जम्मू विवि के प्रोफेसर ने भगत सिंह को बताया आतंकी, होगी जांच
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 1, 2018 07:41 PM2018-12-01T19:41:37+5:302018-12-01T19:41:37+5:30
जम्मू विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर के दो घंटे तक चले व्याख्यान में से 25 सेकेंड की क्लिपिंग बनाई गई है. मैं अपने व्याख्यान में (रूसी क्रांतिकारी) लेनिन की बात कर रहा था और इसी संदर्भ में मैंने कहा कि राज्य अपने खिलाफ किसी भी हिंसा को 'आतंकवाद' कहता है.
जम्मू विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर ने स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह को 'आतंकवादी' बताकर विवाद पैदा कर दिया है. विवि के आधिकारियों ने मामले की जांच के लिए एक पैनल का गठन किया है. विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग में गुरुवार को व्याख्यान के दौरान प्रोफेसर मोहम्मद ताजुद्दीन ने यह हवाला दिया. इसके तुरंत बाद छात्रों ने यह मामला कुलपति के समक्ष उठाया.
विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. विनय थुसू ने बताया, ''राजनीति विज्ञान विभाग के कुछ छात्र गुरुवार की शाम को कुलपति से मिले और घटना की जानकारी दी. उन्होंने साक्ष्य के रूप में एक सीडी भी कुलपति को सौंपी.'' त्वरित कार्रवाई करते हुए कुलपति एम. के. धर ने मामले की जांच और प्राध्यापक को अध्यापन से अलग करने का आदेश दिया.
उन्होंने बताया, ''कुछ छात्रों ने प्रोफेसर ताजुद्दीन की शिकायत कुलपति से की. इसके तुरंत बाद उन्होंने जांच कमेटी का गठन किया. अकादमिक मामलों के डीन इस कमेटी की अध्यक्षता करेंगे.'' थुसू ने बताया, ''कमेटी से 7 दिन में जांच रिपोर्ट मांगी गई है. प्रोफेसर ताजुद्दीन को अगले आदेश तक अध्यापन से तत्काल प्रभाव से अलग कर दिया गया है.'' इस मामले में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया और प्रोफेसर को विवि से निलंबित करने की मांग की. ताजुद्दीन ने दी सफाई, मांगी माफी: प्रोफेसर ताजुद्दीन ने कहा, ''उनकी टिप्पणी को संदर्भ से अलग लिया गया है.
दो घंटे तक चले व्याख्यान में से 25 सेकेंड की क्लिपिंग बनाई गई है. मैं अपने व्याख्यान में (रूसी क्रांतिकारी) लेनिन की बात कर रहा था और इसी संदर्भ में मैंने कहा कि राज्य अपने खिलाफ किसी भी हिंसा को 'आतंकवाद' कहता है. किसी ने मेरे दो घंटे के व्याख्यान में से 25 सेकेंड का वीडियो बनाया है. उसमें आतंकवाद शब्द है. उसमें मेरा मतलब क्या था, यह नहीं आया है. फिर भी अगर किसी की भावना को ठेस पहुंची है तो मुझे इसका अफसोस है. मेरी भावना किसी को आहत करने की नहीं थी और इसके लिए मैं माफी मांगता हूं.''
प्रोफेसर ने कहा, ''मेरी मंशा भगत सिंह के व्यक्तित्व को धूमिल करने की नहीं थी अथवा किसी की भावना को ठेस पहुंचाना नहीं था. लेकिन अगर ऐसा हुआ है तो मुझे इसका खेद है.''