जम्मू-कश्मीरः सात राजनीतिक दलों के गठबंधन पीपुल्स अलायंस की रणनीति से सदमे में भाजपा, सबसे बड़ी चुनौती जिला परिषद चुनाव

By सुरेश एस डुग्गर | Published: November 12, 2020 01:16 PM2020-11-12T13:16:48+5:302020-11-12T13:18:34+5:30

पीपुल्स अलायंस ने इन चुनावों में सांझा उम्मीदवार मैदान में उतारने की घोषणा कर भाजपा के के पांव तले जमीन खिसका दी है। पीपुल्स अलायंस को कांग्रेस भी समर्थन दे रही है जबकि अंदरखाने से पैंथर्स पार्टी भी।

Jammu Kashmir BJP shocked People's Alliance coalition seven parties challenge Zilla Parishad elections | जम्मू-कश्मीरः सात राजनीतिक दलों के गठबंधन पीपुल्स अलायंस की रणनीति से सदमे में भाजपा, सबसे बड़ी चुनौती जिला परिषद चुनाव

कानून का प्रत्यक्ष विरोध नहीं कर रहे, पर वे पीपुल्स अलायंस को इसके प्रति समर्थन देकर अपना विरोध जरूर जता रहे हैं।

Highlightsपरेशानी के आलम में प्रदेश भाजपा को सबसे बड़ी चुनौती जिला परिषद के चुनावों में मिलने वाली है।पीपुल्स अलायंस के समर्थन में खड़े होने लगे हैं जिन्हें लगता है कि भाजपा ने अपने वायदे पूरे नहीं किए और उन्हें धोखे में रखा। जम्मू के लोगों को भाजपा से शिकायत है कि उसने कश्मीरियों को खुश करने की खातिर जम्मू के लोगों को दोयम दर्जे का नागरिक बना दिया।

जम्मूः सात राजनीतिक दलों के गठबंधन पीपुल्स अलायंस के रणनीतिक कदमों से सबसे अधिक परेशान प्रदेश भाजपा है। उसकी परेशानी कश्मीर के साथ-साथ जम्मू के भी एक अच्छे खासे वर्ग द्वारा पीपुल्स अलायंस व उसकी नीतियों को समर्थन दिए जाने की है।

इसी परेशानी के आलम में प्रदेश भाजपा को सबसे बड़ी चुनौती जिला परिषद के चुनावों में मिलने वाली है। पीपुल्स अलायंस ने इन चुनावों में सांझा उम्मीदवार मैदान में उतारने की घोषणा कर भाजपा के के पांव तले जमीन खिसका दी है। पीपुल्स अलायंस को कांग्रेस भी समर्थन दे रही है जबकि अंदरखाने से पैंथर्स पार्टी भी।

ऐसे जम्मू के कई गुट भी अब डा फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व वाले पीपुल्स अलायंस के समर्थन में खड़े होने लगे हैं जिन्हें लगता है कि भाजपा ने अपने वायदे पूरे नहीं किए और उन्हें धोखे में रखा। यह सच है कि जम्मू के लोगों को भाजपा से शिकायत है कि उसने कश्मीरियों को खुश करने की खातिर जम्मू के लोगों को दोयम दर्जे का नागरिक बना दिया। माना कि जम्मूवासी जमीन की खरीद फरोख्त पर बनाए गए कानून का प्रत्यक्ष विरोध नहीं कर रहे, पर वे पीपुल्स अलायंस को इसके प्रति समर्थन देकर अपना विरोध जरूर जता रहे हैं।

ऐसे में भाजपा की परेशानी उन नेताओं को पार्टी में थामे रखने की भी है जो पिछले एक साल के दौरान अपनी जमीन को थामने की खातिर भाजपा के साथ चल पड़े थे और अब सात से अधिक राजनीतिक दलों के एक झंडे तले आ जाने के बाद वे अपने अपने दलों में वापस लौटने लगे हैं। याद रहे कांग्रेस, पीडीपी तथा नेकां के कई नेता भाजपा और अपनी पार्टी में चले गए थे।

उन्होंने अब अपने अपने पुराने दलों में वापस लौटने के लिए जमीन तैयार करनी आरंभ कर दी है। राजनीतिक पंडित भी मानते हैं कि इतने राजनीतिक दलों का एकसाथ आना भाजपा के लिए भारी साबित हो सकता है। इसका कश्मीर में उस पर जबरदस्त प्रभाव पड़ेगा पर भाजपा को कश्मीर में पड़ने वाले प्रभाव की चिंता नहीं है क्योंकि वह कश्मीर में अपने आप को कभी भी ज्यादा मजबूत नहीं मान पाई। पर जम्मू में दिखने जा रहे असर से बचने की खातिर वह हाथ पांव जरूर मारने लगी है।

Web Title: Jammu Kashmir BJP shocked People's Alliance coalition seven parties challenge Zilla Parishad elections

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