जम्मू-कश्मीरः उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के सलाहकार के के शर्मा ने दिया इस्तीफा, जानिए क्या है कारण
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 30, 2020 05:31 PM2020-10-30T17:31:52+5:302020-10-30T17:31:52+5:30
सरकारी प्रवक्ता रोहित कंसल ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘के के शर्मा ने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल के सलाहकार पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्हें केंद्रशासित प्रदेश का चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है।’’
श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के सलाहकार के के शर्मा ने शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया और उन्हें केंद्र शासित प्रदेश का चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया।
सरकारी प्रवक्ता रोहित कंसल ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘के के शर्मा ने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल के सलाहकार पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्हें केंद्रशासित प्रदेश का चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है।’’ वर्ष 1983 बैच के आईएएस अधिकारी शर्मा को पिछले साल नवंबर में उपराज्यपाल का सलाहकार नियुक्त किया गया था।
शर्मा 30 साल के अपने करियर में दिल्ली और गोवा के मुख्य सचिव समेत विभिन्न पदों पर रहे। वह अपनी सेवानिवृत्ति के पहले मानव संसाधन विकास मंत्रालय में सचिव थे । शर्मा चंडीगढ़ के प्रशासक के सलाहकार भी रह चुके हैं।
KK Sharma resigns as Advisor to Lieutenant Governor of J&K; appointed State Election Commissioner: Rohit Kansal, Jammu & Kashmir Administration Spokesperson
— ANI (@ANI) October 30, 2020
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि बागवानी क्षेत्र में अपार विकास की संभावनायें हैं और केन्द्र शासित प्रशासन इस क्षेत्र से जुड़े लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को बढ़ाने के लिए संभावनाओं का दोहन करने के हरसंभव प्रयास कर रहा है। सिन्हा ने कहा कि बागवानी अपनी विशिष्ट कृषि-जलवायु विविधता के कारण जम्मू-कश्मीर के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से एक है, जो इसे विविध खेती के लिए आदर्श बनाता है। उन्होंने कहा, “बागवानी क्षेत्र में वृद्धि की विपुल संभावनायें है।’’
सिन्हा ने बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस)-2020 की पेशकश के बाद कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार उन सभी लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए पूरा प्रयास कर रही है, जो इस क्षेत्र से जुड़े हैं और सेब उत्पादकों की आजीविका को बेहतर बनाने में योगदान करते हैं। उन्होंने कहा कि एमआईएस का उद्देश्य कोविड-19 महामारी से उत्पन्न अजीबोगरीब स्थिति के दौरान क्षेत्र में उत्पादकों को अधिकतम मूल्य प्रदान करके सभी अंशधारकों को सुविधा प्रदान करना है।
उन्होंने कहा, ‘‘एमआईएस, सेब उत्पादकों के लिए एक बड़ी राहत है। यह किसी भी प्रतिकूल स्थिति में एक व्यापक बीमा कवच प्रदान करेगी, इस प्रकार सेब किसानों की आय को स्थिर करने में मदद करेगा।’’ प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भी सहकारी संस्था नाफेड को 2,500 करोड़ रुपये की सरकारी गारंटी का उपयोग करने की अनुमति दी है। सिन्हा ने कहा कि इस अभियान में होने वाले किसी भी नुकसान को केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन के बीच बराबर-बराबर साझा किया जाएगा।