Jammu Kashmir: डोमिसाइल मामले पर पुलिस की ‘धमकी’, कहा- लोगों को भड़काया तो जेल में जाओगे
By सुरेश एस डुग्गर | Published: April 3, 2020 06:57 PM2020-04-03T18:57:53+5:302020-04-03T18:57:53+5:30
पुलिस की इस धमकी पर बवाल मचा हुआ है और विरोध करने वाले कहते हैं कि भारतीय संविधान में बोलने की आजादी प्राप्त है जिसे कोई छीन नहीं सकता।
जम्मू, 3 अप्रैल। पांच अगस्त को राज्य के दो टुकड़े करने और उसकी पहचान खत्म किए जाने की कवायद के बाद अब प्रदेश में डोमिसाइल कानून को लागू किए जाने पर उसकी हो रही खिलाफत पर बवाल बढ़ गया है। पुलिस ने ‘धमकी’ दी है कि अगर आम जनता को इस मुद्दे पर भड़काया या कोई कदम उठाने के लिए उनको प्रेरित किया तो जेल में ठूंस दिया जाएगा।
पुलिस की इस धमकी पर बवाल मचा हुआ है और विरोध करने वाले कहते हैं कि भारतीय संविधान में बोलने की आजादी प्राप्त है जिसे कोई छीन नहीं सकता।
परसों रात 12 बजे केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर के नागरिकों के लिए डोमिसाइल कानून को लागू करने की घोषणा की थी। इस पर जम कर बवाल हो रहा है क्योंकि इस कानून की धाराओं पर सिर्फ प्रदेश भाजपा ही खुशी मना रही है बाकी सभी राजनीतिक दल इसके विराोध में एकजुट हो चुके हैं।
इसका विरोध सोशल मीडिया पर भी जबरदस्त इसलिए हो रहा है क्योंकि प्रदेश में भी लाकडाउन और कर्फ्यू है। सोशल मीडिया पर इसके प्रति विरोध जताने वाले अपने गुस्से का इजहार करते हुए सभी को सड़कों पर निकलने के लिए बोल रहे हैं। ऐसा बोलने वालों का कहना था कि सोशल मीडिया पर भावनाएं प्रकट करके हम सिर्फ कागजी शेर बन सकते हैं और अपने अधिकार नहीं पा सकते।
और इसी को लेकर कश्मीर पुलिस ने उन लोगों को जेलों में ठूंसने की चेतावनी व धमकी दी है जो सोशल मीडिया पर अपनी भावनाएं प्रकट करने के साथ ही गुस्से का इजहार कर रहे हैं। कश्मीर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक ने इसके प्रति वक्तव्य भी जारी किया और लोगों को भावनाओं को कंट्रोल में रखने की चेतावनी दे डाली। उन्होंने साथ ही धमकी दी की सोशल मीडिया पर इस प्रकार भावनाएं व्यक्त करना या कानून का विरोध करना अनुचित है जिससे लोगों की भावनाएं भड़क रही हैं। वे कहते थे कि पुलिस उन सभी लोगों के खिलाफ मामले दर्ज करेगी जो लोगों को इसके लिए प्रेरित कर रहे हैं।
हालांकि पुलिस की इस ‘धमकी’ का भी अब विरोध आरंभ हो गया है। यह बात अलग है कि यह विरोध भी सोशल मीडिया तक ही इसलिए सीमित है क्योंकि लाकडाउन व कर्फ्यू के कारण कोई सड़कों पर उतरने का खतरा मोल नहीं लेना चाहता। हालांकि पैंथर्स पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री हर्ष देव जरूर पार्टी मुख्यालय के बाहर सड़क पर बैठ कर दो घंटों तक विरोध दर्ज करवाने में कामयाब रहे थे।
जबकि सोशल मीडिया पर ऐसा विरोध प्रकट करने वालों में सबसे आगे पीडीपी है जिसका कहना था कि सभी को भारतीय संविधान की धारा 19 के तहत अपने विचार बोल कर या लिखित रूप से प्रकट करने का अधिकार है। और कोई ऐसा अधिकार छीन नहीं सकता।