सोनिया व राहुल गांधी के करीबी जनार्दन द्विवेदी ने कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाए, कर्ण सिंह भी नाराज
By सतीश कुमार सिंह | Published: July 9, 2019 02:40 PM2019-07-09T14:40:35+5:302019-07-09T14:40:35+5:30
जनार्दन द्विवेदी ने पांच कांग्रेस अध्यक्षों इंदिरा, राजीव, नरसिम्हा राव और सोनिया गांधी के साथ काम किया है। उन्हें सोनिया गांधी और राहुल गांधी का करीबी माना जाता है।
कांग्रेस में उठापठक जारी है। दिल्ली से लेकर बेंगलुरु तक कांग्रेस में खींचतान है। पार्टी के वरिष्ठ नेता कांग्रेस कार्यसमिति पर लगातार अंगुली उठा रहे हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जनार्दन द्विवेदी ने कहा कि राहुल गांधी तकनीकी रूप से अब भी कांग्रेस अध्यक्ष हैं, उन्हें अपने उत्तराधिकारी के नाम का सुझाव करने के लिए समिति का गठन करना चाहिए। द्विवेदी ने इस्तीफा देने के लिए राहुल गांधी की सराहना की और कहा कि कांग्रेस के दूसरे नेताओं को भी इसका अनुसरण करना चाहिए।
राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद नए कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर चल रही कवायदों और अटकलों के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता जनार्दन द्विवेदी ने मंगलवार को कहा कि गांधी को पद छोड़ने से पहले नए अध्यक्ष को लेकर कोई व्यवस्था बनानी चाहिए थी।
द्विवेदी ने बातचीत में यह सवाल भी किया कि कांग्रेस के नए अध्यक्ष को लेकर पार्टी के भीतर जो ‘बैठकें’ चल रही हैं, उनके लिए किसने अधिकृत किया है? उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को इस्तीफा देने से पहले अगले अध्यक्ष के चयन को लेकर कोई व्यवस्था बनानी चाहिए थी।
इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कर्ण सिंह ने सोमवार को कहा था कि जल्द से जल्द कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक बुलाकर निर्णय किए जाएं तथा हो सके तो यह बैठक पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अगुवाई में बुलाई जाए।
गौरतलब है कि गांधी ने पिछले दिनों अपने इस्तीफे की औपचारिक घोषणा की और नए अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया से खुद को अलग कर लिया। इसके बाद से अब तक सीडब्ल्यूसी की बैठक को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया है।
अब कांग्रेस नेता जनार्दन द्विवेदी ने पार्टी के नए अध्यक्ष के नाम को लेकर चल रही अटकलों के बीच कहा कि कार्यसमिति की बैठक बुलाई जानी चाहिए और नाम को लेकर जल्द ही फैसला कर लिया जाना चाहिए। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा कि जिस संगठन में आपने पूरा जीवन लगाया, उसकी स्थिति देख कर पीढ़ा होती है।
पार्टी की हार का कारण भीतर है, बाहर नहीं। पार्टी में कई ऐसी बातें हुईं, जिससे मैं सहमत नहीं था और ये मैंने पार्टी नेतृत्व को बताया था। आर्थिक आरक्षण ऐसा मसला था, मैंने अध्यक्ष को कहा था कि मैं आपसे सहमत नहीं हूं। जनार्दन द्विवेदी सबसे लंबे समय तक कांग्रेस महासचिव रहे हैं।
उन्होंने 2018 में स्वेच्छा से रिटायरमेंट लिया था। जनार्दन द्विवेदी ने पांच कांग्रेस अध्यक्षों इंदिरा, राजीव, नरसिम्हा राव और सोनिया गांधी के साथ काम किया है। उन्हें सोनिया गांधी और राहुल गांधी का करीबी माना जाता है। कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी और पार्टी नेता राहुल गांधी ने सोमवार को कांग्रेस के नवनिर्वाचित लोकसभा सदस्यों से संवाद किया और उन्हें पार्टी की तरफ से पूरे सहयोग का भरोसा दिलाया।
Janardan Dwivedi, Congress: A meeting of the Working Committee should be called and a decision should be made on the name at the earliest. https://t.co/yHcaKPowtN
— ANI (@ANI) July 9, 2019
सूत्रों के मुताबिक 15 गुरुद्वारा रकाबगंज रोड स्थित कांग्रेस के वाररूम में नवनिर्वाचित सांसदों के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम रखा गया था जिसमें सोनिया, राहुल और कुछ अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए। इस दौरान मौजूद रहे एक सांसद ने 'बताया कि सोनिया और राहुल ने सांसदों से मुलाकात की तथा इस दौरान संप्रग प्रमुख ने उनके लिए संक्षिप्त संबोधन भी दिया।
उन्होंने कहा, ''सोनिया जी ने कहा कि सांसदों को पार्टी की तरफ से पूरा सहयोग मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सांसदों के साथ आगे बैठकें होती रहेंगी।'' इस बार के चुनाव में कांग्रेस के सिर्फ 52 लोकसभा सदस्य निर्वाचित हो सके हैं। भाषा हक नेत्रपाल नरेश नरेश