द्वारा जांच कमीशन को दी गई जानकारी के मुताबिक, जयललिता के इलाज का कुल खर्च 6 करोड़ 85 लाख रुपए था। इसमें से 44.46 लाख अभी भी बाकी है।
इंडिया टुडे की खबर के अनुसार जयललिता अपनी मृत्यु से पहले यानी वह 22 सितंबर 2016 को अस्पताल में भर्ती हुई थीं और 5 दिसंबर 2016 को अस्पताल में ही उनका निधन हो गया था। उनकी पार्टी अन्नाद्रमुक ने दावा किया है कि उसने 15 जून 2017 को अस्पताल को छह करोड़ रुपये दिए गए और इससे पहले 13 अक्तूबर 2016 को 41 लाख रुपये दिए थे।
पेश किए गए बिल के मुताबिक अस्पताल ने 71 लाख रुपए फीस, 1.92 करोड़ रुपए ट्रीटमेंट जबकि 38 लाख रुपए मेडीसन के लिए खर्च हुए। इसके अलावा 92 लाख रुपए यूके से आए डॉक्टर और 12 लाख रुपए सिंगापुर से आए डॉक्टर की फीस के लिए खर्च किए गए। साथ ही जिस कमरे में जयललिता भर्ती रहीं, उसका किराया 1.24 करोड़ रुपए था। इतना ही नहीं जयललिता की करीबी शशिकला और उनके कुछ रिश्तेदार उनके साथ 75 दिनों के इलाज के दौरान अस्पताल में ही रुके थे , जिसको भी जोड़ा गया है।
जयललिता की मौत की जांच कर रहे आयोग के समक्ष अपोलो अस्पताल द्वारा पेश दस्तावेजों से इस विशाल भोजन खर्च का खुलासा हुआ है। तत्कालीन मुख्यमंत्री के इलाज पर कुल खर्च छह करोड़ 85 लाख 69 हजार 584 रुपये दिखाया गया है, जिनमें से 44.46 लाख रुपये अब भी बकाया है। इस बिल के सामने आने से फिलहाल हर कोई सख्ते में है।
अस्पताल का खर्च (रुपये में)
कंसल्टेशन फी 71 लाख
स्वास्थ्य सेवा 1.02 करोड़
दवा 38 लाख
ब्रिटिश डॉक्टर को 92 लाख
सिंगापुर से फिजियोथेरेपी 12 लाख
कमरे का किराया 1.24 करोड़
वहीं, दूसरी तरफ अम्मी की पार्टी की ओर से इस पर कोई बयान अभी तक नहीं है। ना ही जांच समिति ने इस पर अपनी कोई टिप्पणी की है। लेकिन बिल के लीक होने से पर कोई सख्ते में जरुर है।
(इनपुट भाषा के साथ)