वैष्णो देवी के दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी, प्राचीन गुफा के खोले गए कपाट
By सुरेश एस डुग्गर | Published: January 17, 2020 06:09 PM2020-01-17T18:09:48+5:302020-01-17T18:09:48+5:30
प्राचीन गुफा से मां वैष्णवी के आलौकिक दर्शन पाकर श्रद्धालु गदगद दिख रहे हैं। अपने परिवार सहित राजस्थान से आए श्रद्धालु संतोष ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि मां वैष्णो देवी ने वर्षों की उनकी मुराद आज पूरी कर दी है।
वैष्णो देवी के दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी है। माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा विश्वभर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मां वैष्णो देवी जी की प्राचीन गुफा के कपाट खोले जा चुके हैं। इससे दर्शन के लिए भवन पर पहुंचे श्रद्धालु अति उत्साहित दिखे। और अगर आप एक पंथ दो काज अर्थात बर्फीली चोटियों की सैर और मां भगवती के दर्शनों की इच्छा रखते हैं तो वैष्णो देवी के दरबार में चले आईए। क्योंकि बर्फबारी के कारण बर्फ की सफेद चादर से ढंकी त्रिकुटा पर्वत की चोटियां ही नहीं यात्रा मार्ग में अनेकों स्थानों पर जमे बर्फ के ढेर भी पुकार रहे हैं।
यूं तो साल भर मां वैष्णो देवी के दरबार रोजाना आने वाले हजारों श्रद्धालु कृत्रिम गुफाओं से होकर मां के दर्शन करते हैं क्योंकि अधिक भीड़ रहने के कारण बोर्ड प्रशासन प्राचीन गुफा के द्वार अक्सर बंद ही रखता है। प्राचीन गुफा के द्वार तभी खोले जाते है जब श्रद्धालुओं का आकड़ा रोजाना 10 हजार के नीचे पहुंच जाए।
गौरतलब है कि नववर्ष के प्रथम सप्ताह में जहां रोजाना 15 से 20 हजार श्रद्धालु आधार शिविर कटड़ा पहुंच रहे थे। वहीं, यह आकड़ा वर्तमान में गिरकर करीब 7 से 8 हजार तक पहुंच गया है। लोहड़ी पर्व के बाद यात्रा में कमी आई तो बोर्ड प्रशासन ने तीन दिन पहले वैष्णो देवी की प्राचीन गुफा के द्वार श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए। प्राचीन गुफा के द्वार तब तक खुले रहेगे जब तक श्रद्धालुओं का आंकड़ा प्रतिदिन 10 हजार पार नहीं कर जाता।
इस बार बर्फबारी के बाद हालात चाहे कुछ भी हों, मन में बर्फ के नजारे देखने और मां भगवती के दर्शन करने की इच्छा लेकर आने वालों की कमी नहीं है। श्राइन बोर्ड ने लोगों से वैष्णो देवी की यात्रा में शामिल होने से रोका नहीं है क्योंकि वह जानता है कि अकेले कटड़ा कस्बे में 30 से 40 हजार लोगों को सिर छुपाने की जगह देने की कुव्वत है।
प्राचीन गुफा से मां वैष्णवी के आलौकिक दर्शन पाकर श्रद्धालु गदगद दिख रहे हैं। अपने परिवार सहित राजस्थान से आए श्रद्धालु संतोष ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि मां वैष्णो देवी ने वर्षों की उनकी मुराद आज पूरी कर दी है। उन्होंने बताया कि मां वैष्णो देवी ने करीब पांच साल के उपरांत प्राचीन गुफा से दर्शन का उन्हे सौभाग्य प्रदान किया है।
वहीं, पंजाब से पधारे जसवीर व उनकी पत्नी ने कहा कि जिंदगी में पहली बार मां वैष्णो देवी की प्राचीन गुफा से मां के दर्शनकर वह धन्य हो गए है। इसी तरह हिमाचल से आए श्रद्धालु करण, यूपी के उमेश, हरियाणा के वीरपाल तथा मुंबई के डीके आदि ने इसे मां की कृपा बताया।
गौरतलब है कि वैष्णवी की प्राचीन गुफा का अपना महत्व है। क्योंकि जब भैरव नाथ मां वैष्णो देवी जी को पाने के लिए पीछा करता हुआ प्राचीन गुफा के समक्ष पहुचा तो मां वैष्णो देवी जी ने भैरवनाथ का वध किया था। जिससे भैरव नाथ का सिर भैरव घाटी में जा गिरा था तथा शरीर गुफा के समक्ष पत्थर की शिला में बदल गया। इसके बाद मां वैष्णो देवी जी ने भैरव नाथ को वर दिया था कि जो भी श्रद्धालु उसके चरणों में तुम्हारे शरीर से होकर पहुचेगा उसकी यात्रा सफल होने के साथ ही मन की मुराद पूरी होगी।
इस संबंध में श्राइन बोर्ड प्रशासन का कहना है कि इन दिनों कम श्रद्धालु ही माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आ रहे हैं। इसी कारण मकर संक्रांति के बाद से प्राचीन गुफा के द्वार खोले जा चुके हैं। प्राचीन गुफा के द्वार खुलने से जहां श्रद्धालुओं की मन्नतें पूरी हो रही हैं, वहीं भविष्य में यात्रा बढ़ने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। गौरतलब है कि वैष्णो देवी की प्राचीन गुफा का एक अलग महत्व है। हर श्रद्धालु की इच्छा रहती है कि उसे जीवन में एक बार ही सही, इस प्राचीन गुफा के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हो।