जम्मू कश्मीरः अलगाववादियों ने सोमवार को बुलाई हड़ताल, श्रीनगर और पुलवामा में पाबंदियां लागू
By भाषा | Published: December 16, 2018 12:48 PM2018-12-16T12:48:51+5:302018-12-16T12:48:51+5:30
पुलवामा जिले के सिर्नू गांव में शनिवार को एक मुठभेड़ स्थल के समीप सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों पर कथित तौर पर गोलियां चला दी थीं जिसमें सात नागरिकों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए थे।
श्रीनगर, 16 दिसंबरः जम्मू कश्मीर के पुलवामा और श्रीनगर जिलों के कुछ हिस्सों में एहतियाती कदम के तौर पर रविवार को पाबंदियां लागू की गई। शनिवार को एक मुठभेड़ के दौरान सात नागरिकों की मौत के खिलाफ अलगावादियों की हड़ताल के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले और श्रीनगर के छह पुलिस थाने के तहत आने वाले इलाकों में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत पाबंदियां लागू की गई हैं।
उन्होंने बताया कि शहर के नौहट्टा, खानयार, रैनावारी, सफाकदाल, एम आर गंज और मैसुमा पुलिस थाना क्षेत्रों में पाबंदियां लगाई गई हैं। अधिकारियों ने बताया कि कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए एहतियातन प्रतिबंध लागू किए गए हैं।
ज्वाइंट रेजिस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) के बैनर तले अलगाववादियों ने नागरिकों की हत्या के खिलाफ रविवार को पूरे कश्मीर में हड़ताल का आह्वान किया। जेआरएल में शामिल सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और मोहम्मद यासीन मलिक ने लोगों से सोमवार को यहां बादामीबाग में सेना की चिनार कोर के मुख्यालय की ओर मार्च करने के लिए कहा।
पुलवामा जिले के सिर्नू गांव में शनिवार को एक मुठभेड़ स्थल के समीप सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों पर कथित तौर पर गोलियां चला दी थीं जिसमें सात नागरिकों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए थे। मुठभेड़ में तीन आतंकवादी भी मारे गए थे जबकि एक जवान शहीद हो गया था और दो अन्य घायल हुए थे।
इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि शहर में हड़ताल के कारण दुकान, पेट्रोल पम्प और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद हैं। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक वाहन सड़कों से नदारद हैं। हालांकि, कुछ इलाकों में कुछ निजी कारें, कैब और ऑटो रिक्शा चल रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि साप्ताहिक बाजार भी बंद है। घाटी के अन्य जिला मुख्यालयों से भी ऐसी ही खबरें आ रही हैं। उन्होंने बताया कि कानून एवं व्यवस्था की किसी भी समस्या से बचने के लिए संवेदनशील स्थानों पर भारी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। श्रीनगर समेत घाटी के ज्यादातर हिस्सों में हाई स्पीड मोबाइल इंटरनेट अब भी बंद है।