कश्मीर में फिर संचारबंदी, टूरिज्म को पहुंचेगा सबसे बड़ा धक्का, पढ़ाई तो होगी ही बर्बाद

By सुरेश एस डुग्गर | Published: October 19, 2021 03:03 PM2021-10-19T15:03:44+5:302021-10-19T15:07:47+5:30

ताजा संचारबंदी से चिंता और परेशानी यह है कि कश्मीर आने वाले पर्यटकों में अजीब सी दहशत पैदा होने लगी है। उनमें यह डर भी समाने लगा है कि कहीं किसी भी वक्त कश्मीर में मोबाइल फोन भी बंद न हो जाएं।

jammu kashmir internet shutdown tourism education | कश्मीर में फिर संचारबंदी, टूरिज्म को पहुंचेगा सबसे बड़ा धक्का, पढ़ाई तो होगी ही बर्बाद

प्रतीकात्मक तस्वीर.

Highlightsमुट्ठीभर आतंकियों को रोकने की खातिर प्रशासन ने कश्मीर में संचारबंदी का कदम उठाया है।कश्मीर आने वाले पर्यटकों में अजीब सी दहशत पैदा होने लगी है।संचारबंदी का कदम पर्यटन व्यवसाय को प्रभावित करने लगा है।

जम्मू: दो साल पहले जिस संचारबंदी ने कश्मीर के भविष्य को बर्बाद कर दिया था वह फिर से मैदान में है। इस बार भी कारण वही है, आतंकवाद। कुछ मुट्ठीभर आतंकियों को रोकने की खातिर प्रशासन ने सख्त कदमों के तौर पर पहला कदम कश्मीर में संचारबंदी का उठाया है।

हालांकि, पहले कदम के तौर पर कश्मीर के जिन तीन जिलों-श्रीनगर, पुलवामा और कुलगाम को चुना गया है उनमें से एक श्रीनगर कई बार आतंकी मुक्त घोषित हो चुका है और अन्य दो पुलवामा तथा कुलगाम के प्रति यह दावे लगातार किए जाते रहे हैं कि बस अबकी बार दो-चार आतंकी बचे हैं और उनके मारे जाते ही दोनों जिले आतंकी मुक्त हो जाएंगें।

चर्चा का विषय यह नहीं है कि कौन से जिले आतंकी मुक्त हो चुके हैं और कौन से होने जा रहे हैं बल्कि ताजा संचारबंदी से चिंता और परेशानी यह है कि कश्मीर आने वाले पर्यटकों में अजीब सी दहशत पैदा होने लगी है। उनमें यह डर भी समाने लगा है कि कहीं किसी भी वक्त कश्मीर में मोबाइल फोन भी बंद न हो जाएं। ऐसा डर इसलिए भी है क्योंकि पहले भी 5 अगस्त 2019 के हालात के दौरान कश्मीर में फंसे पर्यटक इस दौर से गुजर चुके हैं।

नतीजा यह है कि संचारबंदी का कदम पर्यटन व्यवसाय को प्रभावित करने लगा है। हालांकि कश्मीर में ताबड़तोड़ टारगेट किलिंग ने उन्हें दहशतजदा किया था और उस पर संचारबंदी का तड़का टूरिज्म को फिर से ढलान पर लाने को बेताब है।

ऐसी ही दशा उन कस्बों में छात्रों के लिए खराब हो गई है जो पहले भी संचारबंदी के कारण कई महीनों तक ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित रहे थे। 

पांच अगस्त 2019 को राज्य के दो टुकड़े करने और उसकी पहचान खत्म किए जाने की कवायद के बाद लगातार कई महीनों तक चली संचारबंदी ने छात्रों के कीमती साल को बर्बाद कर दिया था। बची खुची कसर उसके बाद कोरोना में 2जी की स्पीड पूरी कर चुकी है। 

ऐसे में छात्रों के लिए चिंता का विषय यह है कि अगर टारगेट किलिंग न रूकी तो प्रशासन पूरे कश्मीर में एक बार फिर से पूरी संचारबंदी कर सकता है।

Web Title: jammu kashmir internet shutdown tourism education

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