जम्मू-कश्मीरः सीमा पार से हथियारों की सप्लाई हुई बंद, इस वजह से सुरक्षाबलों से राइफलें लूट रहे आतंकी

By सुरेश डुग्गर | Published: October 16, 2018 05:49 PM2018-10-16T17:49:02+5:302018-10-16T17:55:00+5:30

करीब पांच साल पहले तक हथियारों को लूटने का सिलसिला नगण्य सा ही था क्योंकि उस पार आना-जाना कोई कठिन कार्य नहीं था। पर अब ऐसा नहीं है। यह पिछले तीन साल के भीतर होने वाली हथियारों की लूट की घटनाओं से भी साबित होता है जिसमें 200 से अधिक हथियार लूट लिए गए।

jammu kashmir: supply of weapons was stopped from across the border | जम्मू-कश्मीरः सीमा पार से हथियारों की सप्लाई हुई बंद, इस वजह से सुरक्षाबलों से राइफलें लूट रहे आतंकी

जम्मू-कश्मीरः सीमा पार से हथियारों की सप्लाई हुई बंद, इस वजह से सुरक्षाबलों से राइफलें लूट रहे आतंकी

पिछले तीन सालों में कश्मीर में सक्रिय आतंकियों ने सुरक्षाकर्मियों से 200 के करीब हथियारों को लूट लिया है। ऐसा उनके द्वारा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि सीमा पार से हथियारों की खेपें आनी बंद हो चुकी हैं और प्रशिक्षु सीमा पार ट्रेनिंग के लिए नहीं जा पा रहे हैं। सोमवार को भी आतंकियों ने दो राइफलों को लूट लिया। पिछले महीने की 28 तारीख को पहली बार एसपीओ से आतंकी बन चुके पुलिसकर्मी ने आप ही 9 राइफलों को लूट लिया था। यह आतंकवाद के इतिहास की सबसे बड़ी लूट थी।

तीन सालों में लूटे 200 हथियार

करीब पांच साल पहले तक हथियारों को लूटने का सिलसिला नगण्य सा ही था क्योंकि उस पार आना-जाना कोई कठिन कार्य नहीं था। पर अब ऐसा नहीं है। यह पिछले तीन साल के भीतर होने वाली हथियारों की लूट की घटनाओं से भी साबित होता है जिसमें 200 से अधिक हथियार लूट लिए गए। इनमें 18 हथियार सिर्फ इसी साल लूटे गए वह भी सिर्फ बडगाम तथा श्रीनगर जिलों से। बाकी जिलों का कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। हथियारों को लूटने की घटनाओं की जांच से जो सामने आता है वह भी कम चौंकाने वाला नहीं था। अधिकतर घटनाएं उन आतंकियों द्वारा अंजाम दी गईं जो नए रंगरूट थे। 

नए रंगरूट दे रहे घटना का अंजाम

एक सूत्र के मुताबिक, एलओसी पार जा कर ट्रेनिंग लेना अब असंभव सा होने लगा है क्योंकि एलओसी पर सिर्फ तारबंदी ही नहीं बल्कि इसरायली सहायता से तैनात किया गया साजो सामान घुसपैठ को नामुमकिन बना रहा है। जो इक्का दुक्का घटनाएं घुसपैठ की होती हैं उनमें अधिकतर आतंकी मारे जाते हैं या फिर बिना हथियारों के ही आतंकी घुसपैठ करते हैं। यही कारण था कि नए रंगरूट ही ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे थे। दूसरा बड़ा कारण बड़ी संख्या में आतंकियों का मारा जाना है। अधिकारी कहते थे कि मारे गए आतंकियों से हथियार बरामद होते हैं और आतंकियों के पास हथियारों की कमी होने लगती है। यह भी चौंकाने वाली बात है कि कई बैंक लूट की घटनाओं के दौरान आतंकियों ने दोनाली बंदूकें भी लूट लीं और फिर उनका इस्तेमाल भी हमलों के लिए किया गया।

'अब गुरिल्ला युद्ध शुरू हो चुका है' 

सुरक्षाबलों से हथियारों को लूटे जाने की घटनाओं को एक अलग नजरिए से भी देखा जाने लगा है। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पिछले महीने कहते थे कि कश्मीर में अब गुरिल्ला युद्ध शुरू हो चुका है जिसको जारी रखने की खातिर कश्मीर के लड़कों को पाकिस्तानी बंदूकों की जरूरत नहीं है। राजनीतिक पंडितों के शब्दों में कश्मीर का आतंकवाद अब पूर्वाग्रह से प्रेरित भेड़चाल के गुरिल्ला युद्ध में बदल चुका है जिसमें नौजवान कूदे जा रहे हैं और वे हथियारों की आपूर्ति की खातिर सुरक्षाबलों से हथियार लूट रहे हैं।

गोला-बारूद की होने लगी कमी

चाहे कोई कुछ भी कहता रहे लेकिन सच्चाई यह भी है कि पाक प्रेरित आतंकवाद को चलाने वालों के पास हथियारों और गोला-बारूद की कमी होने लगी है और वे उसकी कमी को सुरक्षाबलों से लूटे जाने वाले हथियारों से पूरी करने की कोशिश में है। यही कारण है कि अब सुरक्षाकर्मियों को अपने हथियारों को लोहे की जंजीरों से बांध कर अपनी कमर से लपेट कर रखने के निर्देश भी दिए गए हैं।

Web Title: jammu kashmir: supply of weapons was stopped from across the border

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