जम्मू-कश्मीर: कोरोना संकट के चलते 6 लाख से ज्यादा खानाबदोश गुज्जर-बक्करवाल अधर में लटके

By सुरेश एस डुग्गर | Published: April 6, 2020 05:56 AM2020-04-06T05:56:17+5:302020-04-06T05:56:45+5:30

दरअसल अप्रैल के पहले हफ्ते ही घूमंतू समुदाय के हजारों परिवारों के 6 लाख से अधिक सदस्य अपने उन स्थानों की ओर पलायन आरंभ कर देते थे जहां तक पहुंचने के लिए उन्हें 40 से 45 दिनों का समय लगता है। पर इस बार उन्हें अपने गंतव्य स्थानों की ओर मूव करना मुश्किलों से भरा लग रहा है क्योंकि कोरोना के कारण लॉकडाउन है।

Jammu Kashmir: More than 6 lakh nomads Gujjar-Bakarwals in crisis due to Coronavirus outbreak | जम्मू-कश्मीर: कोरोना संकट के चलते 6 लाख से ज्यादा खानाबदोश गुज्जर-बक्करवाल अधर में लटके

प्रतीकात्मक तस्वीर। (Image Courtesy: Facebook/@gujjarbakarwalithadcouncil)

Highlightsप्रदेश में 6 लाख से अधिक गुज्जर-बक्करवाल समुदाय के खानाबदोश नागरिकों के लिए समस्या यह हो चली है कि मैदानी इलाकों में बढ़ती गर्मी के बीच लॉकडाउन के कारण वे अधर में फंस चुके हैं। फिलहाल 14 अप्रैल तक लॉकडाउन है। उन्हें पहाड़ी क्षेत्रों की ओर पलायन करना है। सरकारी तौर पर 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन की स्थिति पर कोई शब्द नहीं बोला जा रहा है।

प्रदेश में 6 लाख से अधिक गुज्जर-बक्करवाल समुदाय के खानाबदोश नागरिकों के लिए समस्या यह हो चली है कि मैदानी इलाकों में बढ़ती गर्मी के बीच लॉकडाउन के कारण वे अधर में फंस चुके हैं। फिलहाल 14 अप्रैल तक लॉकडाउन है। उन्हें पहाड़ी क्षेत्रों की ओर पलायन करना है। सरकारी तौर पर 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन की स्थिति पर कोई शब्द नहीं बोला जा रहा है।

दरअसल अप्रैल के पहले हफ्ते ही घूमंतू समुदाय के हजारों परिवारों के 6 लाख से अधिक सदस्य अपने उन स्थानों की ओर पलायन आरंभ कर देते थे जहां तक पहुंचने के लिए उन्हें 40 से 45 दिनों का समय लगता है। पर इस बार उन्हें अपने गंतव्य स्थानों की ओर मूव करना मुश्किलों से भरा लग रहा है क्योंकि कोरोना के कारण लॉकडाउन है।

इन खानाबदोशों में गुज्जर, बक्करवाल, गद्दी तथा सिप्पी समुदाय के 6 लाख के अधिक सदस्य हैं जो प्रत्येक गर्मी की शुरूआत और सर्दी के आगमन के साथ ही पहाड़ों से नीचे आते हैं या फिर वहां चले जाते हैं।। उनके साथ ही उनके लाखों जानवर भी मूव करते हैं। वे कश्मीर में एलओसी से सटे इलाकों के अतिरिक्त लद्दाख में चीन सीमा से सटे चारागाहों तक जाकर अपने ठिकाने बनाते हैं।

फिलहाल उनकी परेशानी यह है कि अगर घूमंतू समुदाय के लोगों ने अपने पशुधन के साथ समय पर पहाड़ों की ओर जाना शुरू नहीं किया तो उनके जानवरों को बढ़ती गर्मी और चारे की कमी का परिणाम भुगतना पड़ सकता है। जानकारी के लिए प्रदेश की जनसंख्या के करीब 20 प्रतिशत हिस्सा होने के बाद भी तकरीबन 5 से 6 लाख घूंमतू परिवार इस प्रक्रिया को अपनाते हैं।

हालांकि इस संबंध में प्रख्यात ट्राइबल  रिसर्चर तथा ट्राइबल रिसर्च एंड कल्चरल फाउडेंशन के संस्थापक डा जावेद राही ने घूमंतू समुदाय के सदस्यों से अपील की है कि वे कोरोना प्रकोप के कारण सरकारी निर्देशों का पूरी तरह से पालन करते हुए किसी भी प्रकार के सम्मेलनों का आयोजन न करें चाहे वे धार्मिक ही क्यों न हों।

Web Title: Jammu Kashmir: More than 6 lakh nomads Gujjar-Bakarwals in crisis due to Coronavirus outbreak

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