जम्मू कश्मीर: कोर्ट ने पत्रकार को जमानत दी तो पुलिस जन सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में ले लिया, अफवाह फैलाने के मामले में गिरफ्तारी
By विशाल कुमार | Published: January 17, 2022 12:18 PM2022-01-17T12:18:00+5:302022-01-17T12:22:09+5:30
पीएसए के तहत किसी व्यक्ति को बिना मुकदमे के 3 से 6 महीने की अवधि के लिए हिरासत में लिया जा सकता है। ज्यादातर मामलों में पीएसए का इस्तेमाल एक बंदी के खिलाफ उसे अधिक समय के लिए जेल में रखने के लिए बार-बार किया जाता है।
श्रीनगर: आपराधिक साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार एक पत्रकार को अदालत से जमानत मिलने के एक दिन बाद ही जम्मू कश्मीर प्रशासन ने पत्रकार सज्जाद गुल को जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत हिरासत में ले लिया। अधिकारियों ने कहा कि पत्रकार को जम्मू के कोल बलवाल जेल में भेज दिया गया।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, पीएसए के तहत किसी व्यक्ति को बिना मुकदमे के 3 से 6 महीने की अवधि के लिए हिरासत में लिया जा सकता है। ज्यादातर मामलों में पीएसए का इस्तेमाल एक बंदी के खिलाफ उसे अधिक समय के लिए जेल में रखने के लिए बार-बार किया जाता है।
एक समाचार पोर्टल के साथ काम करने वाले सज्जाद गुल को हालिया आतंक रोधी घटनाओं के संबंध में फर्जी ट्वीट के माध्यम से अफवाहें फैलाने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने उन पर देश विरोधी नारों के साथ आपत्तिजनक वीडियो अपलोड करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने कहा कि उनकी गतिविधियां भारत की संप्रभुता, अखंडता और एकता के प्रतिकूल हैं।
कल एक मजिस्ट्रेट ने उन्हें जमानत दे दी थी, लेकिन पुलिस ने उन्हें रिहा करने से इनकार कर दिया और बाद में उन्हें पीएसए के तहत हिरासत में ले लिया गया।
हिरासत में लिए गए पत्रकार के वकील के अनुसार एक अन्य मामले में जमानत मिलने के बाद पुलिस ने पत्रकार के खिलाफ हत्या के प्रयास के आरोप में मामला दर्ज किया है।