जम्मू कश्मीर निकाय चुनाव: पथराव के बीच पहले चरण का मतदान समाप्त, जानें 11 जिलों में कितने फीसदी पड़ें वोट
By सुरेश डुग्गर | Published: October 8, 2018 05:47 PM2018-10-08T17:47:06+5:302018-10-08T17:47:06+5:30
राज्य में बीते 13 साल से निकाय चुनाव ना होने कारण आम लोगों में इस बार इन चुनावों के मतदान के लिए काफी उत्साह देखने को मिला।
श्रीनगर, 8 अक्टूबर: जम्मू कश्मीर में निकाय चुनाव के पहले चरण का मतदान संपन्न हो गया है। 11 जिलों के स्थानीय निकायों में शाम 4 बजे तक कड़ी सुरक्षा के बीच वोट डाले गए। 13 साल के लंबे अंतराल के बाद हो रहे नगरपालिका चुनाव में सोमवार को जम्मू क्षेत्र के सभी वॉर्डों में भारी मतदान देखने को मिला। राजौरी में सर्वाधिक मतदान हुआ है। हालांकि कश्मीर में स्थिति इससे उलट है। यहां मतदान केंद्र सूने पड़े रहे। बहुत कम संख्या में मतदाता अपने घरों से बाहर निकले। आम हड़ताल के बीच श्रीनगर में सबसे कम वोट पड़े हैं।
कश्मीर का नजारा इससे बिल्कुल उलट देखने को मिला। दो प्रमुख दलों नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रैटिक पार्टी ने निकाय चुनाव का बहिष्कार किया था। तीन बजे तक राज्य में कुल 53 परसेंट मतदान हुआ। जम्मू संभाग में सबसे ज्यादा 61 परसेंट और कश्मीर में मात्र 17.5 प्रतिशत। दोपहर 12 बजे तक कुपवाड़ा में 18 प्रतिशत, बांडीपोरा में महज दो प्रतिशत, बडगाम और बारामुल्ला में तीन प्रतिशत जबकि अनंतनाग में पांच प्रतिशत वोट पड़े। सुबह सात बजे से मतदान शुरू होने के बाद श्रीनगर में सबसे कम 3.5 प्रतिशत वोट पड़े हैं।
उत्तरी कश्मीर के बांडीपोरा जिले में सोमवार को स्थानीय निकाय चुनाव के बीच कुछ उपद्रवियों ने एक मतदान केंद्र पर भारी पथराव किया। बांडीपोरा के डाचीगाम इलाके में हुई पथराव की इस घटना में यहां भाजपा का एक उम्मीदवार घायल हो गया। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, पथराव के बाद से ही इलाके में तनाव का माहौल बरकरार है, हालांकि सुरक्षाबलों की मुस्तैदी के कारण मतदान की प्रक्रिया प्रभावित नहीं हुई।
सोमवार सुबह 7 बजे से ही बांडीपोरा जिले के 16 वॉर्डों में मतदान शुरू हुआ। इसी दौरान कुछ उपद्रवियों ने करीब 11 बजे डाचीगाम में बने एक पोलिंग बूथ पर पथराव शुरू कर दिया। इलाके में तनाव को देखते हुए तत्काल सीआरपीएफ और पुलिस के जवानों ने मोर्चा संभाला और फिर आंसू गैस के गोले दागकर उपद्रवियों को किसी तरह मतदान केंद्र से खदेड़ दिया। इस दौरान पोलिंग बूथ की तरफ आ रहे वॉर्ड नंबर 15 के उम्मीदवार आदिल अली बुहरू पथराव की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गए।
इसके बाद उनकी सुरक्षा में तैनात पुलिस के जवानों ने स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें बांदीपोरा के जिला अस्पताल में भर्ती कराया। स्थानीय प्रशासन के अनुसार बांदीपोरा में भर्ती आदिल अली की हालत फिलहाल स्थिर हैं और प्रशासनिक अधिकारी उनके स्वास्थ्य की निगरानी कर रहे हैं। साथ ही डाचीगाम समेत संवेदनशील इलाकों में एहतियात के तौर पर अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की गई।
कड़ी सुरक्षा के बीच जम्मू जिले में लगभग सभी म्युनिसिपल कॉर्पाेरेशन और वॉर्डों में मतदाताओं की लंबी कतारें देखी गईं, जहां पहले पांच घंटों में 34 प्रतिशत मतदान हुआ। इस अवधि में राजौरी में 55 प्रतिशत और पुंछ में 47 प्रतिशत मत पड़े। गांधीनगर, आरएस पुरा में वोटिंग शांतिपूर्ण रही। आरएस पुरा, बिश्नाह, अरनिया, खौड़, ज्शैड़ियां, अखनूर, नौशहरा, सुरनकोट, कालाकोट और अन्य वॉर्डों में मतदान प्रक्रिया शांतिपूर्वक रहा।
राज्य में बीते 13 साल से निकाय चुनाव ना होने कारण आम लोगों में इस बार इन चुनावों के मतदान के लिए काफी उत्साह देखने को मिला। खास बात यह कि हुर्रियत और आतंकी संगठनों की कई अपीलों के बावजूद भी कश्मीर के आतंक प्रभावित जिलों में वोटरों की बड़ी संख्या पोलिंग बूथ पर दिखी। राज्य के मुख्य निर्वाचन आयुक्त कार्यालय की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक सुबह 11 बजे तक राजौरी जिले में सर्वाधिक 55 फीसदी वोटिंग हुई। इसके अलावा पुंछ में 47, जम्मू में 34, करगिल में 33, लेह में 26, कुपवाड़ा में 18, अनंतनाग में 5, बारामुला और बडगाम में 3 और बांडीपोरा में 2 फीसदी वोटिंग हुई। जम्मू-कश्मीर में पूर्व में हुए तमाम चुनावों की अपेक्षा यह आंकड़े काफी सकारात्मक माने जा रहे हैं।
चुनाव के लिए घाटी के साथ ही पूरे जम्मू संभाग में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। उधर कश्मीर में वोटिंग के दिन ऐहतियातन मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई। दक्षिण कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया था। इसके अलावा जम्मू के कई इलाकों में मोबाइल इंटरनेट सेवा की स्पीड को घटाकर 2जी कर दिया गया था। मुख्य चुनाव अधिकारी शालीन काबरा ने बताया कि पहले चरण में पूरी रियासत में 321 वार्डों के लिए चुनाव होने हैं। इनमें 1204 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।
जम्मू कश्मीर में 13 साल के लंबे इंतजार के बाद सोमवार को स्थानीय निकाय चुनाव का आगाज हुआ है। सेना और अर्धसैनिक बलों के 10 हजार से अधिक जवानों की सुरक्षा में जम्मू-कश्मीर के 11 जिलों के कुल 422 वॉर्डों में 820 पोलिंग स्टेशनों पर निकाय चुनाव के प्रथम चरण का मतदान संपन्न हुआ।
कश्मीर घाटी में आतंक के साये में नगर निकाय चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान सोमवार को शुरू हुआ। प्रत्याशियों में न तो जोश दिखा और न ही मतदाताओं में उत्साह था। कारण आतंकियों की धमकी तथा अलगाववादियों के बहिष्कार व बंद से चुनाव का रंग बिल्कुल फीका रहा।
आतंकियों की धमकी के चलते कई प्रत्याशियों ने नाम वापस ले लिया। कई ने सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर चुनाव से हटने की घोषणा की। कुछ ने सोशल मीडिया पर माफी भी मांगी। चुनाव मैदान में डटे प्रत्याशियों को सरकार की ओर से कड़ी सुरक्षा में रखा गया है। इस चुनाव में महिला प्रत्याशियों की संख्या भी काफी अधिक है।
सबसे ज्यादा भीड़ श्रीनगर के बेमीना हमदानिया कॉलोनी में रही, जहां महिलाएं और पुरुष भारी संख्या में वोट डालने पहुंचे हैं। ज्ञात हो कि चार चरणों में होने वाले निकाय चुनाव में 2990 प्रत्याशी मैदान में हैं। इनमें जम्मू संभाग में 2137, कश्मीर में 787 व लद्दाख में 66 उम्मीदवार हैं। 3372 प्रत्याशियों ने नामांकन किया था। कुल 1697291 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
कश्मीर संभाग में 150 मतदान केंद्रों में से 138 मतदान केंद्र अतिसंवेदनशील हैं। शहरी निकाय चुनावों का ऐलान पिछले महीने किया गया था लेकिन दो प्रमुख पार्टियों--नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी- ने चुनावों के बहिष्कार का ऐलान किया है और केंद्र पर संविधान के अनुच्छेद 35ए पर दृढ़ रूख नहीं अपनाने का आरोप लगाया था। इस अनुच्छेद को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई थी।
आतंकवादियों ने चुनाव में हिस्सा लेने वालों को धमकी दी है और नेशनल कॉन्फ्रेंस के दो कार्यकर्ताओं की पिछले हफ्ते हत्या कर दी थी। इस के नतीजतन कई वार्डों खासतौर पर दक्षिण कश्मीर के वार्डों में किसी भी प्रत्याशी ने अपना नामांकन दाखिल नहीं किया है।