J&K निकाय चुनाव: चौथे और अंतिम चरण की वोटिंग हुई समाप्त, श्रीनगर में मात्र 3 फीसदी पड़े वोट
By सुरेश डुग्गर | Published: October 16, 2018 05:38 PM2018-10-16T17:38:58+5:302018-10-16T17:47:11+5:30
निकाय चुनाव के आखिरी चरण का मतदान मंगलवार शाम चार बजे खत्म हो गया। इस चरण में केवल घाटी में मतदान हुआ था। श्रीनगर और गंदरबल जिले की 37 वार्डों में मतदान हुआ था, जिसके लिए 156 प्रत्याशी मैदान में थे।
श्रीनगर, 16 अक्तूबर: कश्मीर में स्थानीय निकाय के चुनावों के चौथे और अंतिम चरण के लिए हुए मतदान ने सभी को निराश किया है। दोपहर दो बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक गंदरबल में 9.2 और श्रीनगर में मात्र 3 परसेंट मतदान हुआ था। मतदान सुबह 6 बजे शुरू हुआ था और 4 बजे खत्म हो गया।
निकाय चुनाव के आखिरी चरण का मतदान मंगलवार शाम चार बजे खत्म हो गया। इस चरण में केवल घाटी में मतदान हुआ था। श्रीनगर और गंदरबल जिले की 37 वार्डों में मतदान हुआ था, जिसके लिए 156 प्रत्याशी मैदान में थे। वहीं श्रीनगर के वार्ड नंबर 41, मकदूम साहिब के बछीदरवाजा मतदान केंद्र पर पुनर्मतदान हुआ था।
अलगाववादियों के बंद और बहिष्कार के आह्वान को देखते हुए सुरक्षा के कड़े प्रबंध इस दौरान किए गए थे। कुल 250794 मतदाता हैं। 308 मतदान केंद्र बनाए गए थे। श्रीनगर नगर निगम के 25 में से 24 वार्डों पर 241043 मतदाता कुल 295 मतदान केंद्रों पर वोट डालेने थे। गंदरबल में 38 व श्रीनगर से 113 प्रत्याशी मैदान में हैं।
उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले के पट्टन, दक्षिणी कश्मीर के पांपोर, पुलवामा व ख्रीव (सभी पुलवामा जिला), शोपियां और डोरू वेरीनाग (अनंतनाग) में मतदान नहीं हुआ। इन छह निकायों में 90 वार्ड हैं। मट्टन के 13 में से 11 वार्ड पर निर्विरोध निर्वाचन हो चुका है। दो वार्ड में कोई भी नामांकन नहीं हुआ। ख्रीव के 13 वार्ड में भी नामांकन नहीं हुए।
पांपोर के 17 में से पांच वार्ड में निर्विरोध निर्वाचन हुआ है, जबकि 12 वार्ड में किसी ने भी पर्चा नहीं भरा था। पुलवामा के 13 में से दो वार्डों पर चुनाव हुआ, जबकि दो वार्ड पर निर्विरोध चुनाव हो गया है। शोपियां में 12 निर्विरोध चुने गए हैं, जबकि पांच वार्ड के लिए कोई नामांकन नहीं हुआ। डोरू में 16 निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं, पर यहां के एक वार्ड पर कोई नामांकन नहीं हुआ।
पूरी रियासत में मतगणना 20 अक्तूबर को होगी। दोपहर तक परिणाम आने की उम्मीद है। सभी जिला मुख्यालयों पर गिनती होगी। इसके लिए सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए थे। उच्चतम न्यायालय में संविधान के अनुच्छेद 35ए को कानूनी चुनौती देने की वजह से नेशनल कॉन्फ्रेन्स और पीडीपी तथा माकपा ने चुनाव का बहिष्कार किया है।
जबकि यहां चुनाव कराने के विरोध में अलगाववादियों ने हड़ताल भी बुलाई थी। मंगलवार को इस हड़ताल से जन-जीवन प्रभावित हुआ। कश्मीर घाटी के उन इलाकों में जनजीवन प्रभावित हुआ, जहां मतदान हो रहा था।
अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर और गंदरबल के मतदान वाले इलाकों में दुकानें, पेट्रोल पंप और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। उन्होंने कहा कि इन इलाकों में सार्वजनिक परिवहन सड़कों पर नहीं दिखे जबकि कुछ निजी कारें, कैब और ऑटो-रिक्शा सड़कों पर नजर आए।
सरकार ने मतदान वाले इलाकों में अवकाश की घोषणा की थी। अधिकारियों ने बताया कि घाटी में बाकी जगहों पर जनजीवन सामान्य है. अलगाववादियों- सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और मोहम्मद यासीन मलिक- ने जॉइंट रेजिस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) के बैनर तले मतदान वाले इलाकों के लोगों से अपील की थी कि वे हड़ताल में हिस्सा लें।
इस बीच, अधिकारियों ने एहतियात के तौर पर घाटी में मोबाइल इंटरनेट की रफ्तार धीमी कर दी थी। याद रहे स्थानीय निकाय के चुनावों के आखिरी दिन भी मतदान केंद्रों पर बहुत भीड़ नहीं दिखी।