J&K: गणतंत्र दिवस पर आतंकवादी बरपाना चाहते हैं कहर, लेकिन सुरक्षाबलों ने उनके हर मंसूबों पर पानी फेरने के लिए कसी कमर
By सुरेश एस डुग्गर | Published: January 17, 2020 04:28 PM2020-01-17T16:28:09+5:302020-01-17T16:28:09+5:30
जम्मू-कश्मीरः लश्कर-ए तैयबा और जैशे मुहम्मद के अगले निशाने क्या हैं वह आप ही इसे स्पष्ट कर रहा है। वह श्रीनगर के उस स्थल को उड़ा देने की धमकी दे रहे हैं जहां गणतंत्र दिवस की परेड होनी है।
जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में पांच आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद अधिकारियों का दावा है कि आतंकी सारे राज्य में गणतंत्र दिवस पर कहर बरपाना चाहते हैं क्योंकि ऐसा करने के निर्देश उन्हें सीमा पार से मिले हैं। यही कारण है कि गणतंत्र दिवस को लेकर जम्मू कश्मीर में जो तैयारियां की जा रही हैं उनमें सबसे बड़ी तैयारी गणतंत्र दिवस को मनाने की नहीं है बल्कि गणतंत्र दिवस के दिन शांति बनाए रखने की है। अर्थात आतंकी हमलों से निपटने की खातिर तैयारियां की जा रही हैं।
सूत्रों के अनुसार, सुरक्षाबलों के बढ़ते दबाव के कारण आतंकी घटनाओं को अंजाम देने में नाकाम हो रहे हैं और उन्हें कुछ बड़ा करने की खातिर सीमा पार से दबाव डाला जा रहा है।
लश्कर-ए तैयबा और जैशे मुहम्मद के अगले निशाने क्या हैं वह आप ही इसे स्पष्ट कर रहा है। वह श्रीनगर के उस स्थल को उड़ा देने की धमकी दे रहे हैं जहां गणतंत्र दिवस की परेड होनी है। हालांकि सभी यह जानते हैं कि बख्शी स्टेडियम को आतंकी पिछले 31 सालों से लगातार निशाना बनाते आ रहे हैं और कई बार राकेटों के हमलों को यह स्टेडियम सहन कर चुका है। इसकी पुष्टि सुरक्षाधिकारी कर चुके हैं जिनका हालांकि कहना है कि सभी उन प्रतिष्ठानों की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है जिन्हें आतंकी धमकी मिली है।
चौंकाने वाला तथ्य आतंकियों द्वारा बनाए जा रहे भयपूर्ण वातावरण का यह है कि आम नागरिक तो दहशतजदा हैं ही सुरक्षाकर्मी सबसे अधिक भयभीत हैं। यही कारण है कि सुरक्षाधिकारी मानते हैं कि इस बार का गणतंत्र दिवस अधिक खूनी साबित हो सकता है।
सबसे अधिक खतरा लश्कर-ए तैयबा से है जो पिछले कुछ समय से कहर के रुप में कश्मीर में उस अमन चैन की कोशिश पर टूट रहा है जिसे लाने का प्रयत्न किया जा रहा है। यही नहीं लश्कर-ए-तैयबा की ओर से सबसे बड़ा खतरा मानव बमों का है क्योंकि अभी तक का अनुभव यही रहा है कि लश्कर-ए-तैयबा ने आतंक तथा दहशत फैलाने के लिए मानव बमों का खुल कर इस्तेमाल किया है जबकि आत्मघाती हमले उसके प्रमुख हथियार माने जाते हैं।
गणतंत्र दिवस पर आतंकी हिंसा सभी हदों को पार कर सकती है इस आशंका का नतीजा यह है कि कश्मीर घाटी ही नहीं बल्कि जम्मू कश्मीर के कई प्रमुख कस्बों में वे सड़कें तथा उन मैदानों के आसपास के क्षेत्रों में अभी से मौत का सन्नाटा छाने लगा है जहां गणतंत्र दिवस परेड होनी है और आतंकवादी उन्हें तहस नहस करने की चेतावनी दे रहे हैं।
आतंकी अपनी धमकी में कामयाब हो पाएंगें या नहीं यह तो समय ही बता पाएगा लेकिन इतना अवश्य है कि उनकी धमकियों के कारण जम्मू कश्मीर में सारा जन जीवन अस्तव्यस्त होने लगा है क्योंकि आतंकी धमकी को रोकने के लिए सुरक्षाबलों द्वारा ’मासूमों‘ को तंग करने का सिलसिला आरंभ किया जा चुका है।
दरअसल गणतंत्र दिवस पर हिंसा फैलाने तथा भयानक विस्फोट करने की सबसे बड़ी धमकी लश्कर-ए तैयबा और जैशे मुहम्मद द्वारा दी जा रही है। यह भी सच्चाई है कि लश्कर-ए तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद की धमकी को कम करके आंका नहीं जा सकता क्योंकि अभी तक उन्होंने जो भी धमकियां दी हैं उसे उसने पूरा करके दिखाया है।