ओमीक्रोन के डर से लद्दाख में सभी समारोह रद्द, पर जम्मू कश्मीर में आयोजकों को डर नहीं
By सुरेश एस डुग्गर | Published: December 27, 2021 01:30 PM2021-12-27T13:30:45+5:302021-12-27T13:35:35+5:30
कोरोना वायरस का बेहद संक्रामक ओमीक्रोन वैरिएंट लद्दाख में भी पहुंच गया है। लेह जिले में बढ़ रहे संक्रमण और ओमीक्रोन मामले की पुष्टि के बाद प्रशासन ने विंटर टूरिज्म गतिविधियों पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है।
जम्मू: ओमीक्रोन का मात्र एक केस मिलने के बाद लद्दाख में सख्ती बरती जा रही है उसके तहत आयोजित होने वाले सभी समारोहों को भी रद्द कर दिया गया है। पर जम्मू कश्मीर में ऐसा कुछ नहीं हुआ है। शायद समारोहों के आयोजकों को ओमीक्रोन का कोई डर नहीं है तभी तो समारोह आयोजित हो रहे हैं और लोगों को न्यौता भी दिया जा रहा है।
दरअसल, कोरोना वायरस का बेहद संक्रामक ओमीक्रोन वैरिएंट लद्दाख में भी पहुंच गया है। लेह जिले में बढ़ रहे संक्रमण और ओमीक्रोन मामले की पुष्टि के बाद प्रशासन ने विंटर टूरिज्म गतिविधियों पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है।
लेह जिला प्रशासन ने आदेश जारी कर विश्व विख्यात चादर ट्रैक, स्नो लैपर्ड साइटिंग एक्सपेडिशन समेत विंटर टूरिज्म से जुड़ी अन्य गतिविधियों को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया है।
आदेश में कहा गया है कि लेह जिले में ओमीक्रोन मामला सामने आने के बाद एहतियातन यह पाबंदियां लगाई जा रही हैं। वहीं, कारगिल जिले में भी प्रशासन ने पाबंदियां बढ़ा दी हैं। जिले में प्रवेश के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है। संक्रमण का एक मामला मिलने पर भी क्षेत्र के 500 मीटर दायरे को बफर जोन बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
पर जम्मू कश्मीर में ऐसा कुछ नजर नहीं आता था। गुलमर्ग और पहलगाम में अगर सैलानी 31 दिसम्बर मनाने के लिए समारोहों में शिकरत करने को पहुंच रहे थे तो पत्रीटाप में विंटर कार्निवल में आने के लिए लोगों को न्यौते दिए जा रहे हैं। क्रिसमस पर प्रदेश में जुटी भीड़ को देख कर लगता था किसी को कोरोना का कोई डर नहीं है।
सच्चाई यह है कि जम्मू में 5 मामले ओमीक्रोन के मिल चुके हैं। कश्मीर में फिलहाल इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। प्रशासन कोरोना के नए वेरिएंट की रोकथाम के लिए सिर्फ उपाय घोषित कर रही है पर जमीनी हकीकत यह है कि भीड़ एकत्र होने पर कोई रोक नहीं है।