जम्मू कश्मीर: 'हमेशा सरकार विरोधी खबरों की तलाश में रहता है', पुलिस ने पत्रकार को गिरफ्तार किया, मारे गए आतंकी के परिवार का वीडियो पोस्ट किया था
By विशाल कुमार | Published: January 9, 2022 08:49 AM2022-01-09T08:49:07+5:302022-01-09T08:51:44+5:30
कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) विजय कुमार ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा कि तथाकथित पत्रकार सज्जाद गुल के नाम से एक ट्विटर अकाउंट चलाता है (और) हमेशा सरकार विरोधी खबरों की तलाश में रहता है।
श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में एक आतंकी की मौत के बाद उसके परिवार का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के कुछ दिन बाद पुलिस ने एक पत्रकार को गिरफ्तार कर लिया।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने कहा कि सज्जाद गुल के नाम से खबरें लिखने वाले सज्जाद अहमद डार हमेशा ही सरकार विरोधी खबरों की तलाश में रहते हैं और फर्जी ट्वीट्स अपलोड करते हैं।
पत्रकार के बड़े भाई जावेद अहमद ने कहा कि बुधवार को सेना दो बार हमारे घर आई। वे सज्जाद को ढूंढ रहे थे। वह घर पर नहीं था और यूनिवर्सिटी गया था। वे (सेना) उसका नंबर ले गए। डार कश्मीर के केंद्रीय विश्वविद्यालय में पत्रकारिता के छात्र हैं और घाटी के कई समाचार पत्रों के लिए लिखते हैं।
जावेद ने कहा कि डार शाम को घर लौटा, जिसके बाद उसे सेना ले गई। देर रात तक हमने लगातार उसके नंबर पर फोन किया, लेकिन उसने नहीं उठाया। लगभग आधी रात को, किसी ने कॉल लिया और कहा कि वह पुलिस स्टेशन में है और फोन काट दिया।
मारे गए आतंकी कमांडर सलीम पर्रे के परिवार का वीडियो सोशल मीडिया पर डालने के तीन दिन बाद डार के घर पर छापेमारी की गई. वीडियो में पर्रे का परिवार और पड़ोसी नारे लगाते हुए सुनाई दे रहे हैं.
कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) विजय कुमार ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा कि तथाकथित पत्रकार सज्जाद गुल के नाम से एक ट्विटर अकाउंट चलाता है (और) हमेशा सरकार विरोधी खबरों की तलाश में रहता है।
आईजीपी के बयान में कहा गया है कि डार ने कुछ महिलाओं द्वारा राष्ट्र विरोधी नारे लगाने का वीडियो अपलोड किया, जिनमें ज्यादातर मारे गए आतंकवादी पर्रे के रिश्तेदार थे और इस तरह शांति भंग करने की कोशिश की। डार की गतिविधियां देश की सुरक्षा और संप्रभुता के खिलाफ हैं।
पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि डार अभी पुलिस रिमांड में हैं।
इस कार्रवाई की कई वर्गों ने आलोचना की है। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर और शेष भारत के लिए अलग-अलग कानून हैं। कट्टरपंथी समूह खुलेआम मुसलमानों के नरसंहार का आह्वान कर रहे हैं खुला घूम रहे हैं जबकि सरकार प्रायोजित मानवाधिकार हनन को उजागर करने वाले कश्मीरी पत्रकारों को जेल में डाला जा रहा है।’’