जम्मू कश्मीर: शहीद औरंगजेब के भाइयों का आतंक को करारा जवाब, भारतीय सेना में हुए शामिल
By विकास कुमार | Published: July 23, 2019 09:50 AM2019-07-23T09:50:43+5:302019-07-23T09:55:49+5:30
औरंगजेब भारतीय सेना के 44 राष्ट्रीय राइफल्स का हिस्सा थे. बीते साल जुलाई में ईद के मौके पर अपने घर पूंछ आये थे, जहां आतंकवादियों ने दिनदहाड़े उनका अपहरण कर लिया और उनकी बेरहमी से हत्या कर दी. मरणोपरांत उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था.
कश्मीर के शोपियां जिले में जुलाई 2018 में आतंकवादियों ने भारतीय सेना के जवान औरंगजेब का अपहरण कर बेरहमी से हत्या कर दी थी. लेकिन सोमवार को राजौरी जिले के पालमा में हुए एक समारोह के दौरान उनके दो भाइयों ने भारतीय सेना का हिस्सा बन आतंक को करारा जवाब दिया है. इस दौरान शहीद औरंगजेब के पिता मोहम्मद हनीफ भी अपनी पत्नी राज बेगम के साथ समारोह में उपस्थित रहे.
इसी वर्ष मार्च महीने में हुए भर्ती प्रक्रिया में कश्मीर घाटी के 11,000 नौजवानों ने हिस्सा लिया था, जिसमें 100 को सेलेक्ट किया गया, जिसमें औरंगजेब के भाई मोहम्मद तारिक और मोहम्मद शबीर भी शामिल थे.
मोहम्मद हनीफ के सबसे बड़े बेटे मोहमम्द कासिम भी आर्मी में हैं. उन्होंने इस मौके पर कहा- आज मुझे गर्व हो रहा है कि मेरे दो और बेटों ने भारतीय सेना ज्वाइन किया है. जिसने जन्म लिया है उसे एक दिन मरना ही है, लेकिन अपनी मातृभूमि के लिए बलिदान देने से बड़ी बात क्या हो सकती है. उन्होंने कहा कि इस्लाम भी कहता है कि अपने वतन के लिए जान न्योछावर कर दो.
औरंगजेब भारतीय सेना के 44 राष्ट्रीय राइफल्स का हिस्सा थे. बीते साल जुलाई में ईद के मौके पर अपने घर पूंछ आये थे, जहां आतंकवादियों ने दिनदहाड़े उनका अपहरण कर लिया और उनकी बेरहमी से हत्या कर दी. मरणोपरांत उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था.
मोहम्मद तारिक और शबीर इंडियन आर्मी के टेरीटोरियल विंग का हिस्सा बने हैं. इसके तहत अब इन्हें सेना द्वारा प्रशिक्षण दिया जायेगा. आपात स्थिति में देश की रक्षा के लिए टेरीटोरियल आर्मी का इस्तेमाल किया जाता है, इन्हें प्रादेशिक सेना भी कहा जाता है.